गया ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी (पंचायत) सह ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में पंचायत आम चुनाव 2021 को स्वच्छ, शांतिपूर्ण, निष्पक्ष एवं सुरक्षित वातावरण में सम्पन्न कराने हेतु संबंधित पदाधिकारियों, निर्वाची पदाधिकारियों, अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारियों को सफलतापूर्वक एवं त्रुटि रहित चुनाव संपन्न कराने का निर्देश दिया गया।
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त्रुटि रहित चुनाव कराने का निर्देश: DM |
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि पंचायत चुनाव को हल्के में न लेते हुए पूरी गंभीरता एवं संवेदनशीलता के साथ इस चुनाव में कार्य करें। विधि व्यवस्था की दृष्टि से यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण है।
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विधि व्यवस्था की दृष्टि से यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण |
बैठक में उपस्थित अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, थानाध्यक्ष, अंचल अधिकारी को निदेश दिया गया कि शस्त्रों का सत्यापन अच्छी तरह कराना सुनिश्चित करें तथा असामाजिक तत्वों पर निरोधात्मक कार्रवाई के तहत जो सूची में है, उनपर निरोधात्मक कार्रवाई पूरी सख्ती के साथ करावें। असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखते हुए उनपर धारा 107 की कार्रवाई करें तथा बाउंड डाउन की कार्रवाई करें।
जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी निर्वाची पदाधिकारी (प्रखंड विकास पदाधिकारी) एवं जिला परिषद के लिए अनुमण्डल पदाधिकारी को निदेश दिया कि जो निर्वाची पदाधिकारी इस चुनाव को हल्के में लेंगे, उन्हें परेशानी झेलनी होगी। अतः इस चुनाव की तैयारी अच्छी तरह करें।
ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी ने गस्ती दल दंडाधिकारी (पीसीसीपी) का गठन एवं टैगिंग पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया। उन्होंने अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निदेश दिया कि वे सावधानीपूर्वक पीसीसीपी के गठन अपनी देख रेख में करावें। पीसीसीपी संबंधी प्रस्ताव अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी के माध्यम से भेजे। उन्होंने बताया कि अनुमण्डल स्तर पर ब्रजगृह/मतगणना केंद्र बनाया जा रहा है। अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी मतगणना केंद्र एवं ब्रजगृह का व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण करेंगे तथा अपने हस्ताक्षर से प्रस्ताव भेजेंगे।
ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी ने उपस्थित सभी पदाधिकारियों विशेषकर निर्वाची पदाधिकारी को निदेश दिया कि ईवीएम को सावधानीपूर्वक हैंडल करेंगे ताकि यह खराब न हो, क्योंकि चरणवार उसी ईवीएम का उपयोग करना होगा। उन्होंने कर्मियों को अच्छी तरह प्रशिक्षण प्राप्त करने तथा उसकी सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया।
ज़िला निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा निर्वाची पदाधिकारी को मतपत्र की शुद्धता, नाम निर्देशन, स्क्रूटनी तथा मतगणना के लिए पर पूरी जानकारी रखने का निदेश दिया। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी सभी अनुदेशों का अच्छी तरह अध्ययन कर जानकरी प्राप्त करने की नसीहत दी।
बैठक में नामांकन प्रक्रिया के बारे में बताया गया कि नामांकन का समय पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 04 बजे तक रखा गया है। नामांकन शुल्क ज़िला परिषद पद के सामान्य वर्ग के लिए 2,000 रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग को महिला के लिए 1,000 रुपये होगा। उसी प्रकार सामान्य वर्ग के मुखिया/सरपंच/पंचायत समिति सदस्य के पद के लिए 1,000 रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग को महिला के लिए 500 रुपये होगा। सामान्य वर्ग के पंच/ग्राम पंचायत सदस्य पद के लिए 250 रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति/पिछड़ा वर्ग को महिला के लिए 125 रुपये होगा। बैठक में बताया गया कि ऑनलाइन के माध्यम से भी नामांकन दाखिल करने की सुविधा दी गयी है।
बैठक में बताया गया कि पंच एवं सरपंच पद के लिए मतदान मतपेटिका द्वारा किया जाएगा, जबकि मुखिया, ग्राम पंचायत सदस्य, पंचायत समिति/ज़िला परिषद पद का मतदान ईवीएम के माध्यम से किया जाएगा।
चुनाव प्रचार प्रसार हेतु ज़िला परिषद सदस्य के अभ्यर्थी अधिकतम 1 लाख रुपये तक व्यय कर सकेंगे। मुखिया एवं सरपंच पद के लिए 40,000 रुपये, पंचायत समिति सदस्य पद के लिए अभ्यर्थी 30,000 तथा ग्राम पंचायत सदस्य एवं पंच के अभ्यर्थी के लिए 20,000 अधिकतम व्यय कर सकेंगे।
