हक लिखित ‘अमावस के ख्वाब’ प्रेरणादायी उपन्यास को मिला साहित्य अकादमी सम्मान
गया : जिले के डॉक्टर हुसैन उल हक को वर्ष 2020 के लिए ‘अमावस के ख्वाब’ प्रेरणादायी उपन्यास के लिए उन्हें साहित्य अकादमी सम्मान से नवाजा गया है।
जाहिर हो श्री हक मगध विश्वविद्यालय के रिटायर प्रोफेसर हैं। वे सूफीयाना मियाज के आदमी हैं। विचारधारा में सुफीयाना मिलता है।
बचपन में उनकी मां सासाराम की शौकत आरा ने उन्हें शिक्षा के साथ कादरी व चिश्ती सूफी विचारों से अवगत कराने का काम की थी। वही उनके साहित्य में भी झलकती। उनके फरदादा काजी पाली हक बलिया उत्तर प्रदेश में थे।
फिर उनके परिवार सासाराम आये और निवास करने लगे। वहीं डॉक्टर हुसैन उल हक की शिक्षा- दीक्षा हुई।
अमावस की ख्वाब नोबेल पुरस्कार पिछले 5 सालों की राजनीति में बदलाव को दर्शाती है। मुख्यरूप से मानवतावादी विचारधारा पर आधारित है उपन्यास। यह उनकी पहली उपलब्धिपूर्ण उपन्यास है।
इस उपन्यास में 1947 से लेकर 2016 तक की कहानी समाहित है। जो आम आदमी के संघर्षपूर्ण जीवन पर आधारित है।
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