बदहाल शिक्षा व्यवस्था के जिम्मेवार सरकार
MU छात्र हुंकार |
गया : अखिल भारतीय विधार्थी परिषद द्वारा छात्र हुंकार यात्रा और सम्मेलन का आयोजन किया गया। छात्र हुंकार यात्रा गया के गांधी मैदान से गया काॅलेज तक आयोजित किया गया, वही छात्र हुंकार सभा गया कॉलेज के मुंशी प्रेमचंद्र सभागार में आयोजित कि गई, छात्र हुंकार सम्मेलन में अभाविप द्वारा दो प्रस्ताव पारित किए गये जिसमें पहला प्रस्ताव गया जिले कि वर्तमान शिक्षा व्यवस्था का रहा वही दुसरा प्रस्ताव गया जिले के वर्तमान व्यवस्था पर रहा।
BodhgayaMU : MU में शिक्षा चौपट छात्रों में रोष Report को YouTube के AnjNewsMedia पर सर्च कर देख सकते हैं |
इस सम्मेलन और यात्रा में हजारो-हजार छात्र- छात्राएं शामिल हुए थे। इस सम्मेलन में मगध विश्वविद्यालय,Bodhgaya कि दयनीय शैक्षणिक व्यवस्था एवं गया जिला के दयनीय व्यवस्था के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया।
वही अभाविप के बिहार प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष ममता कुमारी ने कहां कि नई शिक्षा नीति विद्यार्थी परिषद की सोच और निरंतर की गई कोशिश का ही परिणाम है। हम राजनीति के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी रूप से काम कर रहे हैं। चाहे वो फिर वनवासियों को हक की लड़ाई हो, विद्यार्थियों के हितों की बात हो या फिर समाज से भदभाव खत्म करने का मुद्दा।
अध्यक्ष ने कहा कि राजनीति एक दलदल है, क्या हमने ये तय कर लिया है कि गंदे लोग ही देश चलाएंगे? नहीं, हमे इस विचार से बाहर आकार यह तय करना होगा कि सिर्फ अच्छे लोग ही देश चलाएं।
राजनीति में अच्छे लोगों की जरूरत है, जब युवा सीमा पर देश की रक्षा कर सकता, रक्तदान कर सकता है, तो राजनीति में आकार देश और उसके लोगों के लिए पॉलिसी क्यों नहीं बना सकता है?
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अखिल भारतीय विद्यार्थी पारिषद विश्व के सबसे बड़ा विद्यार्थी संगठन है। हमारे साथ 33 लाख से ज्यादा विद्यार्थी जुड़े हुए हैं। हमारा संगठन विद्यार्थियों को बेहतर इंसान बनाता है और उनमें राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव जगाता है। जिससे वे समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकें।
समाज में जातीय भेदभाव को दूर करने के लिए एबीवीपी लगातार प्रयास कर रहा है। हम लगातार विद्यार्थियों को तैयार कर रहे हैं और छात्र-छात्राओं की परेशानियों को लेकर उनके साथ खड़े रहते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति भी विद्यार्थी परिषद की सोच और निरंतर की गई कोशिश का ही परिणाम है। हम राजनीति के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अग्रणी रूप से काम कर रहे हैं। विद्यार्थियों के हितों की बात हो या फिर समाज से भेदभाव खत्म करने का मुद्दा। एबीवीपी सभी क्षेत्रों में काम कर रहा है। वनवासियों के लिए उनके क्षेत्र में रहकर गिरीश कुलकर्णी काम कर रहे है।
धर्म और जाति के नाम पर हो रही राजनीति को लेकर सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी पारिषद किसी समुदाय या पंत का संगठन नहीं है। विद्यार्थी किसी जाति का नहीं होता, वो सिर्फ विद्यार्थी होता है।
