जिले में अवैध अफीम गांजा उत्पादन पर समीक्षा
गया: जिला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में गया जिले में अफीम, गांजा एव अन्य मादक पदार्थों का अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में आयोजित की गई।
अफीम, गांजा अन्य मादक पदार्थों का अवैध उत्पादन पर रोकथाम एवं विनष्टीकरण समीक्षा: DM |
बैठक में मुख्य रूप से जिले में अफीम की खेती पर रोकथाम लगाने, अवैध शराब, गांजा इत्यादि मादक पदार्थों की आवाजाही पर रोकथाम एवं इसके संबंध में लोगों को जागरूक करने, संबंधित माफिया नेटवर्क को समाप्त करने इत्यादि कार्रवाई करने हेतु विचार विमर्श किया गया।
बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि गया जिले के बाराचट्टी, बांकेबाजार एवं अन्य स्थानों पर अफीम की खेती को बंद करने एवं इसके स्थान पर लेमनग्रास की खेती को प्रोत्साहित करने का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 50 एकड़ क्षेत्र में कृषि विभाग द्वारा लेमनग्रास की खेती किया गया है। साथ ही लेमनग्रास की खेती करने हेतु किसानों/लोगों को जागरूक एवं प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बाराचट्टी, बांकेबाजार में लेमनग्रास की अच्छी खेती की जा रही है। डोभी प्रखंड में भी 10 एकड़ में लेमनग्रास की खेती की जा रही है।
बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि पिछले वर्ष 578 एकड़ में लगे अफीम की खेती का विनष्टीकरण किया गया है। उन्होंने बताया कि पिछले महीने अवैध शराब, गांजा इत्यादि के बड़े खेप को पकड़ा गया है परंतु मुख्य उद्देश्य यह है कि गया जिले में मादक पदार्थों के नेटवर्क को ध्वस्त किया जाए। इस कार्य हेतु वाहनों की सघन चेकिंग तथा आसूचना प्राप्त कर उसपर त्वरित कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है।
जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि रोशनगंज, डुमरिया, इमामगंज क्षेत्र में भी विशेष फोकस किया जाना चाहिए।
जिला पदाधिकारी द्वारा बैठक में निर्देश दिया गया कि निजी जमीन तथा राजस्व भूमि पर, जहां अफीम की खेती होती है, वहां अंचलाधिकारी प्राथमिकी दर्ज करना सुनिश्चित करें। साथ ही वन क्षेत्र में अफीम की खेती पर कार्रवाई करने हेतु वन विभाग को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया।
विनष्टीकरण से संबंधित समीक्षा बैठक |
बैठक में एनसीबी (नारकोटिक नियंत्रण बोर्ड) के क्षेत्रीय निदेशक द्वारा बताया गया कि गया जिले में सबसे अधिक इस विषय पर कोआर्डिनेशन मीटिंग हुई है। उन्होंने बताया कि हमारे कार्यालय में जो भी आसूचना प्राप्त होता है, उसपर तेजी से कार्रवाई की जाती है। साथ ही सहयोगी एजेंसी को भी आसूचना साझा किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि सहयोगी एजेंसी को प्रभावी प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है, इस कार्य हेतु परिश्रमी एवं अच्छे पदाधिकारियों की सूची तैयार कराकर नारकोटिक नियंत्रण बोर्ड को भेजा जाए।
उन्होंने बताया कि ड्रग डिटेक्शन किट की डिमांड किए जाने पर गया जिले को एक से अधिक ड्रग डिटेक्शन किट दिया जा सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने हेतु एनएफसीडीए के माध्यम से आवंटन दिया जा सकता है।
इस आवंटन से जागरूकता संबंधी कार्य किया जा सकता है। प्रस्ताव को शीघ्र भेजने का अनुरोध किया गया है। उन्होंने बताया कि एनसीपीसीआर कार्यक्रम में गया एवं औरंगाबाद ज़िला को शामिल किया गया है, जिसके द्वारा बच्चो एवं युवाओं में ड्रग से बचने एवं इससे छुटकारा पाने के बारे में जागरूक किया जाता है।
बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक, गया, श्री राकेश कुमार ने बताया कि बाराचट्टी तथा शेरघाटी अनुमंडल में अच्छे कार्य किए जा रहे हैं, परंतु और अधिक प्रभावी कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी तथा संबंधित क्षेत्र के थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि अधिक से अधिक सूचना आप एकत्रित करें, माफिया लोगों की एक्टिविटी पर ध्यान दें।
उन्होंने कहा कि बाराचट्टी, इमामगंज का वन क्षेत्र अफीम की खेती हेतु काफी संवेदनशील है। ऐसे स्थानों पर कार्रवाई हेतु सूचना तंत्र को और अधिक मजबूत किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि अवैध शराब की आवाजाही हेतु संगठित गिरोह सक्रिय है।
अब महंगी एवं लग्जरी वाहन के द्वारा भी स्मगलिंग की जा रही है, जिसे सघन चेक करने की आवश्यकता है। समय के साथ में हमें अपने नीति में भी परिवर्तन लाने की जरूरत है।
उन्होंने शेरघाटी सहित अन्य अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निदेश दिया कि ऐसे पुलिस पदाधिकारी की सूची बनावें, जो ऊर्जावान, परिश्रमी हैं, उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गया जिले में ड्रग से मुक्ति एवं इसकी रोकथाम हेतु जागरूकता अभियान चलाया गया है, जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।
बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी एवं वन विभाग के पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि किसानों एवं अन्य लोगों को अफीम की खेती छोड़ने एवं लेमनग्रास की खेती करने हेतु प्रेरित एवं जागरूक किया जा रहा है। साथ ही वन उत्पादित पदार्थों से रोजगार प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण भी दिए जा रहे हैं।
बैठक में सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट, एसएसबी के प्रतिनिधि, अनुमण्डल पदाधिकारी, शेरघाटी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, शेरघाटी, सहायक आयुक्त, उत्पाद एवं मद्य निषेध तथा वन विभाग के पदाधिकारी, ज़िला कृषि पदाधिकारी, ज़िला जन सम्पर्क पदाधिकारी, विशेष कार्य पदाधिकारी, संबंधित थानाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
जलजीवनहरियाली दिवस : परिचर्चा |
उप विकास आयुक्त, गया श्री सुमन कुमार की अध्यक्षता में जल जीवन हरियाली दिवस के अवसर पर राज्य स्तर पर आयोजित परिचर्चा में भाग लिया गया। परिचर्चा का विषय सार्वजनिक जल संचयन यथा तालाबों, आहरों, पोखरों का जीर्णोद्धार रखा गया, जिसपर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
लघु जल संसाधन विभाग के सचिव द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019-2020 में 1,783 योजना लिए गए, जिसमें से 1,117 योजनाओं के अंतर्गत तालाब, पईन, आहर इत्यादि का निर्माण तथा जीर्णोद्धार किया गया। वर्ष 2019-2020 तथा 2020-2021 में 1,662 योजनाओ का क्रियान्वयन किया गया। इस वर्ष 185 योजनाओ का चयन किया गया है।
परिचर्चा में बताया गया कि 5 एकड़ से अधिक आहर, पईन का निर्माण एवं जीर्णोद्धार लघु जल संसाधन विभाग द्वारा किया गया। जल संसाधन विभाग में अधीक्षण अभियंता, श्री रविन्द्र कुमार झा द्वारा परिचर्चा में बताया गया कि माननीय मुख्यमंत्री बिहार द्वारा जल जीवन हरियाली अभियान के माध्यम से पर्यावरण एवं प्रकृति को नया जीवन देने का कार्य किया है।