बैठक में मॉक पोल के संबंध में बताया गया कि वास्तविक मतदान प्रारंभ होने के 90 मिनट पूर्व मॉक पोल करा लेना आवश्यक होगा। मॉक पोल के समय ईवीएम में रिकॉर्ड डेटा को शून्य किया जाना आवश्यक है तथा अभिकर्ता को भी शून्य डाटा दिखाना आवश्यक है।
बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी अनुमण्डल पदाधिकारी एवं अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी/थानाध्यक्ष को निदेश दिया कि असामाजिक तत्वों पर कड़ी निगाह रखते हुए इनपर निरोधात्मक कार्रवाई के तहत धारा 107 लगाते हुए बाउंड डाउन की प्रक्रिया सुनिश्चित करें तथा बाउंड डाउन हेतु प्रभावी राशि सुनिश्चित करें।
बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक श्री राकेश कुमार ने अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी तथा थानाध्यक्ष को निदेश दिया कि शस्त्रों का सत्यापन अच्छी तरह करावे तथा अनुज्ञप्तिधारी शस्त्र लेकर इधर-उधर प्रदर्शन न करें, इसे सुनिश्चित करें। साथ ही अंतरराज्यीय तथा अंतर ज़िला की सीमा पर सघन वाहन चेकिंग, अवैध शराब चेकिंग कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी निर्वाची पदाधिकारी को निदेश दिया कि मतदाताओं को भयमुक्त, स्वच्छ एवं निष्पक्ष तथा शांतिपूर्ण चुनाव के बारे में बतावें। साथ ही कमज़ोर वर्ग के मतदाताओं वाले क्षेत्र हेतु विशेष अभियान चलावें ताकि मतदाताओं में निर्भय वातावरण बने और वे स्वतंत्र रूप से मतदान कर सकें।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, अपर समाहर्त्ता (लोक शिकायत), ज़िला पंचायत राज पदाधिकारी, निदेशक, डीआरडीए, ज़िला जन सम्पर्क पदाधिकारी, सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी, सभी पुलिस उपाधीक्षक, सभी कोषांगों के वरीय पदाधिकारी एवं नोडल पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
जिला पदाधिकारी श्री अभिषेक सिंह की अध्यक्षता में विधि व्यवस्था, भूमि विवाद एवं मध निषेध, लोक शिकायत से संबंधित समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई
बैठक में जिला पदाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि भूमि विवाद से संबंधित बैठक अपने-अपने क्षेत्रों में अनिवार्य रूप से कर ले तथा उसके रिपोर्ट विभागीय पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित करें। भूमि विवाद से संबंधित मामलों को मुख्य सचिव, बिहार के स्तर से निगरानी किया जा रहा है। इसलिए निर्धारित समय अवधि में अपने-अपने अनुमंडल में बैठक कर ले। साथ ही उन्होंने सभी अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को निर्देश दिया कि प्रत्येक सप्ताह अनिवार्य रूप से थाना स्तर पर भूमि विवाद के मामलों का सुनवाई करते हुए अधिक से अधिक मामलों का निवारण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत जितने भी भूमि विवाद के मामले आ रहे हैं, उन संबंधित सभी मामलों में लोक प्राधिकार अनिवार्य रूप से प्रतिवेदन सहित उपस्थिति दर्ज कराये, ताकि मामलों का निवारण किया जा सके।
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भूमि अतिक्रमण के समीक्षा |
भूमि अतिक्रमण के समीक्षा के दौरान अपर समाहर्ता लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने बताया कि अंचल स्तर पर 211 मामले लंबित हैं। जिला पदाधिकारी ने संबंधित अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि अतिक्रमण के मामले की सुनवाई करते हुए अतिक्रमण वाद चलाकर संबंधित भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराएं। साथ ही अधिक्रमित जमीन जिसका अनुपालन करा लिया गया है उसकी रिपोर्ट संबंधित पोर्टल पर अपलोड कराएं। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि डाटा एंट्री के अभाव में अनुपालन प्रतिवेदन लंबित नहीं रहे, यह ध्यान दें। उन्होंने सभी अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अतिक्रमण मुक्त कराने हेतु पर्याप्त संख्या में अंचलाधिकारियों को पुलिस बल उपलब्ध कराएं।
भू मापी के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने खिजर सराय, इमामगंज, बांके बाजार, गुरुआ के अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया कि भू मापी के कार्य में तेजी लाएं।
सीएम डैशबोर्ड तथा सीपीग्राम के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने लंबित आवेदनों को शीघ्रता पूर्वक सुनवाई करते हुए निवारण कराने का निर्देश दिए।
जिला पदाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि आगामी पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए अपराधी प्रवृत्ति वाले लोगों को चिन्हित करते हुए प्रभावी राशि तय करते हुए बाउंड डाउन कराएं। अपने-अपने क्षेत्रों में धारा 107 के तहत प्रभावी कार्रवाई करें।
