कवि वियोगी की 31वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि
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गया, वियोगी साहित्य परिषद्, गया की ओर से स्थानीय “महाबोधी विद्यालय (माड़नपूर) में विश्व – साहित्याकाश में गया के साहित्य केतु फहराने वाले महाकवि पंडित मोहन लाल महतो वियोगी की 31वीं पुण्यतिथि पर एक स्मृति -दिवस समारोह वियोगी साहित्य परिषद के अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानंद प्रेमी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया, जिसमें कई साहित्यिक संस्थाओं/मंचों से जुड़े वरीय कवि और साहित्यकार सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम की शुरुआत महाकवि वियोगी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया और उसके बाद वियोगी – प्रणय गीत के गायक या वीर रस के नायक ,संदर्भ -लेखनी जो झार दूँ तो ! विषय पर उपस्थित लोगों ने अपने उदगार रखे।
स्वर साम्राज्ञी, भारत रत्न, स्वर कोकिला लता मंगेशकर सहित पंडित तारा नाथ मिश्र एवं मिथिलेश मधुकर को भी श्रद्धांजलि अर्पित किया गया
जहां कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए युवा साहित्यकार, कवि अनन्तधीश अमन ने महाकवि वियोगी को देश के युवाओं का आदर्श बताया वहीं वरिष्ठ साहित्यकार और कवि डॉ. राम पारिख सिंह ने महाकवि की कविता पढ़ते हुए उन्हें एक अनमोल सितारा बताया जिसकी चमक आज भी उतनी ही प्रेरक है जितनी तब हुआ करती थी।
नेहरू युवा केन्द्र से जुड़े युवा साहित्यकार सुरेंद्र कुमार तिवारी ने अपनी उद्गारों में उन्हें युग का सर्वश्रेष्ठ छायावादी कवि बताया। नेहरू युवा केन्द्र के वरीय पदाधिकारी अंजनी कुमार ने उपस्थित मंचासिन वियोगी साहित्य परिषद के अध्यक्ष व अन्य उपस्थित साहित्यकारों/कवियों से निवेदन किया कि महाकवि वियोगी के साहित्य संग्रह को युवाओं के लिए उपलब्ध कराया जाए ताकि वो भी अपने विरासत को जाने समझें और प्रेरित हों।
वरीय कवि कन्हैया लाल मेहरवार ने महाकवि वियोगी की चर्चा करते हुए कहा – झाड़ दूं लेखनी तो लाखों कवि पैदा हो जाए..! कवि की गहरी सोच को दर्शाती है..अपने युग के सर्वश्रेष्ठ छायावादी भाष्यकार वियोगी जी रचित साहित्य गहरे मंथन से प्राप्त अमृत सदृश है।
इस मौके पर वरीय कवि डॉ. राम कृष्ण मिश्र ने कहा कि ज़माना जिन्हें सिर्फ महाकवि वियोगी के रूप में जानता है वहीं वो एक व्यंगकार, साहित्यकार, भाष्यकार, उपन्यासकार, लेखक, इतिहासकार, और अन्य कई विधाओं के ज्ञाता थे।
1900-1930 के बीच जब भारतेंदु हरिश्चंद्र का युग माना जाता है उस ज़माने के सबसे बड़े भाष्यकार वियोगी जी ही थे। तब वो अपने छद्म नाम छविनाथ के नाम से लिखा करते थे। छायावाद के प्रसिद्ध कवि के रूप में सुविख्यात वियोगी जी उन दिनों की प्रसिद्ध समस्या पूर्ति कविताओं के लिए जाने जाते थे।
डॉ. राकेश कुमार सिन्हा रवि ने उपस्थित लोगों को वियोगी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनपर लिखी अपनी एक रचना सुनाई, उनके इतिहास प्रेम से संदर्भित कई बातों की चर्चा की और उन्हें इतिहास का प्रखर पुरुष “इतिहासकार” बताया। मौके पर पधारे गजेन्द्र लाल अधीर, सुरेन्द्र पांडेय सौरभ, कमला प्रसाद सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए वियोगी साहित्य परिषद अध्यक्ष डॉ. सच्चिदानन्द प्रेमी ने बताया कि महाकवि वियोगी सिर्फ एक कवि नहीं वरन बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति थे। महाकवि रचित कई कविताओं की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने उनकी रचनात्मकता और उसकी श्रेष्ठता पर उपस्थित विद्वदजनों का ध्यान आकृष्ट किया।
