गया, 20 अगस्त, 2023 (अंज न्यूज़ मीडिया) Pitru Paksha ! Pitru Paksha 2023 ! Pitru Paksha 2023 Start Date and Time ! पितृपक्ष के लिए गया हो रहा तैयार।
पितृपक्ष के लिए गया हो रहा तैयार | Pitru Paksha ! Pitru Paksha 2023 ! Pitru Paksha 2023 Start Date and Time ! यहां बालू के पिंडदान की ही विशेष महत्ता
पितृपक्ष मेला 2023 के सफल आयोजन हेतु गया जी सजधज कर हो रहा है तैयारी। रामशिला, प्रेतशिला वेदी तथा कागवली वेदी को भी आकर्षक बना जा रहा है। मोक्ष भूमि गया जी की धरती पर पितरों की मुक्ति की कामना लेकर आने वाले देश विदेश से लाखो लाख तीर्थयात्रियों द्वारा गया के विभिन्न प्रमुख विधियों पर पिंडदान का कार्य किया जाता है। गया के प्रमुख वेदियो में प्रेतशिला, रामशिला, देवघाट, अक्षयवट, विष्णुपद सहित 54 वेदियों पर विशेष रूप से श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान तर्पण किया जाता है।
पिंडवेदियां हो रहा तैयार | Pitru Paksha ! Pitru Paksha 2023 Start Date and Time ! पिंडदान के लिए फल्गु नदी का पावन बालू मुख्य भूमिका में होती
पितृपक्ष स्पेशल : इस वर्ष पितृपक्ष मेला का आयोजन 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक निर्धारित है। पितृपक्ष मेला के सफल आयोजन के लिए सभी आवश्यक कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण होगा। व्यवस्था युद्धस्तर पर की जा रही है।
पिंडदान ! बस, यही महत्ता है गया जी का
प्रेतशिला वेदी स्थल भी चकाचक झलकेगी। Pitru Paksha मेला के तीसरे दिन यहां अत्यधिक भीड़ होती है। प्रेतशिला में इस वर्ष पेयजल की विशेष व्यवस्था रखी जायेगी। पानी की कोई समस्या न हो, इसे ध्यान में रखते हुए सभी तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है। प्रेतशिला में पूर्व में 11 टॉयलेट बनाए गए हैं। इसके साथ ही 10 अतिरिक्त टॉयलेट का निर्माण कराया जा रहा है।
साथ ही स्नानागार के चारों ओर अस्थाई घेरा देने का कार्य किया जा रहा है। यहां प्याऊ के साथ- साथ स्टैंडपोस्ट भी पर्याप्त संख्या में होगी। स्नानागार को भी फंक्शनल करवाया जा रहा है। सभी व्यवस्था को दुबारा जांच किया जा रहा है ताकि कहीं पानी का सप्लाई बंद ना पड़े।
जिला प्रशासन की ओर से सख्त निर्देश दिया गया है कि प्रेतशिला वेदी के समीप यदि कहीं रास्ता अतिक्रमण है तो उसे अतिक्रमणवाद चलाते हुए जल्द अतिक्रमण मुक्त कराया जाय। इस बार रामशिला, प्रेतशिला तथा अन्य महत्वपूर्ण वेदियों के समीप रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था रहेगी। सरोवर की पूरी सफाई की व्यवस्था रहेगी। यह सरोवर लगभग 10 फीट गहरा है। 10 से 15 सितंबर के बीच में तालाब के पानी को साफ कराया जाएगा।
पितृपक्ष मेला अवधि में जब पानी गंदा हो तो उस दौरान भी यात्रियों के आवागमन को ध्यान में रखकर पितृपक्ष की तिथि में भी सरोवर के पानी को निकालकर हाई स्पीड वाले मोटर से पानी भरने की व्यवस्था रहेगा। इस तरह से पिंडदानी तीर्थ यात्रियों को शुद्ध पानी पूरे पितृपक्ष मेला अवधि तक मिलेगा।
गया जी में सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम रहेगा। वाहन पार्किंग के लिए इस बार विशेष व्यवस्था रखने पर अभी से ही कार्य योजना तैयार करने का निर्देश जारी किया गया है। प्रेतशिला में ट्रैफिक व्यवस्था स्मूथ रखने के उद्देश्य से ट्रैफिक प्लान अच्छे तरीके से बनाया जा रहा है। मेले में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होगी।
इस दौरान पार्किंग स्थान पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था के साथ- साथ टॉयलेट एवं पेयजल की भी व्यवस्था मुकम्मल रहेगा। वेदी स्थल पर प्रमुखता से सफाई की व्यवस्था की जा रही है। अच्छी गुणवत्ता वाले पर्याप्त संख्या में डस्टबिन पितृपक्ष मेला के पहले लगवाया जाएगा।
