Hot Romance नब्बे की सिनेमाई की दिलाएगी याद
Hot Romance की Film ‘रोमांटिक टुकड़े‘
निर्देशक वरदराज की फ़िल्म अब जल्द ही होगी रिलीज
Hot Romance की Film ‘रोमांटिक टुकड़े‘ जल्द ही होगी रिलीज |
Mumbai : Hot Romance- Romantic Tukde यह Film भारतीय सिनेमा
का वृतांत है| सिनेमा हमेशा से दर्शकों के मानस पटल पर असर छोड़ जाता है और समाज के
निर्माण में हमेशा से एक अहम भूमिका निभाता है|
सिनेमा हॉल में चल रहे फिल्मों से रिफ्लेक्ट होकर फिल्म के मुख्य पात्र को बार- बार
प्रभावित करती है|
Hot Romance में वो मुख्य महिला पात्र फिल्म देखकर कुछ न कुछ नया सीखती है और
नया करने की कोशिश करती है|कुछ फ़िल्में उसको इतना मोटिवेट करती हैं कि मुख्य पात्र
अपने जीवन में घटित कुछ अनहोनी घटनाओं का जिन लोगों ने उसके साथ अत्याचार या
अन्याय किया है, उनसे बदला लेती है|
ऐसा माना जाता है कि
सोसायटी को बदलने में या फिर सोसायटी को सही ग़लत की दिशा देने में सिनेमा का अहम
योगदान रहा है|
चूँकि अमूमन हर फिल्म कुछ मैसेज छोड़ जाती है, और देर सबेर उन फिल्मों का प्रभाव समाज में देखने को मिलता
है| कुछ
फ़िल्में तो ऐसी होती हैं जो कि सिनेमा के जादुई प्रभाव दर्शकों के दिलों दिमाग पर
इस कदर छोड़ जाती हैं कि दर्शक सबकुछ भूलकर उसी धारा में बह जाते हैं।
ऐसी फिल्में
मुश्किल से बन पाती है, जिसमें दर्शकों को अपनी ओर खींच लेने की क्षमता होती है।
अनवरत प्रस्तुति |
रोमांटिक टुकड़े उसी कड़ी
की बेहतरीन कहानी है।ये फ़िल्म कब सिनेमाई किरदारों के साथ दर्शकों को अपने आगोश
में ले लेती है, दर्शकों को इसका पता नहीं चल पाता है| फ़िल्म को देखते हुए दर्शक
कब हँसने, रोने, नांचने, गाने लगते हैं, यूँ कहें, दर्शक फ़िल्म रोमांटिक टुकड़े के साथ एक यात्रा करने
लगते हैं|
मेकर ने इस फ़िल्म को
बनाते समय ऐसी कोशिश की है कि दर्शक इस फ़िल्म के चरित्रों को आसानी से स्वीकार कर सके
और उनको अपना आइडियल बना सके| ऐसी तमाम ट्रेंडशेटर फिल्मों के प्रमाण मिलते हैं जो
कि दर्शकों पर सकारात्मक प्रभाव छोड़जाती हैं और जीवन भर मार्गदर्शन करती हैं|
फिल्म रोमांटिक टुकड़े नई
धारा की फिल्म है| कहानी हार्ड हिटिंग होते हुये भी दर्शकों का भरपूर मनोरंजन
करती है| इस फिल्म में भारतीय सिनेमा के लगभग फेमस आर्टिस्ट आपको देखने को मिल जायेंगे|
फिल्म 90 के दशक के सिनेमा के गोल्डन टाइम की याद ताज़ा कराती है|
ये फ़िल्म अपने बेजोड़ कथानक के माध्यम से हँसाती खिलखिलाती
हुई पल प्रतिपल दर्शकों को एक नया लेसन देती है|
रोमांटिक टुकड़े की कहानी
तब की है, जब सिनेमा हॉल में ब्लैक टिकिट बिकते थे| सिनेमा की टिकट के लिए मारामारी
होती थी| लोग अपनी फैमिली के साथ फ़िल्म देखने जाया करते थे| कहानी उस दौर से लेकर
सिनेमा हॉल्स के बंद होने तक की एक अद्भुत जर्नी है |
फ़िल्म ‘रोमांटिक टुकड़े‘ में पंकज बेरी, निकुंज मलिक, अमिया अमित कश्यप,विवेकानंद झा,भक्ति पुंजानी,ब्रजेश झा और धामा वर्माजैसे
सशक्त कलाकार अहम भूमिकाओं में नज़र आएंगे| इस फ़िल्म का निर्देशन वरदराज स्वामी
ने किया है, जबकि फ़िल्म का निर्माण विजय बंसल और प्रिया बंसल ने किया है|
फ़िल्म