आपके पास राष्ट्रीय हित का कोई आइडिया है तो एबीवीपी आपका स्वागत करता है, लेकिन अगर कोई राष्ट्र को बांटने की बात करेगा तो उसके खिलाफ आवाज उठाई जाएगी। आतंकवादी की कोई जाति नहीं होती है, कोई विद्यार्थी भी इस तरह की हरकत करेगा तो हम आवाज उठाते रहेंगे।
वही कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शिक्षाविद निशांत कुमार ने कहा कि ‘शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।
युवा शक्ति को ऊंचे सपने देखना चाहिए, अपने लक्ष्य तय करें और उन्हें हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करें। अगर आप समर्पण, अनुशासन और पूरी ईमानदारी से अपने चुने हुए रास्ते से बिना डिगे कर्म करेंगे, तो सफलता अवश्य मिलेगी।
छात्रों के लिए आवश्यक है कि वर्षों तक कड़ी मेहनत से तैयार अपने प्रखर और सफल करियर को बनाने के समय हासिल किए गए ज्ञान, कुशलता और योग्यता का पूरा इस्तेमाल करें।
कभी छात्रों को निराश नहीं होना चाहिए। कई बार बच्चे पढ़ाई और एग्जाम को लेकर तनाव में आ जाते हैं।
बच्चों की शिक्षा में तनाव को कैसे दूर किया जाए इसे लेकर वर्तमान केंद्र सरकार तमाम प्रयास कर रही है। भारत की नई शिक्षा नीति (एनईपी) इसमें प्रमुख है। भारत की नई शिक्षा नीति (एनईपी) का लक्ष्य भारत को ज्ञान के क्षेत्र में एक वैश्विक महाशक्ति बनाने का सफर जारी है।
इसके लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार को मिलकर काम कर चाहिए ताकि भारत को एक बार फिर शिक्षा के क्षेत्र में विश्व गुरु का दर्जा मिल पाए। इसी को लेकर नई शिक्षा नीति जो प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति से प्रेरित है, छात्रों व देश के विकास के लिए लाई गई है। ज्ञात हो, प्राचीन भारतीय शिक्षा पद्धति में छात्रों के व्यक्तित्व के समग्र और सम्पूर्ण विकास को केंद्र में रखा जाता था।
नई शिक्षा नीति का उद्देश्य भी यही है कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था को समग्र, बहु-विषयक और व्यावहारिक बनाया जाए।
उच्च शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों से भारत को ज्ञान और नवोन्मेष का उभरता केंद्र बनाने के प्रयास ‘नई शिक्षा नीति’ को सहायक माना जा रहा है। वही निशांत कुमार ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय कि ब
वर्तमान शैक्षणिक व्यवस्था बहुत बूरी है इसे सुधारने के लिए सरकार और राज्यभवन को कठोर कदम उठाने चाहिए आज छात्र सरकारी रोजगार पाने के लिए काफी संघर्ष कर पढ़ाई कर रहे है पर मगध विश्वविद्यालय में परिक्षा नही होने के कारण उनका उम्र गुजर जाता है और वो पढे लिखे बेरोजगार बन जाते है बिहार सरकार को इसे गम्भीरतापूर्वक लेने कि आवश्यकता है।
वही बिहार प्रदेश के प्रदेश सह मंत्री सुरज सिंह ने कहा कि मगध विश्वविद्यालय कि शैक्षणिक व्यवस्था को बर्बाद करना यह एक सोची समझी साजिश है बिहार सरकार और राज्यभवन दोनो मिल कर मगध विश्वविद्यालय के अस्तित्व को खत्म कर रही है, सरकार एवं राज्यभवन में बैठे आका मगध क्षेत्र के छात्र-छात्राओ के शिक्षा स्तर को नीचे करने के लिए ना मगध विश्वविद्यालय में परिक्षा करा रहे, ना परिणाम दे रहे और ना ही डिग्री दे रहें। सरकार और राज्यभवन में बैठे आका अन्धे और बहरे हो गए हैं
