नीरा उत्पादन व बिक्री में गया जिला पूरे बिहार में अव्वल
गया ज़िलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने कहा जिले में नीरा के उत्पादन और बिक्री से रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहा
ज़िले में अब तक लगभग 1 लाख 40 हजार लीटर नीरा हुआ संग्रहीत तथा लगभग 1 लाख 33 हजार लीटर हुई बिक्री
Advertisement
आज कुल 11687 लीटर नीरा हुआ संग्रहित एवं 11096 लीटर हुई बिक्री
नीरा प्रोडक्शन एवं सेल में गया ज़िला अव्वल |
नीरा को लोग खूब पसंद कर रहे हैं, जो बिक्री की मात्रा से जाहिर होता है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक सोमवार को जिले भर में खोले गए काउंटरों से 1,34,713 लीटर की बिक्री हुई। नीरा पूरी तरह से प्राकृतिक उत्पाद है, जो स्वाद और पोषण से भी भरपूर है। पेय खनिज और विटामिन से भरा हुआ है।
गया ज़िलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम |
गया ज़िलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम ने कहा की जिले में नीरा के उत्पादन और बिक्री से रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। अब तक 2664 टैपरो को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जबकि 1365 टैपरो ने नीरा बेचना शुरू कर दिया है और अब तक उत्पादन कर रहे हैं। जिले भर में पर्याप्त संख्या में नीरा के काउंटर खोले गए हैं।
उन्होंने सभी सरकारी एवं प्राइवेट सेक्टर में होने वाली बैठकों में पेय पदार्थ अर्थात कोल्ड्रिंक के स्थान पर नीरा का प्रयोग करने का अपील किया ताकि नीरा का और अधिक प्रचार हो सके। नीरा बिल्कुल ही प्राकृतिक पेय पदार्थ है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा आयोजित बैठकों में नीरा का प्रयोग किया जा रहा है, आप सभी गयावासी नीरा का प्रयोग करें। कोल्ड ड्रिंक्स के अपेक्षा नीरा काफी पौस्टिक एवं फायदेमंद है।
Heat Wave Breaking:
पटना मौसम विभाग के अनुसार पटना एवं गया जिले का आज का अधिकतम तापमान :- 43 डिग्री, भीषण गर्मी से बचें।
➖AnjNewsMedia
सिकरिया मोड़ एवं वजीरगंज में नीरा बिक्री केंद्र का उद्घाटन
गया ज़िला में नीरा का प्रोडक्शन एवं सेल जोरों पर |
गया नगर क्षेत्र में लोगों को स्वास्थ्यवर्द्धक पेय ‘नीरा’ उपलब्ध करने के उद्देश्य से सिकरिया मोड़ पर नीरा बिक्री केंद्र (स्टाल) आरंभ किया गया। जीविका के प्रबंधक संचार दिनेश कुमार एवं प्रखंड परियोजना प्रबंधक संतोष कुमार द्वारा लाल फीता काटकर इस बिक्री केंद्र का उद्घाटन किया गया। जीवीओपार्जन विषेशज्ञ सुनील कुमार एवं संतोष कुमार ने स्थानीय लोगों को नीरा के लाभ के विषय में बताया। लोगों ने भी गुणकारी नीरा को पसंद किया।
यह नीरा बिक्री केंद्र बालकरण कुमार द्वारा संचालित किया जा रहा है। यहाँ जीविका द्वारा प्रोत्साहित एवं समर्थित वेमता गांव के आकाश उत्पादक समूह के माध्यम से उपलब्ध नीरा की बिक्री होगी। आकाश उत्पादक समूह से जुड़े उदय कुमार चौधरी ने बताया कि नीरा पेड़ से प्राप्त शुद्ध एवं मीठा रस है।
वह प्रत्येक शाम को साफ लवणी में चुना लेप कर ताड़ के पेड़ पर लवणी लगा देते हैं जिसे प्रातः सूर्योदय से पूर्व उतार लिया जाता है। इसे ठंडा रखते हुए बिक्री केंद्र तक पहुंचाया जाता है। इसी प्रकार वजीरगंज में जीविका के प्रखंड परियोजना प्रबंधक संजीव कुमार द्वारा नीरा बिक्री केंद्र का शुभारंभ किया गया।