जाहिर हो प्रेतशिला में प्रस्तावित रोपवे निर्माण कार्य भी होना है। राजगीर के अनुरूप 4 शीटर वाला रोपवे बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई 283 मीटर एवं ऊँचाई 140 मीटर है। यह रोपवे वर्ष 2026 तक पूर्ण होने की उम्मीद है। ज्ञात हो प्रेतशिला में कुल 676 सीढ़ियां हैं।
रामशिला वेदी स्थल पर पूरा शुद्ध पानी तीर्थयात्रियों को मिले इसका विशेष ख्याल रखा जा रहा है। श्रद्धालुओं को असुविधा के लिए सरोवर के चारों ओर लोहे की रेलिंग को मरम्मत कराया जा रहा है ताकि किसी प्रकार का कोई हताहत ना हो।
इस वर्ष रामशिला सरोवर में एसडीआरएफ/ गोताखोर की टीम प्रतिनियुक्त रहेगा। जाहिर हो यह तालाब लगभग 12 फ़ीट गहरा है। तालाब में लगे झरना को दुरुस्त करवाया जा रहा है। रामशिला वेदी के पास भी पेयजल, टॉयलेट इत्यादि की पूरी व्यवस्था रहेगा। तालाब के अंदर ज्यादा गहराई में यात्री ना जा पाएं, उसके लिए पानी के अंदर से रस्सी से बैरिकेडिंग करवाया जा रहा है और सावधानी के लिए वहां लाल झंडा भी प्रदर्शित रहेगा।
ज्ञात हो मेला क्षेत्र के कुल 8 तालाब ऐसे हैं जहां अधिक संख्या में पिंडदानी पिंडदान- तर्पण करते हैं। उन सभी तालाबों में पर्याप्त संख्या में गोताखोर की प्रतिनियुक्ति रहेगी। सभी तालाब के चारों ओर सुरक्षात्मक बैरिकेडिंग रहेगा। रामशिला वेदी चढ़ने वाले सीढ़ियों के समीप टूटे- फूटे टाइल्स तथा नाले के ढक्कन को मरम्मत कराया जा रहा है। वहां पेयजल हेतु प्याऊ तथा पर्याप्त संख्या में शौचालय निर्माण तेजी चल रहा है।
पितृपक्ष मेला में ऐसी चकाचक व्यवस्था होगी। ताकि तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। वेदी मार्ग का लेबलिंग सहित आस- पास के रास्ते को भी साफ एवं समतल बनाया जा रहा है ताकि पिंडदानी यात्रियों को किसी तरह की कोई कठिनाई महसूस ना हो।
जाहिर हो यह मेला विश्व प्रसिद्ध राजकीय मेला है। जिसमें ज्यादातर बुजुर्ग लोग ही शामिल होते हैं। बालू का पिंडदान ही पूर्वजों- पितरों को मुक्ति प्रदान करने का मुख्य विधान है। यहां बालू के पिंडदान की ही विशेष महत्ता है। पिंडदान के लिए फल्गु नदी का पावन बालू मुख्य भूमिका में होती है।
विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला महासंगम 2023
इस वर्ष आयोजित होने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 की तैयारी के संबंध में ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में सभी संबंधित पदाधिकारियों, विष्णुपद के पुरोहितों के साथ बैठक की गई। जिला पदाधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 28 सितंबर से प्रारंभ होते हुए 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पितृपक्ष मेला में आप सभी तमाम पदाधिकारियों पुरोहितों एवं मेला क्षेत्र के वार्ड पार्षदों के साथ-साथ तमाम स्टेकहोल्डर, स्वयंसेवी संस्था द्वारा काफी बढ़-चढ़कर सहयोग दिया गया।
जिसके कारण पितृपक्ष मेला पूरे विश्व में एक अलग छवि प्राप्त किया है। इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तुलना में और बेहतर आयोजन किया जाए, इसे लेकर अभी से ही तैयारियां आवश्यक है।
उन्होंने कहा कि 08 सरोवर एवं 52 पिंड वेदियां हैं , जहां तर्पण कार्यक्रम होता है। पिछले वर्ष घाट का विस्तार होने के बाद और अधिक संख्या में तीर्थ यात्री तर्पण करने पहुंचे थे। घाट पर अत्यधिक भीड़ देखी गई है। इस वर्ष भी पिछले वर्ष से अधिक तीर्थयात्रियों की आने की पूरी संभावना है।
इस वर्ष तैयारियों के संबंध में उन्होंने कहा कि पूर्व से ही सभी चीजों का भौतिक जांच संबंधित समितियों के वरीय पदाधिकारियों द्वारा अपेक्षित है। साथ ही विभिन्न कोषांग बनाए गए हैं, जिसके वरीय पदाधिकारी हर 3 दिनों पर अपने कोषांग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों के साथ निश्चित तौर पर बैठक करेंगे।
उन्होंने कहा कि आवासन समिति का जिम्मेदारी है कि यात्रियों को इस वर्ष और अच्छा आवासन व्यवस्था उपलब्ध करवाये, सभी चिन्हित आवासन स्थलों को एक चेक लिस्ट के अनुरूप जांच करवाया जा रहा है।
