बाराचट्टी के जैगीर पंचायत के अंजनिया टाडटोले में सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का DM ने लिया जायजा
छूटे हुए टोले/ बसावट में वाटर टावर के माध्यम से अर्थात मिनी नल जल योजना से हर घर मे जल्द करें पानी की व्यवास्था : DM
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सरकारी जनहितकारी योजनाओं का DM ने लिया जायजा |
गया : जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने बाराचट्टी प्रखंड के जयगीर पंचायत के अनुसूचित जाति बहुलय बस्ती अंजनीयाटाड व टेरवाडा पहुंचकर सरकार की संचालित नलजल, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना का निरीक्षण किया।
गांव मे गोविंद प्रजापत के द्वारा पन्द्रह एकड भूमी मे लगे लेमनग्रास की खेती को देखा और इससे हो रहे लाभ के बारे मे किसान से जानकारी लिए।
लेमन ग्रास की खेती को देखकर जिला पदाधिकारी ने काफी खुशी जाहिर की उन्होंने स्थानीय लोगों से जानकारी लेने पर बताया कि इस टोले में 80 से 85 घर हैं। तथा 15 एकड़ में लेमन ग्रास की खेती की गई है।
लेमन ग्रास की खेती को स्थानीय लोग बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी दे रहे हैं। किसानों ने जिला पदाधिकारी को बताया कि लेमन ग्रास की खेती से अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अच्छी डिमांड है और इसे पीरों करके जो तेल निकलता है उसकी काफी अच्छे राशि प्राप्त होते हैं।
DM ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी मनरेगा योजना से अमृत सरोवर के हो रहे निर्माणाधीन कार्य को देखा जहां काफी पानी भरा हुआ था।
उक्त तालाब के बारे में जानकारी लेने पर बताया गया कि यह लगभग 1.59 एकड़ में तलाब निर्माणाधीन है। इस तालाब में प्रमुखता पहाड़ का पानी ही संग्रहित होता है। जिससे आसपास के क्षेत्र में सिंचाई होती है।
जिलाधिकारी ने अंजनीयाटाड के आलावे टेरवाआडा टोला भी पहुंचे जहा काफी संख्या मे मौजूद ग्रामीणो ने पेयजल की समस्या बताया गांव के लोगो ने बताया की।
यहां केवल एक चापाकल है। जिससे पानी पीते हैं। शाम को पानी भरते हैं, उसे रात मे उपयोग करते है। DM ने मौके पर मौजूद प्रखंड विकास पदाधिकारी पंकज कुमार को निर्देश दिए कि दोनो टोला पर मिनी नलजल योजना से यहां काम प्रारंभ कर हर घर को पेयजल मुहैया कराना सुनिश्चित करें।
उन्होंने प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को निर्देश दिया कि 2 दिनों के अंदर प्राक्कलन तैयार करें तथा तेजी से पानी चालू कराने में कार्य करें स्थानीय लोगों ने बताया कि इस एरिया में 85 बसावट का घर है। जिला पदाधिकारी ने जल मीनार लगाकर पानी सप्लाई कराने का निर्देश दिए।
मछली पालन के लिए मिलेगा सहयोग
लेमनग्रास की खेती कर रहे किसान गोविंद प्रजापत को मत्स्य विभाग से मछली पालन करने के लिए हर संभव सहयोग करने का निर्देश ज़िला पदाधिकारी ने जिला मत्स्य पदाधिकारी को दिए है।
किसान गोविंद प्रजापत अपने निजी खेत मे जल संचयन करने के साथ-साथ स्वारोजगार के लिए लेमनग्रास की खेती करने के अलावे मछली पालन करेगे। जिला मत्स्य पदाधिकारी मौके मौजूद थे।
अंजनीयाटाड बस्ती मे सामुदायिक भवन के निकट तथा टेरवाडा गांव के नाली मे गंदगी देखकर अनुमंडल पदाधिकारी अनील कुमार रमण नाराजगी जाहिर किये।
उन्होंने मुखिया व प्रखंड पंचायतीराज राज पदाधिकारी नरेश कुमारन को सफ़ई कराने का निर्देश दिए तथा ग्रामीण को इसके प्रति जागरूक कराने के लिए कहा।
निरीक्षण के दौरान DM ने BDO तथा स्थानीय मुखिया को निर्देश दिया कि समुदायक भवन को साफ- सुथरा रखें। लोगों को भी साफ- सुथरा रखने के लिए जागरूक करें।
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बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने किया शिलान्यास |
बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा शिलान्यास समारोह
