गया, 17 अगस्त 2023, पर्वत पुरुष Dashrath Manjhi महोत्सव 2023 धूमधाम से मना।
मिस्त्री के हथौड़े का कमाल

हैमर मैन के अहम योगदान से पहाड़ टूटा- रास्ता बना | Dashrath Manjhi की ऐतिहासिक गाथा ऐसी | गेहलौर गांव में मना मांझी महोत्सव 2023 | World Records Hammer Man Shivu Mistry ने Dashrath Manjhi को 22 साल तक फ्री छेनी- हथौड़ा देकर Mountain Man बना दिया। मिस्त्री के दिये हुए हथौड़े से मजदूर दशरथ ने पहाड़ का सिना चिर कर आमजनों के लिए सुगम रास्ता बनाया। उनके छेनी- हथौड़े के महान योगदान से मजदूर दशरथ माउंटेनमैन बना। उन्हीं का हथौड़ा दशरथ के जज्बे में जान फूंकी थी। जिस पर दशरथ की जीवनी जीवंत है। जो अटूट दोस्ती का बेमिशाल दास्ताँ बयां करती ! अनोखी इतिहास रची। हैमर मैन के हथौड़े के बल पर दशरथ ने कमाल कर दिखाया। उसने अकेले पहाड़ नहीं तोड़ा। उसके पीछे शिवू मिस्त्री की ताकत थी। मिस्त्री की देन से मांझी की मेहनत शानदार ! जबर्दस्त ! ज़िंदाबाद में तब्दील हुआ।
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Dashrath Manjhi महोत्सव का उद्घाटन द्वीप प्रज्वलन कर मंत्री ग्रामीण विकास के कर कमलों से किया गया। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री सह इम्मामगंज विधायक, नगर विधायक, सांसद जहानाबाद, अतरी विधायक, अतरी के पूर्व विधायक, ज़िला परिषद के अध्यक्ष सहित अन्य आगत अतिथियों द्वारा किया गया।

यादें Dashrath Manjhi | World Record Journalist- Screenwriter- Filmstar Ashok Kumar Anj का अहम योगदान ने दशरथ मांझी को दी ऊंची मुकाम – फिल्म से लेकर पुस्तक तक
उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि मनुष्य यदि ठान लें तो काई भी कार्य असंभव नहीं है। आज की भावी पीढ़ी के लिए यह एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। बॉलीवुड हॉलीवुड के बड़े-बड़े निर्माताओं ने उन पर कई फिल्में बनायी जो अत्यंत लोकप्रिय है।
पहाड़ से ऊँचा आदमी THE MAN WHO MOVED THE MOUNTAIN”, MANJHI THE MOUNTAIN MAN इत्यादि फिल्म बेहद लोकप्रिय रही।
इसके उपरांत ज़िला पदाधिकारी द्वारा आगत अतिथियों को अंगवस्त्र एवं समृति चिन्ह दे कर स्वागत किया। मंत्री ग्रामीण विकास द्वारा पर्वत पुरुष Dashrath Manjhi के बेटा को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह दे कर उनका अभिनन्दन किया।
यादों में Mountain Man Dashrath Manjhi

