गया नगर निगम के पास है 7 फॉगिंग, 6 एंटी लारवा मशीन
जिला अस्पताल में डेंगू जांच हेतु पर्याप्त किट उपलब्ध
गया जिले की समीक्षा |
गया : मुख्य सचिव, बिहार की अध्यक्षता में सभी जिला पदाधिकारी, सिविल सर्जन तथा नगर आयुक्त के साथ जिलों में डेंगू एवं चिकनगुनिया से जनजीवन को बचाव हेतु की गई तैयारियों के संबंध में अवगत हुए।
उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी स्लम एरिया में विशेष ध्यान देते हुए नियमित रूप से फागिंग करवाते रहें।
उन्होंने कहा कि यदि किसी सार्वजनिक स्थान पर पानी का जमाव है तो उसे तुरंत पानी का निकास करें क्योंकि पानी का जमाव रहने से डेंगू काफी तेजी से पनपता है।
सभी जिला पदाधिकारियों को कहा कि दीपावली तथा छठ पर्व काफी नजदीक है। इसे देखते हुए विशेष सतर्कता बरतना है। पर्व त्यौहार के साथ साथ लगातार वर्षा भी हो रही है, जिसके कारण स्लम एरिया के साथ-साथ अन्य सार्वजनिक स्थानों पर जलजमाव रहने के कारण डेंगू पनपते हैं।
उन्होंने सभी सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को अलर्ट मोड में रखें। सभी अस्पतालों में डेंगू से संबंधित सेपरेट बेड रखें ताकि डेंगू के मरीज आने पर उसे तुरंत एडमिट करते हुए समुचित इलाज कराया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी अस्पतालों में भी नियमित रूप से फॉगिंग करावें।
गया जिले के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी गया डॉ त्यागराजन एसएम ने बताया कि गया जिले में मेडिकल कॉलेज के साथ साथ जिला अस्पताल में भी डेंगू के जांच हेतु पर्याप्त किट उपलब्ध है।
सभी प्रखंडों में डेंगू के जांच हेतु किट उपलब्ध करा दिया गया है। मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ सभी अस्पतालों में बेड रिजर्व रखे गए हैं। अब तक गया जिले में डेंगू के कुल 29 पॉजिटिव केस रिपोर्ट हुए हैं।
डेंगू से संबंधित आए मरीजों के क्षेत्र को चिन्हित करते हुए पूरे परिधि को अच्छे तरीके से फोगिंग कराया जा रहा है तथा आसपास के घरों के रहने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी जा रही है।
उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में 4-5 एरिया में तेजी से फैल रहा है। वहां पर विशेष रूप से फॉगिंग कराया जा रहा है। इसके साथ ही निगम क्षेत्र में रोस्टर बनाकर तीन पालियों में फॉगिंग की व्यवस्था की गई है। पूर्व वार्ड पार्षदों के साथ फोगिंग हेतु बनाए गए रोस्टर को देते हुए उनसे मदद ली जा रही है।
गया नगर निगम के पास कुल 7 फॉगिंग मशीन है तथा 06 एंटी लारवा मशीन है। इसके साथ ही सभी नगर निकायों में पदाधिकारियों को डेंगू से बचाव हेतु आवश्यक तैयारियां करने का निर्देश दिया जा चुका है।
गया जिले में डेंगू संबंधित कोई विशेष समस्या नहीं है। गया जिला को डेंगू से बचाव हेतु पूरी नियंत्रण में रखा जा रहा है। स्वास्थ विभाग की पूरी टीम को अलर्ट मोड में रखा गया है कहीं भी भी कोई डेंगू की घटना आने पर उसे तुरंत रिस्पॉन्ड किया जा रहा है।
मुख्य सचिव बिहार में नगर आयुक्त गया नगर निगम अभिलाषा शर्मा को निर्देश दिया कि नगर निगम के सभी क्षेत्रों में फागिंग करवाते रहें। मैन पावर बढ़ाते हुए पर्याप्त टीम बनाते हुए डेंगू से बचाव हेतु व्यापक कार्य कराएं।
नगर आयुक्त ने बताया कि सात फोगिंग मशीन के माध्यम से रोस्टर के अनुसार रोटेशन के साथ फॉगिंग कराया जा रहा है। वर्तमान में दो पाली में फोगिंग किया जा रहा था। कल से 03 पाली में फागिंग कराया जाएगा। मुख्य सचिव बिहार ने कहा कि गया में अधिक संख्या में स्लम एरिया के साथ-साथ आबादी भी है इसे देखते हुए विशेष सतर्कता बरतते हुए आवश्यक कार्य करते रहें।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के पश्चात जिला पदाधिकारी ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों में पठन-पाठन कर रहे सभी छात्र छात्राओं को फुल शर्ट एवं फुल पैंट में रहने का निर्देश दिया है। उन्होंने स्कूल के छात्र छात्राओं के साथ साथ गया जिला के लोगों से अपील किया है कि अपने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा शरीर को ढकने का कार्य करें ताकि मच्छर काट ना सके तथा डेंगू से ज्यादा से ज्यादा बचाव हो सके।
डेंगू एवं चिकनगुनिया के संबंध में आवश्यक सूचना :-
डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर दिन में काटता है एवं स्थिर साफ पानी में पनपता है।
-: इन बीमारियों के लक्षण :-
तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा आँखों के पीछे दर्द
- • त्वचा पर लाल धब्बे / चकत्ते का निशान
- • नाक, मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना
- • काला पैखाना होना
उपरोक्त लक्षणों के साथ तेज बुखार से पीड़ित मरीज को अविलम्ब सदर अस्पताल अथवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाएँ।
यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में डेंगू हो चुका है तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, वैसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की शंका होने पर तुरन्त ही सरकारी अस्पताल / चिकित्सक से सम्पर्क करें।
-: डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव हेतु निम्न उपाय करें :-
- • दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।
- • मच्छर भगाने वाली दवा / क्रीम का प्रयोग दिन में भी करें।
- • पूरे शरीर को बैंकने वाले कपड़े पहने, घर एवं सभी कमरों को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाए रखें।
- • टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, ए.सी./ फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी एवं घर के अंदर एवं अगल-बगल में अन्य जगहों पर पानी न जमने दें।
- • अपने आस-पास के जगहों को साफ-सुथरा रखें तथा जमा पानी एवं गदंगी पर कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें।
- • गमला, फूलदान इत्यादि का पानी हर दूसरे दिन बदलें।
- • मॉल दुकानदारों / प्रबंधकों से भी अनुरोध है कि खाली पड़े जगहों में रखे डब्बों / कार्टनों आदि में पानी जमा न होने दें।
- • जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें। • याद रखें हर बुखार डेंगू नहीं है।
- • बीमारी के लक्षण होने पर बिना समय नष्ट किये अन्य चिकित्सक से सम्पर्क करें।
- • डेंगु एवं चिकनगुनिया बुखार की स्थिति में सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है।
- • समय पर उपचार कराने से मरीज पूर्णतः स्वस्थ्य हो जाता है।
तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन अथवा ब्रुफेन की गोलियाँ कदापि इस्तेमाल नहीं करें। इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है।
एम्बुलेंस हेतु टॉल फ्री नं० 102 डायल करें।
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