सार्वजनिक जल संरचनाओं, सार्वजनिक कुओ का जीर्णोद्धार, नए जल स्रोतों का सृजन, सघन वृक्षारोपण, जैविक खेती, सौरऊर्जा को प्रोत्साहित करने का कार्य जल जीवन हरियाली द्वारा किया जा रहा है।
परिचर्चा |
उन्होंने बताया कि जल जीवन हरियाली अंतर्गत ही गंगा जल उद्भव योजना का क्रियान्वयन तेजी से कराया जा रहा है, जिससे नवादा, राजगीर, गया एवं बोधगया में पाइपलाइन के द्वारा गंगा के जल को लाकर इन ज़िलों में जलापूर्ति की जाएगी। उन्होंने बताया कि 150 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाया जा रहा है। गया के अबगिला में जल शोधन संयंत्र लगाया जा रहा है। पूरी योजना का 65% का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
परिचर्चा में वन एवं पर्यावरण विभाग के एपीसीसीएफ श्री राकेश कुमार द्वारा बताया गया कि वन विभाग द्वारा सघन वृक्षारोपण तथा चेक डैम निर्माण बड़े पैमाने पर किया गया है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 2 करोड़ वृक्षारोपण कार्य को पूर्ण कर लिया गया है। वर्षा की अच्छी स्थिति को देखते हुए अभी भी वृक्षारोपण किया जा रहा है।
परिचर्चा में अन्य पदाधिकारियों एवं अभियंताओ द्वारा भाग लिया गया।
ज़िला स्तर पर निदेशक डीआरडीए, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु जल संसाधन, डीपीओ मनरेगा, विशेष कार्य पदाधिकारी सहित वन विभाग, विधुत, जीविका, जल संसाधन विभाग के प्रतिनिधि परिचर्चा में शामिल थे।
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पंचायत आम निर्वाचन, 2021 के अवसर पर निर्वाचन कार्य हेतु प्रतिनियुक्त गश्ती दल दंडाधिकारियों/सूक्ष्म प्रेक्षकों/मतदान कर्मियों तथा पीठासीन पदाधिकारी प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय मतदान पदाधिकारी द्वारा चिकित्सा प्रमाण पत्र के आधार पर मतदान कार्य से मुक्त का अनुरोध किया गया है।
मतदान कार्य से मुक्त होने हेतु मेडिकल बोर्ड की जांच आवश्यक है, जिसके लिए दिनांक 10 एवं 11 सितंबर, 2021 को पूर्वाहन 10:00 बजे से +2 जिला स्कूल स्थित सभाकक्ष में मेडिकल बोर्ड गठित किया जाएगा। इस मेडिकल बोर्ड में प्रतिनियुक्त मतदान कर्मी अपना मेडिकल जांच करवा सकते हैं। नियमानुसार सभी आवश्यक कागजात एवं वस्तुस्थिति की जांच में सत्य पाए जाने पर ही संबंधित को निर्वाचन कार्य से मुक्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा सकती है।
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 द्वितीय अपील के तहत ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा आज कुल 13 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें कुछ मामलों का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया।
अपीलार्थी दिलीप सिंह, वजीरगंज द्वारा पूर्व में नल जल योजना के संबंध में वाद दायर किया गया था, जिसमें जिला पदाधिकारी द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी, वजीरगंज को जांच कर कार्य कराने हेतु निर्देशित किया गया था, परंतु प्रखंड विकास पदाधिकारी, वजीरगंज द्वारा समय पर कार्य नहीं किया गया, जिस कारण जिला पदाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी, वजीरगंज पर रुपए 500 का जुर्माना लगाया।
अपीलार्थी विजय सिंह, टनकुप्पा द्वारा फर्जी परवाना निर्गत किए जाने के संबंध में शिकायत दर्ज की गई थी। जिला पदाधिकारी ने अंचल अधिकारी, टनकुप्पा को निर्देश दिया कि इस तथ्य की जांच करें, यदि मामला सत्य पाया जाता है, तो संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई करें।