Mahila Divas Pantnagar

 सखी एकता मंच की शुरुआत


नेशनल कार्डिनेटर पूर्णिमा ने किया लाँच 


प्रत्येक आर्थिक सहयोग पर 80जी के तहत मिलेगा इनकम टैक्स में छूट
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आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के शुभ अवसर पर पंतनगर स्थित  ऊँ नम: शिवाय विला में सखी एकता मंच की शुरुआत की गई।नेशनल कार्डिनेटर पूर्णिमा ने दीप प्रज्वलित करके इसे लाँच किया।इस अवसर पर रीना देवी,सोनी,राधा रानी,कुसमी देवी सहित बड़ी संख्या में महिलाओं की भागीदारी रही।

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सखी एकता मंच : महिला दिवस


पूर्णिमा ने इस अवसर पर बताया कि सखी एकता मंच को वैश्विक स्तर की नाट फार प्राफिट संस्था ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन-एचआरयूएफ का समर्थन प्राप्त होगा।यह महिला सशक्तीकरण का एक प्रमुख राष्ट्रीय मंच होगा।

“सशक्त-संगठित महिला, सशक्त-सुरक्षित भारत” इस थीम पर सखी एकता मंच काम करेगा।

नेशनल कार्डिनेटर पूर्णिमा ने बताया कि महिला सशक्तिकरण हेतु वैचारिक विमर्श के साथ-साथ ग्रासरूट लेबल पर उनके उत्थान हेतु भी प्रयास किया जायेगा।आनेवाले दिनों में इसे महिला अधिकारों के संरक्षण का एक प्रमुख जरिया भी बनाया जायेगा।


राष्ट्रीय-राज्य-जिला-नगर और प्रखंड स्तर पर सखी एकता मंच का चैप्टर बनाया जायेगा।


महिलाओं को जागरूक, स्वावलंबी, शिक्षित,संगठित और सशक्त बनाकर ही भारत को मजबूत और सुरक्षित बनाया जा सकता है।आधी आबादी की मजबूती से ही देश मजबूत हो सकता है।

 आगामी अप्रैल-मई से सखी एकता मंच का मेम्बरशिप कार्यक्रम शुरू किया जायेगा।पूर्णिमा ने बताया कि दिये गये प्रत्येक आर्थिक सहयोग पर 80 जी के तहत डोनर को इनकम टैक्स में छूट मिलेगा।



मितिया देवी को मिलेगा “सखी एकता समर्थ महिला अवार्ड”: पूर्णिमा
एचआरयूएफ समर्थित ‘सखी एकता मंच’ करेगा स्टेट लेवल अवार्ड से सम्मानित


आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर शुरू की गई राष्ट्रीय स्तर के “सखी एकता मंच” ने भागलपुर की महादलित परिवार की अत्यंत गरीब और भूमिहीन महिला मितिया देवी को “सखी एकता समर्थ महिला अवार्ड” से सम्मानित करने की घोषणा की है।इस राष्ट्रीय मंच को वैश्विक स्तर की नाट फार प्राफिट संस्था “ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन-एचआरयूएफ” का पूरा समर्थन प्राप्त है।
सखी एकता मंच की नेशनल कार्डिनेटर पूर्णिमा ने बताया कि बांग्लादेश में पिछले चार सालों से कैद भागलपुर के उस्तु गाँव के अपने पुत्र राजेंद्र रविदास की वतनवापसी के लिये एक माँ के रूप में मितिया देवी के जुझारू प्रयास,जद्दोजहद और जीवटता ने यह साबित किया कि ऐसी महिलाओं के चलते ही महिला की सहनशीलता के साथ-साथ उसके अदम्य साहस,ऊर्जावान व्यक्तित्व और जुझारूपन प्रदर्शित होता है।

अत्यंत गरीब और भूमिहीन महिला मितिया देवी ने अपने पुत्र की वतनवापसी के लिये दर-दर की ठोकरें खाई,भीख माँगी,मजदूरी की ताकि उसका पुत्र वापस लौट सके।लेकिन हिम्मत नहीं हारी।आखिरकार इसी 2 मार्च को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कार्यकर्ता और ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन -एचआरयूएफ के चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर के सहयोग से मितिया देवी अपने पुत्र की वतनवापसी करवाने में सफल रहीं।भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय बार्डर पर अपने पुत्र की रिहाई के वक्त वो खुद भी मौजूद थीं।

पूर्णिमा ने बताया कि आगामी दिनों में उन्हें सम्मानित किया जायेगा।इस अवार्ड के साथ नगद राशि, प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र प्रदान किया जायेगा।

एचआरयूएफ चेयरमैन विशाल रंजन दफ्तुआर ने बताया कि इस आयोजन का सारा खर्च ह्यूमन राइट्स अम्ब्रेला फाउंडेशन वहन करेगा।
उन्होंने बताया कि अगले साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रीय स्तर पर “सखी एकता समर्थ महिला अवार्ड” की घोषणा की जायेगी ताकि विशेष मंच पर ऐसी सुयोग्य और संघर्षशील महिलाओं का उनके शानदार योगदान के लिये सम्मानित किया जा सके।
– AnjNewsMedia

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