जनता के मुलाजिमों को ना छात्रों का दर्द दिख रहा ना ही भविष्य बर्बाद होने पर रो रहे छात्रों कि आवाज सुनाई दे रही। अभाविप इस छात्र हुंकार सम्मेलन के माध्यम से बिहार सरकार और राज्यभवन में बैठे आकाओं को खुली चुनौती दे रही है कि अगर जल्द से जल्द मगध विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओ कि समस्याओ का समाधान नही किया जाएगा, छात्र-छात्राओ का परिक्षा और परिणाम जल्दी प्रकाशित नही किया जाएगा, तो मगध के छात्र जेपी आन्दोलन से भी बड़ा आन्दोलन करने कि तैयारी कर लिए है।
मगध कि इस धरती पर बिहार के मुखिया और राज्यभवन में बैठे महामहिम को आना मुश्किल हो जाएगा, मगध के सारे सड़को पर छात्र उतरेंगे और आन्दोलन को गती देते हुए मगध के साथ साथ बिहार को पूरी तरह से बंद कर देगे।
पटना में बैठकर विकास कि बात करने वाले, मगध के छात्रों का भविष्य बर्बाद करने वाले विनाश पुरूष के राजनीति सपना मगध विश्वविद्यालय के छात्र-युवा चकनाचूर कर देगें। शराब बंदी कि झुठी बात करने वाले बिहार के मुखिया को मगध विश्वविद्यालय के छात्रों का भविष्य बर्बाद करने का जुर्माना चुकाना पड़ेगा आने वाले चुनाव में।
मगध विश्वविद्यालय के छात्रों का जो भविष्य बर्बाद हुआ उसके एक एक दिन का हिसाब आने वाले वक्त में सरकार और राज्यभवन को देना होगा, छात्र अपने ऊपर हो रहें अन्याय को अब नहीं सहेंगे
अगर जल्द से जल्द छात्र की तमाम समस्याओं को दूर नहीं किया गया तो सरकार और राज्यभवन को इसका खामियाजा भुगतना होगा। बिहार मैं बेरोजगारी चरम सीमा पर है पर युवाओं को रोजगार देने वाली सरकार नही, बिहार में प्रतिभा की कमी नहीं पर प्रतिभा को पहचानने वाली है सरकार की कमी है।
स्वरोजगार के नाम पर युवाओं को ठगा जा रहा है युवा बड़े रूप पैमाने पर बिहार से पलायन कर रहे हैं आज बिहार में अच्छी शिक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण युवा दूसरे राज्य में पढ़ाई कर रहे हैं बिहार में रोजगार नहीं होने के कारण बिहार के नौजवान पीढ़ी दूसरे राज्यों में रोजगार कर रहे हैं जिसका सीधा फायदा दुसरे राज्यों को हो रहा।
बिहार के मुखिया सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करने में लगे हैं परंतु हकीकत ऐसा है कि बिहार का भविष्य चिंता में है। शराबबंदी की बात करें तो यह पूरी तरह बिहार की जनता को ठगने वाला बंदी है दुर्भाग्य है कि बिहार में शराब बंद होने के बाद भी शराब पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हो रही !
यह कैसा शराबबंदी है यह समझ नहीं आ रहा. बिहार में कई बड़े-बड़े कल कारखाने बंद है परंतु उसे खोलने की चिंता बिहार के मुखिया को नहीं बिहार के मुखिया सिर्फ अपनी राजनीति विषाक्त को बचाने में लगे हैं बिहार के मुखिया अब देश का नेतृत्व करने के सपने में अपने बिहार को बर्बाद करने में लगे हैं जो दुर्भाग्य पूर्ण है।