उन्होंने बताया की महाकवि ने साबित किया की डिग्री लेना ही काफी नहीं, बगैर डिग्री के भी काफी कुछ हासिल किया जा सकता है,मात्र तीसरी कक्षा तक की पढ़ाई करने वाले वियोगी जी बिहार साहित्य सम्मेलन के छः वर्षों तक शोध निदेशक रहे, बारह वर्षों तक राज्य सभा सदस्य रहे और कई अमर कृतियों की रचना की।
जिन दिनों वो गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के साथ शांति निकेतन में रहते थे,उन्हीं दिनों में गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के द्वारा ही उन्हें पंडित की उपाधि प्रदान की गई। वो एक प्रखर राष्ट्रभक्त थे और मेरा उपनाम प्रेमी भी उन्ही के द्वारा प्रदान किया गया है। वो अविभाजित भारत के प्रथम महाकवि थे।
सभा का संचालन वियोगी साहित्य परिषद के कार्यवाहक सचिव डॉ नन्दन कुमार सिन्हा ने किया।
अब डाक विभाग द्वारा मतदाताओं को मिलेगा मतदाता पहचान कार्ड
दो से अधिक स्थानों पर एक ही मतदाता के नाम होने पर हटाया जाएगा-मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
समीक्षा बैठक
DM Review Meeting |
गया: मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी-सह- प्रधान सचिव, निर्वाचन विभाग, बिहार द्वारा सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गई।
बैठक में मुख्य रूप से –
● मतदाता सूची में वैसे मतदाता जिनका नाम मतदाता सूची में दो या दो से अधिक स्थानों पर अंकित है, से संबंधित मतदाता सूची में पीएसई (Photo Similar Entries) के निष्पादन की स्थिति।
● भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सुरक्षा विशिष्टयों सहित पीवीसी-EPIC का निर्माण कर सभी मतदाताओं को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजने की कार्रवाई से संबंधित।
● एसी पत्रों के विरुद्ध लंबित डीसी विपत्र का सामंजन
● बिहार विधान परिषद के 24 स्थानीय प्राधिकारी के संभावित चुनाव की तैयारी सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विचार विमर्श किया गया।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिलाधिकारी, गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा बताया गया कि गया ज़िला अंतर्गत 10 विधान सभा क्षेत्र में 1,46,932 पीएसई (Photo Similar Entries) है, जिसके लिए जिलाधिकारी ने उप निर्वाचन पदाधिकारी, गया को बीएलओ के माध्यम से यथाशीघ्र सभी का भौतिक सत्यापन कराने का निदेश दिया। जिलाधिकारी को बताया गया कि लगभग 70,000 का भौतिक सत्यापन बीएलओ द्वारा किया गया है।
जिलाधिकारी ने बैठक में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को बताया कि EPIC कार्ड निर्माण करने के बाद फोटो पहचान कार्ड डाक विभाग के माध्यम से मतदाताओं के पते पर भेजा जाना है, जिसके लिए सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी को पीडीएफ डाउनलोड करने का निर्देश दिया गया है।
बिहार विधान परिषद 24 स्थानीय प्राधिकारी के संभावित चुनाव की तैयारी की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी, गया ने बताया कि चुनाव हेतु मतदाता सूची तैयार किया जा रहा है, एक सप्ताह के अंदर मतदाता सूची तैयार कर लिया जाएगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिलाधिकारी के साथ सभी सहायक निर्वाचक पदाधिकारी, उप निर्वाचन पदाधिकारी, ज़िला जन सम्पर्क पदाधिकारी सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।