गया जिले में नीरा के व्यापक उत्पादन में डीएम त्याग का विशेष योगदान
नीरा के उत्पादन में डीएम त्याग की पहल वरदान सा
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सरकार नीरा उत्पादन हेतु काफी गंभीर : डीएम त्याग
गया, बिहार: जिला पदाधिकारी डॉo त्यागराजन एसoएमo की अध्यक्षता में नीरा के सफल उत्पादन एवं इसमें सहयोग करने वाले टैपर्स (तार चढ़ने वाले) एवं नीरा उत्पादक ग्रुप के साथ समन्वय स्थापित करने एवं उनकी समस्याओं की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक सह कार्यशाला का आयोजन किया गया। Successful production of Nira.
| नीरा के उत्पादन पर डीएम त्याग ने दी विशेष जोर |
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिले के प्रखंड स्तर पर कार्यरत ताड़ी उत्पादक (टैपर्स) एवं उत्पादक ग्रुप (पीoजीo) के साथ संवाद कायम करते हुए उनकी समस्याओं से जिला पदाधिकारी रूबरू हुए तथा नीरा उत्पादन हेतु उन्हें जागरुक एवं प्रेरित किया।
| नीरा के उत्पादन पर डीएम त्याग ने की VC |
बैठक में जिला पदाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ताड़ी उत्पादन एवं उसके सेवन पर प्रतिबंध लागू है। ताड़ी उत्पादकों को ताड़ी व्यवसाय में गैरकानूनी ढंग से डरते हुए ताड़ी बेचना पड़ता है, जो सम्मानजनक व्यवसाय नहीं है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा नीरा उत्पादन का निर्णय लिया गया है, जिसमें ताड़ी उत्पादकों को वैकल्पिक रोजगार मिलेगा तथा इससे सरकार, प्रशासन एवं समाज द्वारा आपको सम्मान की दृष्टि से देखा जा सकेगा साथ ही नीरा उत्पादन का कार्य वैध है।
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| डीएम त्याग ने VC के जरिये जिले के पदाधिकारियों को दिए कई टिप्स |
जिला पदाधिकारी ने बताया कि नीरा उत्पादन के पूर्व आप सबों को अच्छी तरह प्रशिक्षण दिया जाएगा साथ ही ताड़ी उत्पादकों को नीरा उत्पादन हेतु जागरूक एवं प्रेरित किया जाएगा। नीरा उत्पादकों को सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा आर्थिक सहयोग दिया जाएगा। जिला पदाधिकारी ने कहा कि नीरा उत्पादन कर आप जीविका को देंगे, आपको उसका निर्धारित दर मिलेगा, जिससे आपकी आमदनी बढ़ेगी। नीरा बेचने/मार्केटिंग की व्यवस्था जीविका द्वारा किया जाएगा। सरकार द्वारा आपको आवश्यक उपकरण यथा लवनी, ठेला, नीरा रखने हेतु कंटेनर, चूना, ब्रस इत्यादि दिया जाएगा।
जिला पदाधिकारी ने बताया कि जिले में लगभग 100 उत्पादन ग्रुप (पी०जी०) बनाए जाएंगे, जिसमें लगभग दो हजार उत्पादकों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि अन्य लोग भी स्वतंत्र रूप से नीरा का उत्पादन कर सकते हैं, उन्हें सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा टैपर्स का बीमा कराया जाएगा, जिससे दुर्घटना की स्थिति में मुआवजा प्राप्त हो सकेगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डी०पी०एम० जीविका का द्वारा बताया गया कि 2 फरवरी से ट्रैपर्स एवं पी० जी० को प्रशिक्षण दिया जाएगा। 1 फरवरी से 3 फरवरी तक सर्वेक्षण का कार्य किया जाएगा।
जिला पदाधिकारी ने निदेश दिया कि जिला स्तर पर प्रशिक्षण, सर्वे, नीरा उत्पादन संबंधी कार्यों के अनुश्रवण हेतु जिला स्तर पर एक कोषांग का गठन करें।
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उन्होंने सभी बी०पी०एम० जीविका को निदेश दिया कि वे प्रशिक्षण कार्य को अच्छी तरह से देना सुनिश्चित करें। उन्होंने विभिन्न प्रखंडों के ताड़ी उत्पादकों से अपील किया कि वे अच्छी तरह प्रशिक्षण प्राप्त करें तथा अगर किसी प्रकार की समस्या हो तो प्रशिक्षण में आवश्य पूछे। जिला प्रशासन लगातार आपके सहयोग में रहेगा। नीरा उत्पादन से संबंधित आपकी जो भी समस्या होगी उनका निराकरण किया जाएगा।
जिला पदाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को सख्त निदेश दिया कि वे नीरा उत्पादन, प्रशिक्षण, सर्वेक्षण इत्यादि कार्यों में पूर्ण रूप से गंभीरता पूर्वक रुचि लेते हुए कार्य करें। सरकार नीरा उत्पादन हेतु काफी गंभीर है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उप विकास आयुक्त, डी०पी०एम० जीविका, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, डी०पी०ओ० आई०सी०डी०एस०, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, सभी बी०पी०एम० जीविका, प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी, विभिन्न प्रखंडों यथा मानपुर, बोधगया, मोहनपुर, गुरुआ, टनकुप्पा, परैया, फतेहपुर, वजीरगंज, टिकारी, गया टाउन ब्लॉक, शेरघाटी, खिजरसराय, बथानी, इमामगंज सहित अन्य प्रखंडों के ताड़ी उत्पादक समूह से संबंधित व्यक्ति शामिल थे।