अस्पताल का औचक निरीक्षण
गया : ज़िला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा आज जयप्रकाश नारायण अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया। सर्वप्रथम उन्होंने इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया। वहां इलाज के लिए आए हुए कई मरीजों से अस्पताल में दी जाने वाली व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लिया।
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DM Thiyagrajan : Hospital निरीक्षण |
जिला पदाधिकारी ने अतरी प्रखंड के पथरी ग्राम के मरीज रीता कुमारी से जानकारी लेने के दौरान बताया गया कि आज उन्हें दूध नहीं दिया गया है। उन्होंने उपस्थित मरीजों से खानपान, दवा, साफ सफाई, समय पर चिकित्सक मरीजों को देखने आते हैं या नहीं इत्यादि के बारे में जानकारी लिया। जिला पदाधिकारी ने दूध ना देने की शिकायत पर सिविल सर्जन को संबंधित संवेदक से स्पष्टीकरण पूछते हुए 1 दिन की राशि कटौती करने का निर्देश दिए। इसके अलावा विभिन्न मरीजों से अस्पताल के बारे में फीडबैक लेने पर संतोषजनक जवाब दिया गया।
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DM Thiyagrajan निरीक्षण |
इसके उपरांत लेबर रूम का निरीक्षण किया। लेबर रूम को और सुसज्जित व्यवस्था में रखने का निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों के किये जाने वाले एक्सरे के बारे में जानकारी लेने पर सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि इस अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे की व्यवस्था है। हर दिन काफी मरीजों को डिजिटल एक्स-रे के माध्यम से इलाज किया जा रहा है। इसके उपरांत उन्होंने सीटी स्कैन किये जाने वाले कक्ष का निरीक्षण किया। उन्होंने उपस्थित कर्मी से रजिस्टर के माध्यम से जानकारी लिया कि आज की तिथि में कितने मरीजों का सिटी स्कैन किया गया है। उपस्थित कर्मी द्वारा बताया गया कि आज कुल 4 मरीजों का सीटी स्कैन हुआ है। जिला पदाधिकारी ने उपस्थित चिकित्सक से सीटी स्कैन किए जाने के संबंध में विस्तार से जानकारी भी लिया कि किस स्थिति में और किस स्तर से सिटी स्कैन मरीजों का किया जाता है।
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DM निरीक्षण |
अल्ट्रासाउंड के समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि इस अस्पताल में एक अल्ट्रासाउंड की मशीन है तथा एक डायग्नोसिस डॉक्टर हैं।
आईसीयू के निरीक्षण के दौरान जिला पदाधिकारी ने आईसीयू कक्ष को पूरी तरह फंक्शन रखने का निर्देश दिया।
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जेई वैक्सीनेशन के समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि गया जिले में लगभग 99% जेई का वैक्सीनेशन पूर्ण कर लिया गया है। इसके उपरांत जयप्रकाश नारायण अस्पताल के पूरे परिसर का घूम घूम कर निरीक्षण किया तथा पर्याप्त साफ सफाई व्यवस्था रखने का निर्देश दिया।
समीक्षा बैठक
ज़िला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा वंडर प्रोजेक्ट ट्रेनिंग तथा श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट के संबंध में समीक्षा बैठक समाहरणालय सभाकक्ष में की गई। जिला में वंडर एप की मदद से मातृ एवं शिशु मृत्य की रोकथाम की जायेगी. बोधगया प्रखंड से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरूआत की गयी है। प्रखंड में गर्भवती के स्वास्थ्य की पूरी सूचना इस एप के माध्यम से अपडेट किया जायेगा ताकि प्रसव या किसी जरूरत के समय उसे पूरा इलाज दिया जा सके।
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DM Thiyagrajan In Meeting |
वंडर एप को बड़े पैमाने पर क्रियान्वित किया जाना है और सभी स्वास्थ्यकर्मियों तथा सहयोगी संस्थाओं के सभी कर्मी से सहयोग अपेक्षित है. विशेष रूप से वंडर एप की मदद से शतप्रतिशत गर्भवती महिलाओं का कवरेज किया जा सके और जटिलता को रोकने या जटिलता को समय रेफर कर आवश्यक उपचार मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