ज़िला पदाधिकारी गया ने स्वगत भाषण देते हुए कहा कि आज पर्वत पुरुष के नाम से प्रसिद्ध Dashrath Manjhi के 16वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित Dashrath Manjhi महोत्सव, 2023 में उपस्थित बिहार सरकार के मंत्री ग्रामीण विकास विभाग बिहार श्रवण कुमार, मच पर उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री-सह-इमामगंज विधायक, मंचासीन सांसद जहानाबाद, विधायक नगर / अतरी, पूर्व विधायक अतरी, विधान पार्षद एवं गणमान्य व्यक्ति कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य समय देकर शामिल होने के लिए हम आप सबों का हार्दिक अभिनंदन करते हैं।
अपनी दृढ संकल्प कर्मठता एवं अगम्य साहस के बल पर दशरथ मांझी द्वारा किए गए इस अद्भूत कार्य के कारण न सिर्फ गया जिला बल्कि बिहार राज्य तथा भारत देश को गौरवान्वित किया है। इस कार्य के लिए पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के सम्मान में आयोजित इस महोत्सव में में सर्वप्रथम गेहलौर की धरती का नमन करता हूँ जिसने ऐसे जीवट पुरुष को जन्म दिया।
आपको बता दें कि Dashrath Manjhi की पत्नी फाल्गुनी देवी इसी पहाड़ के कारण बुरी तरह घायल हो गई थी। चिकित्सीय ईलाज के लिए गेहलौर से 55 किलोमीटर दूर वजीरगंज में होने के कारण उनकी पत्नी ने दशरथ मांझी के सामने प्राण त्याग दिए।
यह दृश्य Dashrath Manjhi को पूरी तरह झझोर कर रख दिया। उनकी अंतरात्मा उन्हें कचोट रही थी कि यदि यह पहाडबीच में नहीं होता तो वे अपनी पत्नी का उचित ईलाज के लिए आसानी से वजीरंगज चले जाते और उनकी पत्नी आज उनके साथ होती।
वर्ष 1960 में Dashrath Manjhi ने इस दुर्गंग पहाड़ को केवल एक छेनी और हथौड़ा के सहारे 22 वर्षों के कठोर परिश्रम, लगन एवं जीवटता के बल पर पहाड़ का सीना चीरकर एक सुगम्य रास्ता बना दिया। जिससे गेहलौर से वजीरंगज की दूरी 55 किलोमीटर से मात्र 15 किलोमीटर हो गया। आज इस मार्ग का लाभ आज हजारों लाखों लोगों को मिल रहा है।
इनकी कर्मठता से प्रभावित होकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाया और उनके द्वारा किए गए अदभूत कार्य की कहानी को पूरी दुनिया के सामने लेकर आए राज्य सरकार द्वारा Dashrath Manjhi के नाम पर स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया।
जहाँ उनकी जीवंत आकार की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है। मंदिर प्रांगण में छायादार वृक्ष सहित आगंतुकों के बैठने के लिए बेंच की सुविधा, जन सुविधा, प्याऊ, पार्किंग आदि का निर्माण किया गया है।

रॉक कट के दोनों छोर पर भव्य द्वार का भी निर्माण करवाया गया है, जिसका नाम “Dashrath Manjhi द्वार” है। सड़क की कुल लम्बाई 03 किलोमीटर है। उनकी याद में स्मृति भवन बनाया गया जहाँ उनके द्वारा उपयोग में लाए गए छेनी हथौड़ा एवं अन्य सामान है।
साथ ही साथ अस्पताल, ओ०पी० पंचायत भवन, किसान भवन समाधी स्थल तथा गेहलौर का पर्यटकीय विकास किया गया है। कई बार उन्होंने पैदल ही दिल्ली तक की यात्रा की थी।
इस वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा Dashrath Manjhi समाधी स्थल के पास सामुदायिक भवन का निर्माण जिसकी कुल लागत राशि 46 लाख 54 हजार रूपये है। प्राथमिक विद्यालय, गेहलौर का निर्माण में 28 लाख 59 हजार रुपये की लागत से निर्माण करवाया जा रहा है।
समाधी स्थल एवं गेहलौर घाटी के सड़क किनारे 1000 पौधारोपण एवं बागवानी कार्य करवाया गया है। जिसमें कुल लागत राशि 39 लाख 64 हजाररूपये है। Dashrath Manjhi स्थल पर बंद पडे लाईटों की मरम्मती कार्य तथा शौचालय में पानी की व्यवस्था किया गया है।
आपको बता दें कि Dashrath Manjhi स्मृति भवन में Display Board पर Dashrath Manjhi के जीवनी संबंधित पोस्टर एवं भवन के बाहर प्रकाशयुक्त बोर्ड का कार्य करवाया गया है।
इसके अलावा दशरथ नगर में मिनी जलापूर्ति को मरम्मती कराकर नल-जल योजना को शुरू किया गया है। जिसमें 42 लाख 86 हजार रूपये की लागत से करवाया गया। Dashrath Manjhi समाधी स्थल के पास स्टैण्ड पोस्ट एवं 10 चापाकल का अधिष्ठापन करवाया गया है। जिस कार्य में कुल 17 लाख रूपये की लागत से हुए हैं।