का लेखन शहज़ाद अहमद ने किया है तो वहीं फ़िल्म का कर्णप्रिय संगीत तुतुल
भट्टाचार्य ने दिया है और फ़िल्म के उम्दा गानों को पीयूष मिश्रा और केतन मेहता
ने लिखा है| फ़िल्म के सह-निर्माता आसिफ़ ख़ान और वेदर फिल्म्स हैं|
फिल्म रोमांटिक टुकड़े के बारे में निर्देशक वरदराज स्वामी
कहते हैं| “रोमांटिक टुकड़े बिल्कुल अनछुई कहानी है। मैं हर समय कुछ नया करता हूँ|कुछ
अलग करने की कोशिश करता हूँ|
मैं ये मान कर चलता हूँ कि मेरी फिल्में दर्शकों को
मनोरंजन के साथ नयी सोच दे, नयी दिशा दे।इस फ़िल्म को मैंने सिनेमा की नयी धारा में
कहने की कोशिश की है।
रोमांटिक टुकड़े आर्ट सिनेमा और कमर्शियल सिनेमा से आगे की सोच
है। ये फ़िल्म दर्शकों को शुरू से ही अपने में समेट लेती है|दर्शक इस फ़िल्म की
दुनियाँ में बहुत सहजता से खो जाते हैं।काफ़ी समय बाद एक अच्छी कहानी हाथ लगी तो
स्वयं को रोक नहीं पाया जोकि अब फ़िल्म के रूप में रोमांटिक टुकड़े के नाम से आपके
सामने है”|
‘रोमांटिक
टुकड़े‘ की शूटिंग बिहार के बेगुसराय ज़िले और मुम्बई के विभिन्न इलाकों में की गई है| इस
फ़िल्म के लेखक शहज़ाद अहमद फिल्म के स्क्रीनप्ले के बारे में बड़े उत्साह के साथ
कहते हैं| “कहने के लिये तो हर फिल्म के स्क्रीनप्ले में लोग कुछ न कुछ theoretically बातें
करते हैं|
सच पूछिये तो स्क्रीनप्ले की किसी भी थ्योरी को स्क्रीनप्ले के लिटरेचर
के साथ उतारना आसान काम नहीं है| फिल्म रोमांटिक टुकड़े what happen next की
थ्योरी पर लिखी हुई हंड्रेड परसेंट उम्दा कहानी है”|
सह निर्माता आसिफखान फिल्म
के बारे में कहते हैं| “ये फिल्म नब्बे के दशक की म्यूजिकल फिल्मों की याद ताज़ा
करवाती है और दर्शकों को नब्बे के दशक के फिल्मों से रूबरू कराती है|
ये फिल्म
भारतीय सिनेमा का एक दस्तावेज़ है| वरदराज स्वामी और शहज़ाद अहमद सिनेमा को लेकर
बहुत समर्पित हैं| वो फिल्म मेकिंग और लेखन की बहुतअच्छी समझ रखते हैं”|
ग़ौरतलब है कि ‘रोमांटिक टुकड़े‘ सिनेमा के सुनहरे दौर यानी नब्बे के दशक के सिनेमा को बड़ी
ही ख़ूबसूरती के साथ पेश करती है|
जिसे देखने के बाद दर्शक मंत्रमुग्ध हुए बिना
नहीं रह पायेंगे| एक अनूठे विषय पर बनी फिल्म ‘रोमांटिक टुकड़े‘ जल्द ही देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित की जाएगी और
जल्द ही इस फ़िल्म की रिलीज डेट का भी
ऐलान किया जाएगा|
Film के बारे में बात
करते हुये निर्माता विजय बंसल कहते हैं| ”देखिये जी, एक प्रोडूसर होने के नाते मेरा मानना है जब कोई कहानी मुझे
प्रभावित करेगी या मैं किसी कहानी से satisfy हो जाता हूँ,तभी उस पर काम करने के बारे में सोचता हूँ,
रोमांटिक टुकड़े मेरी इसी सेटिस्फेक्शन का हिस्सा है।
प्रोडूसर जब कंटेंट से, कहानी से, अपनी फिल्म से satisfy
होगा। तभी वो फिल्म कमाल दिखा सकेगी|
रोमांटिक टुकड़े बहुत महत्वकांक्षी फिल्म है|
मैं उम्मीद करता हूँ। ये फिल्म दर्शकों पर अपना असर छोड़ पाएगी |
Film बन कर तैयार है। बस, Release होने का इंतजार है। दिल थामे रहें ! बहुत जल्द Film धमाल मचाने आ जाएगी। Movie will Release Soon.
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