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DM In Meeting |
जिलाधिकारी ने कहा कि इस एप के तीन कंपोनेंट हैं जिसमें एंटी नेटल पीरियड यानि गर्भवती के पूरे नौ माह के दौरान जो जटिलता उत्पन्न होती है उसका निदान किया जा सके। इसे लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा कि एप पर गर्भवती की सभी प्रकार की जानकारी दिया जा सकता है और सिविल सर्जन तथा जिला स्तर के स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा इसका अनुश्रवण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एप के लिए पंचायत स्तर पर कैंप लगा कर गर्भवतियों की सभी प्रकार की जांच करनी है। जांच स्थल पर ही पैथोलॉजिकल टेस्ट पूरा कराना है। इसके लिए यूनिक आइडी भी दिया जायेगा। यूनिक आइडी की मदद से महिला की सभी प्रकार की जांच की जानकारी चिकित्सक को मिल सकेगी।
वंडर प्रोजेक्ट को सफल क्रियान्वयन हेतु विभिन्न विभागों को ट्रेनिंग के समीक्षा के दौरान बताया गया कि विभिन्न विभागों में लगभग 4200 लोगों को ट्रेनिंग दिया गया है, जिनमें 55 चिकित्सक, 638 एएनएम एवं 3056 आशा शामिल हैं। इसके साथ ही बोधगया प्रखण्ड के जीविका के 39 कर्मियों को पूरी तरह ट्रेनिंग दिया जा चुका है। जिला पदाधिकारी ने जीविका के समूह, मगध मेडिकल तथा अन्य स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न कार्यालयों के कर्मियों एवं चिकित्सको को पर्याप्त ट्रेनिंग करवाने का निर्देश दिए ताकि वंडर प्रोजेक्ट को पूरी तरह सफल क्रियान्वयन कराया जा सके।
उन्होंने कहा कि मगध मेडिकल, जयप्रकाश नारायण अस्पताल तथा प्रभावती अस्पताल के डायग्नोलॉजिस्ट चिकित्सकों को प्राथमिकता देकर भौतिक रूप से वर्कशॉप आयोजित करते हुए ट्रेनिंग करवाएं ताकि भविष्य में किसी भी गंभीर अवस्था वाले मरीजों को प्रॉपर तरीके से कंट्रोल किया जा सके। उन्होंने बताया कि वंडर ऐप रेफरल मामलों में काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने कहा कि यदि अगर कोई गर्भवती महिला अस्पताल में है लेकिन उसकी स्थिति काफी दयनीय है, तत्पश्चात उसे किसी बड़े अस्पताल में रेफर करने की आवश्यकता है तो वंडर मोबाइल ऐप में महिला की बीमारी का जिक्र करते हुए रेफर का विकल्प डालें। यह अलर्ट संबंधित बड़े अस्पताल के चिकित्सकों तथा अन्य पदाधिकारियों के मोबाइल पर तुरंत पहुंच जाएगा, जिससे उनके इलाज बिना समय गवाएं और अधिक प्रभावी रूप से किया जा सकेगा।
उन्होंने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि हर स्तर पर बेहतर तरीके से ट्रेनिंग कर ले ताकि आने वाले दिनों में ऐसे मामलों पर अपना बेहतरीन परफॉर्मेंस दे सके।
बैठक में बताया गया कि वंडर ऐप के तहत अब तक कुल 934 महिलाओं को स्क्रीनिंग किया गया है, जिनमें सबसे अधिक बोधगया के 689 महिला, प्रभावती 216, बांके बाजार 14, गुरुआ 14, नीमचक बथानी में 6, मोहनपुर 2, मगध मेडिकल अस्पताल एक तथा खिजरसराय में एक महिला का स्क्रीनिंग किया गया है।
जिला पदाधिकारी ने सिविल सर्जन तथा डीपीएम स्वास्थ्य को निर्देश दिया कि हर सप्ताह सेविका एएनएम आशा को एक जगह बैठा करके लाइन लिस्टिंग तयार करावे साथ ही संबंधित पंचायत के मुखिया को भी उक्त बैठक में सम्मिलित करें ताकि संबंधित पंचायत के लोगों को जागरूक आसानी से किया जा सके।
उन्होंने कहा कि बोधगया प्रखंड को मॉडल के रूप में रखते हुए कार्य करे। जिससे और भी अन्य सभी प्रखंड प्रेरित हो सके। वहां की एक एक महिलाओं का अच्छे से सर्वे करते हुए वंडर ऐप में बेसिक डिटेल एंट्री करावे। एक भी महिला ना छूटे या ध्यान रखें। अभियान स्तर पर कैंप लगाएं तथा कैंप में बेसिक व्यवस्थाएं हैं, उसे सुसज्जित तरीके से रखें।