गया : बौद्ध धर्म गुरु दलाईलामा ने आज “द दलाई लामा सेंटर फॉर तिब्बतन एंड इंडियन एंशियंट विजडम रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। इस शिलान्यास समारोह में कानून मंत्री, भारत सरकार किरण रिजजू, बिहार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत, पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी सहित अन्य वरीय मॉन्क्स एवं पदाधिकारीगण भी शरिक हुए।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के कृषि मंत्री श्री कुमार सर्वजीत में बताया कि बिहार सरकार द्वारा THE DALAI LAMA CENTRE FOR TIBETAN AND INDIAN ANCIENT WISDOM की स्थापना का महत्व को ध्यान में रखते हुए बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाई है।
द दलाई लामा ट्रस्ट को इस संस्थान की स्थापना के लिए निःशुल्क भूमि बोधगया के प्रमुख स्थल पर दिये जाने से लेकर संस्थान के विकास हेतु हर पहलू पर आवश्यक सहयोग बिहार सरकार द्वारा दी जा रही है।
मुख्यमंत्री बिहार नीतीश कुमार के दूरगामी सोंच के अनुरूप दलाई लामा के सिद्धांत को परिलक्षित करने वाले संस्थान बोधगया में महाबोधि मंदिर के ढाई किलोमीटर की परिधि में स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री का इच्छा है कि दलाई लामा के सोच एवं सिद्धांत बोधगया के पावन धरती पर निरंतर मूल्यों के रूप में बने रहें।
उल्लेखनीय है कि बिहार सरकार द्वारा द दलाई लामा ट्रस्ट को इस संस्थान के स्थापना हेतु
- ■(1) बोधगया में प्रमुख तीन स्थल – ऑक्स होटल के सामने, दुमोहन से 150 मीटर पूरब तथा मगध विश्वविद्यालय के सामने कुल 30 एकड़ भूमि 99 साल के लिए लीज पर दिनांक 08.09.2020 को हस्तांतरण हुआ।
- ■(2) इसके अतिरिक्त मैत्रीय सोसाईटी एवं द दलाई लामा ट्रस्ट के बीच 30 एकड़ भूमि के लीज एग्रीमेंट के द्वारा 99 वर्षों के लिए द दलाई लामा ट्रस्ट को अंतरित किए गए दस्तावेज के निबंधन पर मुद्रांक शुल्क एवं निबंधन शुल्क का शत्-प्रतिशत छूट दिनांक 25.07.2022 को प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि कुल सोलह करोड़ छियासठ लाख अस्सी हजार समतूल्य छूट दी गई। यह भू-खण्ड सरकार द्वारा इस स्थल पर दिए गए 10 एकड़ भूमि के साथ अवस्थित है। इसी भू-खण्ड में निर्माण कार्य तत्काल प्रारम्भ किया जाना है। शेष भू-खण्ड भविष्य में विकसित किया जाना है।
- ■(3) निर्माण स्थल पर लगभग पन्द्रह लाख के समतूल्य बिजली, पोल, ट्रांस्फॉर्मर, तार शिफ्टिंग का कार्य ऊर्जा विभाग द्वारा की गई।
THE DALAI LAMA CENTRE FOR TIBETAN AND INDIAN ANCIENT WISDOM के उद्देश्य प्राचीन भारतीय एवं तिब्बत ज्ञान को उन्नत करने के लिए स्थापित किया जाना है।
तिब्बत के उन्नत संस्कृति के साथ भारतीय संस्कृति को समावेश से विश्व को होने वाले योगदान से संबंधित विषयों का अध्ययन कराया जाना है।
यह संस्थान विश्व स्तरीय केन्द्र रहेगा, जिसमें प्राचीन भारतीय सोच एवं वुद्धि के उन्नति हेतु शिक्षा अनुसंधान एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
यह संस्थान दुनिया भर के लोगों को परम् पावन दलाई लामा के संस्थान एवं ज्ञान को अध्ययन करने तथा उनके चार जीवन मूल्यों को पूर्ण रूप से लागू करने का अवसर प्रदान करेगा।
धर्म को छूए बिना प्रेमपूर्ण दया एवं करूणा के मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना।
सार्वभौमिक उत्तरदायित्व की वैश्विक भावना को बढ़ावा देना।
दुनिया की धार्मिक परंपराओं के बीच अंतर धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देना।
एक शांतिपूर्ण सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने के लिए स्थानीय, क्षेत्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय संघर्ष समाधान के शांतिपूर्ण एवं अहिंसक साधनों को खोज के लिए।
कार्यक्रम एवं पाठ्यक्रम मुख्य रूप से प्राचीन भारतीय दर्शन, मनोविज्ञान, तर्कशास्त्र, द्वंद्वात्मक एवं 14वें धर्मगुरू दलाई लामा की चार प्रमुख जीवन प्रतिबद्धताओं पर आधारित होंगे, जिसमें प्रेम, करूणा, दया, क्षमा एवं सहिष्णुता, जैसे बुनियादी मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देना, अंतर धार्मिक सद्भाव और समक्ष को बढ़ावा देना, तिब्बती संस्कृति और पर्यावरण का संरक्षण एवं आधुनिक भारतीय सभ्यता के भीतर आंतरिक विज्ञान की प्राचीन बौद्ध परंपरा का पुनरूद्धार करना है।
दलाई लामा केन्द्र बौद्ध धर्मावलम्बियों के वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और अन्य अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन करेगा।
– AnjNewsMedia