प्रबंधक संचार दिनेश कुमार ने बताया कि नीरा के विषय में आम लोगों को सही जानकारी नहीं है। बहुत से लोग इसे ताड़ी ही समझते है जबकि नीरा ताड़ी नहीं है। ताड़ी अल्कोहलिक होती है जबकि नीरा नॉन अल्कोहलिक पेय है। नीरा पीने से नशा नहीं होता बल्कि शरीर को अच्छा पोषण मिलता है।
कोल्ड स्टोरेज चेन मेंटेन रखने से नीरा का शुद्ध रूप बरकरार रहता है। यह बहुत ही गुणकारी पेय पदार्थ है जो गर्मी एवं लू से राहत भी देता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होने के कारण यह मधुमेह रोगियों के लिए भी उपयुक्त है। सीधे अर्थों में कहे तो इसे पीने के अनेक लाभ है।
Pls Watch The Video :-
दक्षिण भारत में तो यह एक लोकप्रिय नेचुरल ड्रिंक है। वहाँ लोग इसे खूब पसंद करते हैं। बिहार में भी इसे प्रचारित करने की जरूरत है। बहुत से लोग इसे अभी भी ताड़ी ही समझ रहे हैं जबकि ताड़ी नीरा के खमीरीकृत होने से बनता है जो सामान्यतः धूप एवं गर्मी लगने से अल्कोहलिक हो जाता है। नीरा उत्पादन में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि यह खमीरीकृत ना हो। इसके लिए कोल्ड स्टोरेज चेन मेन्टेन किया जाता है।
गया ही नहीं पूरे बिहार में ताड़ और खजूर के पेड़ों की अच्छी संख्या है। पूर्व में कई समुदाय के लोग इन पेड़ों से ताड़ी उत्पादन कर जीविकोपार्जन करते रहे हैं किन्तु 2016 की शरबबंदी के बाद शराब के साथ ताड़ी उत्पादन एवं बिक्री पर भी प्रतिबंध लग गया है। इससे अनेकों परिवारों का जीविकोपार्जन प्रभावित हुआ। नीरा को प्रोत्साहित कर राज्य सरकार एक तरफ पूर्व में ताड़ी उत्पादन में लगे परिवारों का जीवकोपार्जन बचाने का प्रयास रही है, वहीं दूसरी ओर लोगों को एक स्वास्थ्यवर्द्धक पेय उपलब्ध हो सके, ऐसा प्रयास कर रही है।
गया में जिला पदाधिकारी त्यागराजन एसएम एवं जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक मुकेश कुमार सासमल के मार्गदर्शन में जीवका की पूरी टीम द्वारा नीरा उत्पादन एवं बिक्री को सफल बनाने का फाफी प्रयास किया जा रहा है।
उम्मीद है इसके बेहतर परिणाम मिलेंगे। प्रबंधक जीवीओपार्जन-कृषि शमीम असलम ने बताया कि गया में 150 उत्पादक समूह का निर्माण किया गया है। वर्तमान में 63 अस्थाई एवं 07 स्थाई केंद्रों के माध्यम से नीरा बिक्री की जा रही है। आज सिकरिया मोड़ एवं वजीरगंज में नीरा बिक्री केंद्र का उद्घाटन किया गया है। आगामी शनिवार तक लगभग 100 के करीब नीरा बिक्री केंद्र खोलने का लक्ष्य है।
अग्निकांड के पीड़ित परिवारों को अग्नि सहाय राशि किया गया वितरित
अग्नि सहाय राशि का वितरण |
गया जिला अंतर्गत विभिन्न अंचलो में अग्निकांड से पीड़ित परिवारों को अग्नि सहाय राशि का वितरण जिला पदाधिकारी, गया डॉ त्यागराजन एसएम के निर्देशानुसार किया गया, जिसका अंचलवार विवरण निम्न प्रकार है :
1) अंचलाधिकारी, फतेहपुर द्वारा 05 अग्निकांड से पीड़ित परिवार यथा फोनु कुमार, पिता-बौली यादव, ग्राम-छेछु बिगहा को 9800 रुपए, परमेश्वर यादव, पिता-बौली यादव, ग्राम-छेछु बिगहा को 9800 रुपए, चमारी मिस्त्री, ग्राम-बार बैज्दा को 8100 रुपए, ममता देवी, ग्राम-नौडीहा झुरंग को 8270 रुपए एवं रामस्वरूप पासवान, ग्राम- नौडीहा झुरंग को 11270 रुपए का चेक प्रदान किया गया।