कब्रिस्तान घेराबंदी के समीक्षा में जिला पदाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वैसे संवेदनशील कब्रिस्तान जिन्हें घेराबंदी किया जाना आवश्यक है, उसे चिन्हित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी स्वयं स्थल निरीक्षण कर उसका प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। साथ ही वैसे कब्रिस्तान की जमीन जिसका मापी का कार्य पूर्ण हो चुका है, उसका प्रस्ताव अति शीघ्र उपलब्ध कराएं।
मध निषेध एवं उत्पाद विभाग की समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने कहा कि आगामी पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए जप्त शराबों का विनष्टीकरण का कार्य अति शीघ्र कराएं। सहायक आयुक्त उत्पाद ने बताया कि 25 अगस्त को 22500 लीटर शराब को विनष्टीकरण किया गया है। साथ ही पिछले कुछ दिन पहले लगभग 2 करोड रुपए से अधिक का गांजा जप्त किया गया है। जप्त वाहनों की नीलामी प्रक्रियाधीन है। सितंबर प्रथम सप्ताह में लगभग 168 वाहनों की नीलामी की जाएगी। सहायक आयुक्त उत्पाद ने बताया कि मध निषेध से संबंधित कोर्ट की सुनवाई लगातार की जा रही है।
बैठक में नगर पुलिस अधीक्षक श्री राकेश कुमार, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सहायक आयुक्त उत्पाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, वरीय उप समाहर्ता गण सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
जीविका द्वारा कराया जा रहा स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित प्रशिक्षण
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जागरूकता फैलाने के उद्देश्य |
समुदाय के माध्यम से महिलाओं में स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से जीविका द्वारा समुदायिक उत्प्रेरक जीविका दीदियों जिसे जीविका मित्र भी कहते हैं का प्रशिक्षण गया में कराया जा रहा है। संबंधित प्रखंड क्षेत्र की स्वास्थ्य एवं पोषण एमआरपी, सीएनआरपी,आदि भी प्रशिक्षण में भाग ले रहीं हैं। 24 में से बारह प्रखंडों द्वारा अलग-अलग बैचों के माध्यम से अभी तक 1334 समुदायिक उत्प्रेरकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आगामी 15 सितंबर तक 3903 जीविका मित्रों का प्रशिक्षण होना है। इसके पश्चात प्रशिक्षत जीविका मित्रों द्वारा समहू की अन्य दीदियों को स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन संबंधित जानकारी दी जाएगी ताकि समूह की प्रत्येक महिला तक ये जानकारियां पहुंच सकें। जीविका के प्रबंधक स्वास्थ्य एवं पोषण शंभु प्रकाश द्वारा बताया गया कि यह पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण है जसमें रंगीन फ्लिपचार्ट के माध्यम से स्वच्छता, स्वास्थ्य, पोषण एवं व्यवहार परिवर्तन से संबंधित मुद्दों को समझया जाता है। स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता की जानकारी से लोगों के जीवन में कई सकारत्मक बदलाव आता है। इससे मातृत्व मृत्युदर में कमी आती है। आहार विविधता एवं व्यवहार परिवर्तन अपना कर पैसे की बचत एवं कुपोषण जनित रोगों से बचाव होता है।
सरकार का लक्ष्य है कि ग्रामीण महिलाओं तक स्वच्छता, स्वास्थ्य एवं पोषण की जानकारी पहुंचे। जीविका समुदाय के माध्यम से इसके लिए पुरे बिहार में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य कार्य किया जा रहा है। हाल ही में जीविका जिला कार्यालय द्वारा 70 क्षेत्रीय समन्वयकों/ संकुल प्रभारियों का चार दिवसीय प्रशिक्षण प्रशिक्षुओं का प्रशिक्षण कराया गया था। अब सभी प्रशिक्षत संकुल प्रभारी जीविका मित्रों द्वारा प्रशिक्षण कराया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान अन्य जानकारियों के साथ कोरोना महामारी से बचाव के लिए स्वच्छता के साथ टीकाकरण, मास्क का प्रयोग, आदि विषयों पर भी चर्चा होती है। प्रशिक्षण के उपरांत जीविका मित्र, एमआरपी, सीएनआरपी, आदि स्वयं सहायता समूहों और ग्राम संगठन के माध्यम से समुदाय में अन्य दीदियों के बीच स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता पर जागरकता फैलाने का कार्य करेंगी। स्वास्थ्य एवं पोषण पर बने चार मॉडुल के माध्यम से स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता एवं व्यवहार परिवर्तन जैसे मुद्दों को दीदियों को समझया गया है। नियमित सामुदायिक बैठक के माध्यम से सभी इन विषयों की चर्चा महिलाओं के बीच की जाएगी। जैसे स्वच्छता एवं आहार विविधता से लाभ, व्यवहार परिवर्तन का अर्थ, शिशु को स्तनपान करने का महत्व, पूरक आहार, महिलाओं के लिए पौष्टिक आहार, आदि के महत्व। इस प्रशिक्षण में जीविका दीदियों को दस आहार समूह के विषय में बताया गया जिनको लेने से कुपोषण से बचा जा सकता है जैसे हरी सब्जियां, मौसमी फल, अंकुरित अनाज,दाल, दूध, अण्डा, मांस-मछली, आदि। उन्होंने शिशुओं और गर्भवती माताओं को दिए जाने वाले आहार के विषय में जानकारी से लाभ होगा।