धर्म से ज़्यादा शिक्षा जरूरी
गया : भगवान बुद्ध की ज्ञान भूमि स्थली बोधगया में कांशीराम की जयंती मनाई गई ।
कार्यक्रम में वियतनाम भिक्षुणी तरण थी थाह होये ताइवान मंदिर बोधगया के मुख्य अतिथि बनाया गया।
साथ ही बौद्ध भिक्षु सत्यानंद व विदेशी और स्थानीय महिलाओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी देखी गई। मान्यवर कांशीराम की विचारधारा और उनके सिद्धांतों का चर्चा करते हुए लोगों में एक क्रांतिकारी की शुरुआत करने का अपील लोगों से किया गया। बुद्धिजीवी समाज व बौद्ध श्रद्धालु के द्वारा यह कहा गया कि बहुजन हिताय , बहुजन सुखाय बरसों पहले कहा गया था। उस विचारधारा को बाबासाहेब और कांशीराम एक समाज के तहत जोड़ने कर मजबूत करने की आंदोलन चलाए थे।
और उसी राह पर मायावती भी चल रही है । और देश के अन्य बहुत जनों को चलने की जरूरत है। तभी बहुजन को उसके हक और अधिकार मिल पाएगा।
क्योंकि वर्तमान दौर में बहुजन मूलनिवासी मान्यवर कांशीराम जी के विचार धारा के साथ चलने की जरूरत है। क्योंकि बहुजन धर्म की ओर जा रहे हैं जिससे लोगों को समझना और बचना होगा। धर्म से विकास समाज का नहीं हो सकता है।
उसके लिए शिक्षा व संगठित होना और संघर्ष के आदी बनना होगा तभी बहुत जनों की कल्याण होगी।
कार्यक्रम में महिलाओं की भागीदारी रही हीं, विदेशी मेहमान का भी। वहीं बुद्धिजीवियों ने भी बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया।
➖AnjNewsMedia