2) अंचलाधिकारी, गुरारू द्वारा अग्निकांड से पीड़ित कुल-07 परिवारों को अग्नि सहाय राशि के रूप में प्रति परिवार 9800 रूपये का चेक का वितरण किया गया। चेक प्राप्त करने वाले लाभुक में चंदिया देवी, फुलवा देवी, शांति देवी, ललिता देवी, चरवा देवी, सकुनी देवी, ग्राम- गुदरू टोला, भूई बिगहा एवं पपरिया देवी, ग्राम देवकली शामिल हैं।
उच्च न्यायालय द्वारा क्रीमी
गया व्यवहार न्यायालय गया में एक कार्यशाला का आयोजन
गया : उच्च न्यायालय द्वारा क्रीमी, डब्ल्यू, जेसी नंबर 160 /21. हनीफ़ -उर- रहमान प्रति बिहार राज्य व अन्य के मामले में दिए गए दिशा-निर्देशों के संबंध में गत दिनों गया व्यवहार न्यायालय गया में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला को संबोधित करते जिला जज जितेंद्र कुमार |
इस कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला जज जितेंद्र कुमार द्वारा सभी सहभागियों को इस निर्णय की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए पैरेस पेैट्रीया के सिद्धांत को अपनाने की बात कही तथा अनैतिक व्यापार के पीड़ित या देख रेख व संरक्षण के लिए जरूरतमंद बालक को न्यायालय या समझ प्राधिकारी द्वारा प्रारंभिक जांच किया जाना चाहिए तथा उन्हें सुना जाना चाहिए।
विशेष पॉस्को एडीजे नीरज कुमार द्वारा निबथि के तथ्यों दिये गये निर्देशों व सक्षम प्राघिकारी द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों पर प्रकाश डाला गया।
गया में कार्यशाला का आयोजन |
साथ ही विशेष पॉस्को एडीजे आशुतोष उपाध्याय द्वारा अनैतिक व्यापार के शिकार व्यक्ति चाहे व्यस्क हो या अबयस्क के हिले को ध्यान में रखकर प्यप्ति जांचोपरान्त छोरा जाना चाहिए। एसीजेएम दिनकर कुमार द्वारा अनैतिक मानव व्यापार से संरक्षण से सुसंगत विघियों के बारे में संक्षिप्त रूप से अवगत कराया गया।
किशोर न्यायालय प्रधान दंडाधिकारी द्वारा किशोरों से संबंधित विघियों पर प्रकाश डाला गया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष राकेश रंजन मिश्रा द्वारा किशोरों के कल्याण के संबंध में अपना अनुभव भी सहभागियों के साथ अभिब्यक्त किया।
इस निर्णय के पक्षकार अधिवक्ता सम्भव गुप्ता द्वारा बच्चों के मामले में ट्रामा काउंसलिंग के बजाय बच्चो के हितों को ध्यान में रखकर प्रक्रिया व निर्णय को अनुसरित किए जाने की बात कही। इस मौके पर एडीजे, एसीजेएम एवं फर्स्ट क्लास एवं सेकंड क्लास मजिस्ट्रेट उपस्थित हुए।
भीषण गर्मी एवं हीटवेब के कारण गया जिला के कुछ पंचायतों के भूमिगत जल स्तर चला गया नीचे
जिले के कई पंचायतों के भूजल स्तर खिसकने से डीएम त्यागराजन चिंतित, पदाधिकारियों के साथ की गहन विचार- विमर्श |
भीषण गर्मी एवं हीट वेब के कारण गया जिला के कुछ पंचायतों के भूमिगत जल का स्तर नीचे चला गया है, जिसके उपरांत पेयजल की समस्या उत्पन्न होने से इनकार नहीं किया जा सकता। कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग गया द्वारा वैसे पंचायत जहां भूमिगत जल का स्तर 35 फीट या उससे अधिक नीचे चला गया है, उनके सूची के आधार पर जिला पदाधिकारी गया डॉक्टर त्यागराजन एसएम द्वारा आज जिला स्तरीय विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा संबंधित पंचायतों का जांच करवाया गया।