वही विभाग संयोजक प्रवीण यादव ने कहा कि धार्मिक नगरी के नाम से जाना जाने वाला शहर गयाजी, विश्व के मानचित्र पर एक अलग पहचान रखने वाला गयाजी, इस पावन धरती पर विश्व के हर कोने से लोग आते है विष्णुपद मंदिर, मां मंगला मंदिर, बोधगया मंदिर एवं बाबा दशरथ मांझी जी का वो पर्वत इस पावन धरा को एक अलग पहचान देती है।
परन्तु बिहार सरकार के उपेक्षा के कारण यह धरती अपनी पहचान खोती जा रही है, सरकार इस स्थान को पर्यटक स्थल बनाने कि जगह पूरे शहर को गढ्ढे में तब्दील कर दिए है। आज शहर के युवा बेरोजगार है यहा स्वरोजगार का कोई संसाधन नही।
यह जिला सुखार से ग्रसित रहती है तो कभी पानी मे डुबा रहता है। देश विदेश के लोग आते है घुमने पर यहा कि जाम कि समस्याओ से पर्यटक परेशान हो जाते है।
जिला संयोजक राजीव रंजन कुमार ने कहा कि बिहार का इतिहास गौरवान्वित इतिहास रहा है।
बिहार देश को हर साल हजारो शिक्षाविद, सैकड़ो आईपीएस-आईएस एवं देश के कई महत्वपूर्ण पदों पर बैठने वाले पदाधिकारी देता है, पर आज बिहार कि वर्तमान दुर्भाग्य पूर्ण शैक्षणिक व्यवस्था देश के साथ-साथ विदेशों में भी चर्चा का विषय बन हुआ है।
बिहार में कई विख्यात विश्वविद्यालय है, पर आज बिहार के राज्यस्तरीय विश्वविद्यालयो का दुर्दशा ऐसी हो गई जिसमें छात्र-छात्राओ का भविष्य पूरी तरह बर्बाद हो गया है।
बिहार के मगध विश्वविद्यालय में तीन सालों का कोर्स छः साल में भी पूरा नही हो रहा है,दो साल का कोर्स चार साल में भी पूरा नही हो रहा है,वोकेशनल कोर्स एवं प्रोफेशनल कोर्स में पढने वाले छात्र रोजगार पाने कि जगह विश्वविद्यालय में पढ कर बेरोजगार बन गए है।
नगर अध्यक्ष प्रियंका कुमारी ने कहा कि मौके पर नगर अध्यक्ष डॉ प्रियंका तिवारी ने बताया कि विद्यार्थी परिषद जिस तरह मगध विश्वविद्यालय के शैक्षणिक समस्याओं के विरुद्ध आवाज उठा रहे हैं इससे लगता है कि जल्दी ही विश्व विद्यालय की स्थिति में सुधार होगा।
वही महानगर मंत्री मैक्स अवस्थी ने छात्र हुंकार सम्मेलन में उपस्थित सभी अतिथियों एवं हजारों की संख्या में उपस्थित छात्र-छात्राओं को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री गया जिला में समाधान यात्रा करने पहुंचे हैं लेकिन मगध विश्वविद्यालय के वर्तमान शैक्षणिक अनियमितता को लेकर कोई समाधान नहीं किया जा रहा है।
अभाविप जब भी कोई मुद्दा उठाती हैं तो उसे समाधान तक लाकर ही छोड़ती है अतः इस छात्र हुंकार सम्मेलन के माध्यम से विद्यार्थी परिषद यह बता देना चाहता है कि जल्द से जल्द प्रवेश,परीक्षा और परिणाम में सुधार किया जाए। मंच संचालन सत्यम कुशवाह ने किया।
इस मौके पर डॉक्टर ममता कुमारी, स्मृति सिंह, निशांत सर, अविनाश सर, दाऊद सर, पशुपति जी, सूरत सिंह, प्रवीण कुमार,राजीव रंजन कुमार,सुबोध कुमार पाठक, सत्यम कुशवाहा, धीरज केसरी, अनिरुद्ध सेन, प्रिया सिंह, अजित दास,आशीष पाठक, आशीष झा, सचिन यदुवंशी, मंतोष सुमन, अमन मिश्रा,मैक्स अवस्थी, विनायक सिंह, आदित्य कुमार, रोहम सिंह,आयुष गुप्ता, आरव सिंह, अविनाश पांडे, रितिक रोशन, रितेश पांडे, अमन शेखर, अभिषेक आर्य, साजन चंद्रा, मनीषा कुमारी, सिमरन कुमारी, गुड़िया कुमारी, काजल कुमारी, पूजा कुमारी, आदित्य कुमार, सुजीत कुमार, रंजीत कुमार, शिवम सिंह, विपिन साव, सौरभ स्वराज,अमित कुमार आदि मौजूद थे।
– AnjNewsMedia Presentation