श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट के संबंध में बताया गया कि जिला स्तरीय विभिन्न पदाधिकारियों के साथ कोआर्डिनेशन बैठक का काफी अच्छा परिणाम सामने आया है। खास करके विभिन्न स्टेकहोल्डर, स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस तथा सामाजिक सुरक्षा कार्यालय द्वारा काफी सहयोग किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि छोटे बच्चों को स्क्रीनिंग के लिए विभिन्न स्तरों पर उन्हें मोबिलाइज किया जा रहा है। हर स्तर पर माइक्रो प्लान तैयार करते हुए उन्हें लगातार मॉनिटरिंग भी किया जा रहा है। श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट के तहत स्क्रीनिंग किए हुए बच्चों को बेहतर इलाज हेतु बेरा टेस्ट ( BERA TEST) की व्यवस्था कराया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि 2 मार्च से अब तक 326 आंगनबाड़ी सेंटरों में 9066 बच्चों को स्क्रीनिंग किया जा चुका है, जिनमें 40 बच्चों को BERA TEST के लिए रेफर किया गया है तथा उनमें 29 बच्चों का BERA TEST पूर्ण करते हुए 2 बच्चे BERA TEST पॉजिटिव पाए गए हैं।
जिला पदाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को बताया कि नवजात बच्चों को भी श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट के तहत शत प्रतिशत स्क्रीनिंग कराने हेतु कार्य योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि नवजात बच्चों को कौन से उपकरण से जांच किया जाएगा इसके लिए भी विस्तार से गाइडलाइन को पढ़ते हुए उसी अनुरूप तैयारी करें।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में बच्चों को किए जा रहे स्क्रीनिंग के उपरांत उन बच्चों को और बेहतर इलाज हेतु संबंधित चिकित्सक सप्ताह में एक दिन द्वारा उन बच्चों को जांच कर वेरीफाई करते हुए उन्हें BERA TEST कराएं। बच्चों को और बेहतर इलाज हेतु पटना एम्स से समन्वय स्थापित करते हुए उन्हें एंबुलेंस के माध्यम से रेफर करें तथा उनके परिजनों को लगातार फीडबैक दिया करें। इसके उपरांत उन्होंने श्रवण श्रुति प्रोजेक्ट को और अच्छी तरह धरातल पर लाने हेतु विभिन्न बिंदुओं पर विचार विमर्श किया।
बैठक में सिविल सर्जन द्वारा बताया गया कि श्रवण श्रुति के तहत काफी अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। बच्चों के स्क्रीनिंग के दौरान उन्हें इलाज किया गया। इलाज के दौरान लगभग 20 से 30 बच्चे हियरिंग लॉस की समस्या से निजात मिला है। जो काफी अच्छे संकेत हैं। जिला पदाधिकारी ने सिविल सर्जन तथा तमाम पदाधिकारी जो श्रवण श्रुति में लगे हुए हैं उन सभी को पूरे लगन और जोश के साथ बच्चों का स्क्रीनिंग एवं उनका समुचित इलाज करवाने का निर्देश दिए।
जीविका दीदियों शराब और नशे के विरोध में चला रही अभियान
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चलाया अभियान |
जीविका दीदियों ने शराब और नशे के विरोध में फिर से अभियान चलाया। इसके लिए आज शाम को जिले के सभी प्रखंडों में ग्राम संगठनों के माध्यम से मशाल जुलूस निकला गया, जिसमें बड़ी संख्या में जीविका दीदियों ने भाग लिया।
दीदियों ने कहीं मशाल कहीं केंडल जलाते हुए और कहीं हांथो में बैनर और स्लोगन लिखी तख्तियां लिए लोगों को जागरूक करते हुए फिर से अवैध शराब निर्माण के विरोध में अभियान चलाया।
उन्होंने कहा जो लोग राज्य में शराबबंदी कानून का उलंघन कर लोगों जहरीली शराब द्वारा लोगों की जान लें रहें हैं, उन्हें सख्त से सख्त सजा होनी चाहिए। उन्होंने लोगों से शराब ना पीने की अपील की।
बोधगया, आमस, शेरघाटी, बाराचट्टी, नीमचक बथानी, आदि सभी प्रखण्डों में जगह, सामुदायिक संगठनों से जुड़ी दीदियों ने जुलूस निकाल अपना विरोध दर्ज किया। उन्होंने कहा यह जुलूस कल भी निकाला जाएगा।
रैलियों, जुलूसों, सभाओं के माध्यम से जीविका दीदियों ने फिर से जन जगरूकता अभियान चलाया है। जिले एवं राज्य को नशा मुक्ति करने हेतु यह जगरूकता अभियान जिला के सभी 24 प्रखण्डों, 72 संकुल स्तरीय संघों के साथ-साथ जीविका ग्राम संगठों, एवं समूह से जुड़ी दीदियों द्वारा चलाया जा रहा है।