चार दिवसीय बैंक बंदी आंदोलन
राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण के खिलाफ बैंक कर्मचारियों की हड़ताल
गया : अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह मगध प्रमंडल कांग्रेस प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू ने कहा कि देश के राष्ट्रीयकृत बैंकों के निजीकरण, कर्मचारियों के हड़ताल, छटनी, ग्राहकों के दोहन से आमजन त्रस्त है।
उन्होंने कहा केन्द्र सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या को कम करने, निजीकरण करने, कर्मचारियों का छटनी करने, ग्राहकों से सेवा के नाम पर प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की लूट करने, जन, धन एवम् मुद्रा योजना के नाम पर गरीबों से करोड़ों खाते खोलवा कर पैसा वसूलने, बैंकों के रिजर्व राशि को सरकार द्वारा लेने के काम में मशगूल है।
नेताओं ने कहा की आज से चार दिनों तक बैंक बंद रहेगी। जिसमें 15 एवं 16 मार्च को कर्मचारियों के हड़ताल उनके जायज मांग को लेकर है। कर्मचारी बैंकों को बंद करने, उनके एकीकरण, छटनी, पेंसन आदि अपनी माँगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
नेताओं ने कहा की देश के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के गरीब, मध्यवर्गीय परिवार को सुविधा देने, बिना कोई सेवा शुल्क बैंकों द्वारा काम करने, काम ब्याज दर पर ऋण देने आदि के लिए बैंकों के राष्ट्रीयकरण की थी।
जिसे आज सत्ता में बैठे लोग छिन्न-भिन्न करने में लगे हुए हैं।
नेताओं ने कहा देश की आर्थिक स्थिति काफी दयनीय है। जबकि केन्द्र सरकार रिजर्व बैंक के मर्जेंशी फंड को भी ले लिया।
विश्व बैंक सहित अनेकों अंतर्राष्ट्रीय प्राइवेट बैंकों से कर्ज ले रखी है तो वहीं दूसरी ओर पेट्रोलियम पदार्थो से 22 हजार लाख करोड़ एवं जीएसटी से लाखो करोड़ जनता की जेब से निकालने का काम किया है। सभी प्रकार के टैक्सो में पहले से बढ़ोतरी भी किया गया है।
नेताओं ने कहा केन्द्र सरकार ने नोटेबंदी कर देश के 83 हजार लाख करोड़ हजार और पांच सौ के नोट को रद्द करने की भारी गलती की। देश की भोली-भाली जनता को उल्टा-सीधा समझा कर गुमराह कर रही है।
नेताओं ने कहा रद्द किए गए नोटों को नये सिरे से छपवाने में लाखो करोड़ रुपए खर्च के बोझ से देश की आर्थिक स्थिति बदहाल हुई है।
➖AnjNewsMedia