अंबेडकर छात्रावास का निरीक्षण
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अंबेडकर छात्रावास मटिहानी के नए भवन का निरीक्षण किये DM त्यागराजन |
गया : DM डॉ० त्यागराजन एसएम ने बोधगया प्रखंड अंतर्गत अंबेडकर छात्रावास मटिहानी के नए भवन का निरीक्षण किया।
यह अंबेडकर छात्रावास लगभग 4.38 एकड़ में बना है। इस अंबेडकर छात्रावास में स्कूल भवन जिसकी क्षमता 720 है।
बॉयज हॉस्टल जिसकी क्षमता 360 है, गर्ल्स हॉस्टल जिसकी क्षमता 360 है, शिक्षकों के रहने के लिए 2BH का क्वार्टर, प्रत्येक 5 विद्यार्थियों पर एक टॉयलेट की व्यवस्था, बड़े आकार का पर्याप्त किचन, मेस इत्यादि बना हुआ है।
इस अंबेडकर छात्रावास के सभी कमरों में सभी प्रकार के अत्याधुनिक फर्नीचर, कुर्सी, टेबल, इलेक्ट्रिक वायरिंग तथा इलेक्ट्रिक संबंधित सभी प्रकार के उपकरण को लगा दिया गया है।
DM ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि काफी बड़ा एवं ओपनस्पेस में यह भवन बनकर तैयार है। इस छात्रावास में 12वीं तक के विद्यार्थियों को रहने एवं पढ़ने इत्यादि की सभी व्यवस्थाएं हैं।
इसके उपरांत जिला पदाधिकारी द्वारा एक-एक कर सभी कमरों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने पूरे परिसर के विभिन्न ब्लॉक्स में पर्याप्त साइनेज तथा डायरेक्शन बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया।
उन्होंने घूम- घूम कर हॉस्टल के सभी फर्नीचर यथा टेबल, कुर्सी, बेड के साथ साथ टॉयलेट, मेस आदि को देखा।
उन्होंने जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि 7 दिनों के अंदर सभी छोटी मोटी जो भी काम बचे हैं, उसे पूर्ण करते हुए 10 जनवरी तक इसमें पठन पाठन कार्यक्रम प्रारंभ करवाये।
उन्होंने कहा कि एफसीआई माल गोदाम के समीप धुरवे गांव के समीप कल्याण विभाग के अंबेडकर छात्रावास प्राइमरी के छात्रावास को इस नए छात्रावास में शिफ्ट करावे। तथा 10 जनवरी से हर हाल में पढ़ाई शुरू करा देना सुनिश्चित करें।
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इसी क्रम में मशरूम ग्राम का भी DM त्यागराजन ने लिया जायजा |
इसके उपरांत जिला पदाधिकारी द्वारा बोधगया के बकरौर गांव, जो मशरूम ग्राम से प्रचलित है, उसका भी निरीक्षण किया। इस गांव में महिलाओं के समूह द्वारा बटन मशरूम का उपज किया जा रहा हैं।
उपस्थित महिलाओं ने DM को बताया कि 150 रुपये से 200 रुपये प्रति किलो की भाव से स्थानीय बाजार में मशरूम को बेची जा रही है।
मशरूम से अच्छी आय प्राप्त हो रही है। बटन मशरूम के बाद उससे बचे शेष अवशेष अर्थात मशरूम का जड़ को, तालाब में डाल दिया जाता हैं, जिससे मछली पालन भी होती है। उन्होंने बताया कि हम स्थानीय लोगो द्वारा चार से पांच तालाब बनाया गया है।
मछली के अच्छे फीड के रूप में यह मशरूम का जड़ कार्य करता है। इसके उपरांत उसी गांव में चाइनीस कैब्बेज की खेती जो चाइना एवं तिब्बत के लोग को काफी पसंद आते हैं, उसे इस गांव में 5 एकड़ में लगाया गया है।
स्थानीय मार्केट में काफी अच्छी मांग है उसके साथ साथ काफी अच्छी आय भी मिल रही है। इसके अलावा चाइनीस साग की खेती भी की जा रही है यह मांग आधारित खेती है।
बोधगया चुकी अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक स्थल है यहां आए दिन विदेश से लोग आते रहते हैं। इस पूरे क्षेत्र में ब्रोकली तथा बंधा गोभी की खेती बड़ी पैमाने पर लगाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में धान गेहूं के जगह यह काफी अच्छी उपज देती है, जिससे अच्छी आमदनी भी मिलती है।
निरीक्षण के दौरान एक किसान ने बताया कि वह जैविक खेती/ जैविक सब्जी कर रहे हैं, उनके प्रमाणीकरण की आवश्यकता है।
DM ने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि उक्त किसान का सर्टिफिकेट को जांच करते हुए अग्रेतर कार्रवाई करे, ताकि किसान को सहायता मिल सके।
इसके उपरांत बोधगया के बतसपुर गांव का निरीक्षण किया। बतसपुर गांव में गोवर्धन योजना के तहत गोबर गैस प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिसका कार्य लगभग अंतिम स्थिति में है।
इस योजना से लगभग 50 महादलित घरों में सीधे गोबर गैस के माध्यम से गैस सप्लाई होगा। जिससे लोग खाना बनाएंगे। घर-घर कनेक्शन देने का कार्य प्रगति पर है। गोबर गैस का टंकी बनकर तैयार है।
नल जल योजना के जानकारी लेने पर स्थानीय मुखिया द्वारा बताया गया कि नल जल योजना पीएचईडी विभाग द्वारा संचालित है।
कहीं कहीं लीकेज रहने के कारण पानी का प्रेशर काफी कम है। स्थानीय मुखिया ने जगह-जगह पर चेकवॉल्व लगाने का अनुरोध किया।
DM ने कहा कि पानी की बर्बादी को रोकने तथा पानी के प्रेशर को बनाए रखने के लिए जगह जगह पर वाल्व की आवश्यकता सही है। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को वॉल्व लगाने का निर्देश दिया।
निरीक्षण के दौरान अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बोधगया, प्रखंड विकास पदाधिकारी बोधगया, जिला कृषि पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
– AnjNewsMedia