Jivika Gaya:- In the digital age Sisters adventure flight : डिजिटल युग में बहनों की साहसिक उड़ान

चातुर्य स्किल से आत्मनिर्भर बनतीं बहना 

सिर्फ, जीवन- यापन  के लिए ये रोजगार का अवसर, भरोसेमंद नहीं 

बेरोजगारी की दौर में बहनों की रोजगार ! सिर्फ दिखावटी

बिहार : गया जिले से 23 इछुक ग्रामीण युवा महिलाओं को दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के अंतर्गत रोजगार का अवसर मिला। लाचारी का नाम है शुक्रिया, जो इस दर्दे-दास्ताँ में झलकती है। काम-चलाऊ रोजगार, क्षणिक है, लंबी दूरी तय करने वाली नहीं चलो, बेरोजगारी से कुछ भला। सचाई यही है कि वे अभाव में जीकर संभाल रही अपनी ज़िंदगानी। 

Jivika Gaya:- In the digital age Sisters adventure flight : डिजिटल युग में बहनों की साहसिक उड़ान, AnjNewsMedia
रोजगार का अवसर ! सिर्फ कमाने- खाने भर 

जीविका के प्रबंधक रोजगार ज्योति प्रकाश ने बताया कि रोजगार का ऑफर भारत एफ आई के द्वारा चातुर्य स्किल प्राइवेट लिमिटेड, आंध्रप्रदेश द्वारा दिया गया है जो नोकिया, एम आई, एवं ऐप्पल के मोबाईल को एसेंबल करने का कार्य करती है। 

Jivika Gaya :- In the digital age Sisters adventure flight.


Jivika Gaya:- In the digital age Sisters adventure flight : डिजिटल युग में बहनों की साहसिक उड़ान, AnjNewsMedia
रोजगार ! सिर्फ दिखावटी, टिकाऊ नहीं

जब ऑफर मिलने पर सभी बहुत खुश एवं उत्साहित दिखे। शेरघाटी प्रखंड की रहने वाली हैं खुशबू कुमारी बताती हैं कि मुझे एक रोजगार की तलाश थी क्योंकि परिवार की स्थिति ठीक नहीं।

मेरी पढ़ाई भी ठीक से नहीं हो पा रही थी। जीविका के माध्यम से दीन दयाल ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से मिले प्रशिक्षण ने मेरा आत्मविस्वास बढ़ाया है। मैं भी आगे बढ़ना चाहती हूं ताकि परिवार की मदत कर सकूं। मेरे परिवार वाले रोजगार मिलने पर बेहद खुश हैं।

रोजगार के लिए पहली बार घर से बाहर जाने वाले सभी 23 ग्रामीण युवतियां उत्साहित हैं कि उन्हें रोजगार के साथ आगे बढ़ने और कुछ सीखने को मिलेगा, जो घर में रहकर नहीं मिल पा रहा था। 

इनमें से कुछ युवतियों ने जीविका के माध्यम से डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत तीन से चार माह का निशुल्क प्रशिक्षण प्राप्त किया है। कुछ को सीधे भी रोजगार वर्चुअल रोजगार मेले के माध्यम से वर्चुअल इंटरव्यू लेकर रोजगार का अवसर दिया गया है। 

यह आरंभिक रोजगार का अवसर है, जो इन्हें मोबाईल ऐसेंबल्लर के रूप में कार्य करने के लिए मिला है। कंपनी द्वारा सभी को होस्टल में रहने-खाने की सुविधा के अतिरिक्त 10000/- रुपये प्रति माह का प्रारंभिक ऑफर दिया है।

साथ ही पीएफ एवं ईइसआईसी की सुविधा भी दी जा रही है। सभी ने रेल मार्ग से गया से पटना होते हुए आंध्रप्रदेश के लिए प्रस्थान किया। रास्ते में सहायता के लिए वजीरगंज प्रखंड के जीविका के रोजगार सेवी मंटू मांझी को भी भेजा गया है।

अगल बैच 6 मार्च 2022 को भेजना प्रस्तावित है। गया के शेरघाटी, बाराचट्टी, डोभी, टनकुप्पा, बोधगया, मानपुर और कोंच से गया रेलवे स्टेशन पहुचे और सभी ने एक साथ सफर आरंभ किया। 

कोरोना के करण अभी सभी इच्छुक ग्रामीण युवक- युवतियों को वर्चुल रोजगार मेले के माध्यम से ही रोजगार का अवसर दिया जा रहा है। जीविका द्वारा इस वर्ष अबतक 51 लोगों को वर्चुल रोजगार के माध्यम से रोजगार दिलाया गया है।

दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (डीडीयू-जीकेवाई) जिसका उद्देश्य गरीब ग्रामीण युवाओं को कौशल प्रदान कर उन्हें नियमित मासिक मजदूरी या न्यूनतम मजदूरी से अधिक की नौकरी प्रदान करने के उदेश्य से 25 सितम्बर 2014 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया है।

यह ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की उन महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जो ग्रामीण युवाओं की आजीविका को बढ़ावा देती है। यह राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) का एक हिस्सा है, जिसे कौशल विकाश एवं क्षमता निर्माण द्वारा गरीबी को कम करने के उद्देश्य से आंरभ किया गया है।

डीडीयू-जीकेवाई विशेष रूप से गरीब परिवारों के 15 से 35 वर्ष के ग्रामीण युवाओं के कौशल विकाश पर विशिष्ट रूप से केंद्रित है, जिन्हें आगे 18 से 35 वर्ष के बीच रोजगार की सबसे अधिक आवश्यकता होती है।

स्किल इंडिया अभियान के एक हिस्से के रूप में, यह मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज और स्टार्ट-अप इंडिया, स्टैंड-अप इंडिया जैसे अभियानों के साथ यह सरकार के सामाजिक और आर्थिक कार्यक्रमों का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

बिहार में इस योजना के सही से क्रियान्वयन के उद्देश्य से ग्रामीण विकास विभाग, बिहार सरकार द्वारा जीविका को नोडल के रूप में कार्यभार दिया गया है।

योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रत्येक प्रखण्ड में प्रखण्ड परियोजना प्रबंधक जीविका के अन्य कार्यो के साथ डीडीयू-जीकेवाई से  कार्यों भी करते हैं। जीविका समुदाय से कैडर का चयन कर उन्हें जॉब रिसोर्स परसन के रूप में कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि सरलता से कार्य कराया जा सके।

कौशल पंजी में रोजगार अथवा प्रशिक्षण पाने के इच्छुक युवक अथवा युवती का डाटा प्राप्त कर उन्हें समय से प्रशिक्षण दिलाने के लिए कांउसलिंग कर परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी में भेजा जाता है, जहाँ आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था रहती है।

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