गया, (अंज न्यूज़ मीडिया) Kargil Vijay Diwas की 24वीं वर्षगाठ पर बहादुर सैनिकों को दी गई श्रद्धांजलि।
सूबे बिहार में राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर सहित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा उपमुख्यमंत्री तेजश्वी यादव ने पटना कारगिल शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित किया। Kargil Diwas पर आयोजित राजकीय समारोह में शहीद-ए-कारगिल स्मृति स्थल पर पुष्प अर्पित कर वीर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि दी। भारत माता की रक्षा में अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले वीरता और शौर्य के प्रतीक करगिल युद्ध के अमर शहीदों को किया नमन।
वर्ष 1999 के युद्ध में भारतीय सेना की जीत को दर्शाने के लिए 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया गया। यह उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि का दिन है, जिन्होंने देश की सीमाओं की रक्षा के लिए वीरतापूर्वक लड़ाई लड़ी। कारगिल के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में लड़े गए। इस युद्ध ने भारतीय सशस्त्र बलों की अदम्य भावना और साहस का प्रदर्शन किया था।
वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज के दिन हर साल हम भारतवासी कारगिल विजय दिवस मनाते है। यह युद्ध 18000 फीट की ऊंचाई पर लड़ी गई थी। कारगिल के इस जंग में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना के छक्के छुड़ा दिए थे, और उसे घुटने टेकने के लिए मजबूर कर दिया था।
लगातार 60 दिनों तक चला था यह युद्ध। जो भारतवासियों के गौरव का प्रतीक है। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए भारत माता के मस्तक पर आंच नहीं आने दी और पाकिस्तानी सैनिकों को रौंद डाला। यह दिन भारत की शौर्य गाथाओं में दर्ज है।
जाहिर हो कारगिल युद्ध में सबसे कारगर बोफोर्स तोप हुआ था। जिसे देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी ने खरीदी थी। जो 18000 फीट तक मार कर पाकिस्तानी सैनिकों का छक्का छुड़ाया था।
ज्ञात हो कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी ने कारगिल युद्ध में घायल सैनिकों के लिए रक्तदान कर खून दी थी।
गया के कॉंग्रेसियों ने कारगिल के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि देते हुए स्थानीय प्रशासन सहित राज्य सरकार से मांग की है की गया के सिकड़िया मोड़ पर कारगिल युद्ध में शहीद सैनिकों के सम्मान में प्रतीक स्थल स्थापित किया जाय।