आज का तापमान |
विभिन्न पदाधिकारियों के निरीक्षण के उपरांत जिला पदाधिकारी ने संबंधित पदाधिकारियों से जांच में पाए गए कमियां के बारे में जानकारी प्राप्त किया।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि गया जिला अंतर्गत जितने भी मिनी जलापूर्ति योजनाएं हैं, उन्हें फंक्शनल कराने हेतु तेजी से सर्वे कराएं, ताकि अति शीघ्र सभी मिनी जलापूर्ति योजना को चालू करते हुए पेयजल आपूर्ति कराया जा सके।
- जिला पदाधिकारी ने सभी जांच में गए हुए पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि अपने अपने पंचायतों में किए गए जांच से संबंधित जानकारी अनिवार्य रूप से प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रतिवेदन करें, ताकि संबंधित समस्याओं को अनुपालन करवाया जा सके। साथ ही उन्होंने सभी जांच में गए हुए पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं के जांच के दौरान अनिवार्य रूप से मुखिया जी, वार्ड सचिव, वार्ड सदस्य को सूचित करते हुए उनकी समस्याओं को सुनेंगे।
AnjNewsMedia ! Tez Khabar ! Jordar Khabar |
बैठक में विभिन्न पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि कुछ महादलित टोला में अतिरिक्त चापाकल की आवश्यकता है, जिला पदाधिकारी ने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को जांच किए गए संबंधित पदाधिकारियों द्वारा बताए गए स्थान पर 1 सप्ताह के अंदर पेयजल आपूर्ति सुचारू रखने हेतु चापाकल लगवाने का निर्देश दिए।
बैठक में कुछ पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि कुछ टोलो में नल जल योजना है, परंतु टैप नहीं होने के कारण जलापूर्ति बंद है। जिला पदाधिकारी ने संबंधित पदाधिकारी को अभिलंब टैप लगाते हुए पानी चालू करवाने का निर्देश दिए। साथ ही जहां डिफंग चापाकल है वहां अति शीघ्र मरम्मत दल द्वारा चापाकल को मरम्मत कराने का निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि चाकन्द पंचायत के वार्ड संख्या 1, 3 एवं 7 में बोरिंग हो चुका है, परंतु अब तक टंकी का निर्माण नहीं किया गया है तथा वार्ड संख्या 15 में बोरिंग एवं टंकी लगा हुआ है परंतु ऑपरेटर नहीं रहने के कारण टाइमली पानी चालू बंद नहीं किया जाता है। जिला पदाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी सदर को इसे जांच करवाने का निर्देश दिए तथा जलापूर्ति सुचारू करवाने हेतु निर्देशित किए।
निरीक्षण मैं गए हुए पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि कुछ जगहों पर स्टार्टर नहीं होने के कारण पेयजल आपूर्ति बाधित है, जिला पदाधिकारी ने पीएचइडी तथा पंचायती राज पदाधिकारी को अविलंब संबंधित स्थानों पर स्टार्टर लगवाने का निर्देश दिए।
बैठक में जिला पदाधिकारी ने जांच में गए हुए सभी पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि नल जल योजना में यदि कहीं अनियमितता पाई जाती है तो संबंधित दोषी वाले व्यक्ति पर प्राथमिकी दर्ज करें।