सभी आवासन स्थल एवं पुलिस स्थल पर पर्याप्त संख्या में टॉयलेट एवं पेयजल की व्यवस्था का आकलन कर, उसे बनवाया जा रहा है। पीएचडी विभाग द्वारा टॉयलेट एवं पेयजल व्यवस्था का पूरा मुकम्मल व्यवस्था करवाने को निर्देश दिया गया है।
इस वर्ष तीर्थ यात्रियों तथा पुलिस बल के लिए कुल 65 कॉलेज एवं विद्यालय को चिन्हित कर आवासन स्थल के रूप में प्रयोग किया जाएगा। इन आवासन स्थलों में कुल 16150 लोगों की ठहरने की व्यवस्था रहेगी। पिछले वर्ष 2022 में 14350 लोगों को आवासन स्थल पर ठहरने की व्यवस्था की गई थी। सभी अवसान स्थलों पर मूलभूत सुविधा उपलब्ध करवाया जा रहा है।
जिला पदाधिकारी ने कहा कि सभी आवासन स्थल में पर्याप्त टॉयलेट, पेयजल की व्यवस्था एवं सफाई की व्यवस्था मुकम्मल रहे, इससे सुनिश्चित करावे। हर आवासन स्थल पर मे आई हेल्प यू काउंटर लगवाना सुनिश्चित करें।
सभी आवासन स्थल में सेफ्टी टैंक को अगले 7 दिनों के अंदर सफाई हर हाल में करवा दें। तीर्थ यात्रियों को आवासन स्थल में रहने में कोई दिक्कत ना हो इसके लिए पर्याप्त रोशनी, निर्बाध बिजली की व्यवस्था , सभी आवासन कमरों में पंखा की व्यवस्था का आकलन करते हुए अभी से ही तैयारी करवा लें।
किसी भी आवासन स्थल में जलजमाव की स्थिति ना हो, इसके लिए अभी से ही पानी निकासी की व्यवस्था दुरुस्त रखें। इस वर्ष कुल 41 की संख्या में मॉनेस्ट्री /होटल /गेस्ट हाउस चिन्हित किए गए हैं जहां तीर्थ यात्रियों को ठहराया जाएगा। ज़िला पदाधिकारी ने बताया कि बोधगया के विभिन्न मॉनेस्ट्री से समन्वय स्थापित कर और अधिक कमरा आरक्षित रखने की कार्रवाई की जा रही है।
इसके अलावा 283 पांडा के निजी मकान एवं धर्मशाला द्वारा लाइसेंस हेतु आवेदन दिया गया है, जिसकी पूरी गहराई से जांच कराई जा रही है। ताकि तीर्थ यात्रियों को कोई असुविधा ना हो। जिला पदाधिकारी ने आवासन कोषांग के तमाम वरीय पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि सभी धर्मशाला का हर हाल में भौतिक जांच करवा ले विशेष कर कोई भी धर्मशाला जर्जर भवन ना रहे, इसे सुनिश्चित करवाये। तीर्थ यात्रियों का सेफ्टी हर हाल में देखना है।
इस वर्ष भी टेंट सिटी का निर्माण करवाया जाएगा। गया के गांधी मैदान में 2 हजार आवासन क्षमता का टेंट सिटी निर्माण करवाया जाएगा। टेंट सिटी में तीर्थ यात्रा को wifi इंटरनेट की भी सुविधा दी जाएगी।
इस वर्ष गांधी मैदान में भी तीर्थयात्री को पीने के लिए गंगाजल मिले, इसके लिए गांधी मैदान में गंगाजल पहुंचाने हेतु कार्य योजना तैयार किया जा रहा है। पिछले महीने देवघाट तथा विष्णुपद में गंगाजल पहुंचने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। देवघाट में लगे सभी प्याऊ में गंगाजल सप्लाई हो रहा है। इसके अलावा मंदिर के सटे बाहर में बने टंकी में भी गंगा जल का ही पानी जा रहा है।
अंत मे ज़िला पदाधिकारी ने कहा कि सभी पिंड स्थलों के समीप टॉयलेट एवं पेयजल की क्या व्यवस्था है, इसका आकलन कर ले और जरूरत पड़ने पर वहां आवश्यक तैयारी कर लें।
जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर को निर्देश दिया कि गांधी मैदान के बाहरी परिधि में दिन प्रतिदिन लगातार दुकानों तथा ठेला के साथ-साथ वाहनों का पड़ाव अवैध रूप से देखा जा रहा है। अतिक्रमण के कारण मुख्य सड़क में जाम की समस्या देखी जा रही है।सोमवार से विशेष अभियान चलाकर उक्त स्थल को अतिक्रमण मुक्त करवाएं।
बैठक में नगर आयुक्त गया नगर निगम, उप विकास आयुक्त, सहायक समाहर्ता, वरीय उप समाहर्ता रविंद्र कुमार दिवाकर, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, डीसीएलआर सदर, वरीय उप समाहर्ता आरती/ राजीव कुमार/ अमरेश कुमार, ज़िला शिक्षा पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के कार्यपालक अभियंता/ सहायक अभियंता, नगर निगम के तमाम अभियंता सहित पंडा पुरोहित उपस्थित थे।