गया में E-Riksha को ठिकेदारी मुक्त करने की उठी मांग
Today News – ठिकेदारी वसूली पर प्रतिबंध लगाने के लिए Congress के नेताओं ने DM से लगाई गुहार :
News Today : गया में E- Riksha को ठिकेदारी की बोझ से मुक्त करने की मांग जोरों पर है। जाहिर हो अब
E-Reksha – Gaya DM से लगाई गुहार :
कांग्रेसियों ने कहा गया नगर निगम के आयुक्त सहित Gaya DM को भी इस पर गहन विचार करना चाहिए। जो चालकों के हित में हो। उन्होंने DM से ठिकेदारी वसूली पर विमर्श कर ठिकेदारी पर प्रतिबंध लगाने की पुरजोर गुहार लगाई।
बदलते हुए दौर का अनोखा तोहफा- E-Riksha :
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए वगैर बैट्री से चलने वाली ई-रिक्शा ! अब शहर सहित सुदूरवर्ती गांव के गलियों के अलावे देहात में भी रफ़्तार भरते नजर आती है। वह बदलते हुए दौर का अनोखा तोहफा है। जो बिल्कुल सुगमता के साथ सरपट दौड़ रहा है। जिससे आमजन को काफी सुविधा हुआ है। ज्ञात हो महिलाएं भी इस धंधा में जुड़ी हैं। क्योंकि उसे चलना बहुत ही आसान है।
E- Riksha का ख़ूबसूरत धंधा :
जाहिर हो E- Riksha यातायात का ख़ूबसूरत माध्यम है। जिसका इस्तेमाल आमजन बड़े शौख से करते हैं।
आवाजाही का वह के बेहतरीन जरिया का व्यापक रूप ले चूका है। जो आमदनी का जरिया भी बना है। जिससे बेरोजगारों को रोजगार भी मिला है।
सरकार भी उसे बढ़ावा दे रही है। वहीं, Congress के नेताओं ने कहा ई-रिक्शा चालक से ठिकेदारी वसूलना बंद होना चाहिए।
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू, पूर्व विधायक मो खान अली, बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, उदय शंकर पालित, दामोदर गोस्वामी, शिव कुमार चौरसिया, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय, सुजीत कुमार गुप्ता, राजेश अग्रवाल, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, विशाल कुमार, मो समद, खालिद अमीन, असरफ इमाम आदि ने कहा ई-रिक्शा, जो गया शहर में हजारों की संख्या में लगभग सभी प्रमुख सड़कों पर चल रही है।
परंतु गया नगर निगम द्वारा दर्जनों जगह टेंपू स्टैंड के नाम पर 15 से 20 रुपया शुल्क वसूला जा रहा है। जिससे एक ई-रिक्शा को लगभग 100 रुपया प्रतिदिन ठिकेदारी के नाम पर शुल्क देना पड़ता है। जो न्याय संगत नहीं है।
नेताओं ने राज्य सरकार एवम् स्थानीय प्रशासन, गया नगर निगम से हाथ रिक्शा का जगह गली, गैली, चल रहे ई-रिक्शा से वसूले जा रहे ठिकेदारी को अविलंब बंद कराने की मांग किया है।
उन्होंने आगे कहा- शिक्षित बेरोजगार लोग इस धंधे में जुटे हुए हैं। उनसे पहले, बहुतों चालक ठेला- रिक्शा चलाने वाले, जो अब ई-रिक्शा चलाते हैं, महिला जो ई-रिक्शा चला रहीं हैं, वैसे हजारों चालक परिवार जिनका भरण- पोषण रिक्शे के बदौलत होता है।
वैसे चालकों को ठिकेदारी मुक्त होने से राहत मिलेगी। जिससे ई-रिक्शा चालकों की जिंदगानी बदलेगी। जीवन स्तर में चहुंमुखी बदलाव आएगा।