केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 76वीं विश्व स्वास्थ्य सभा को किया संबोधित
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की पहल
DELHI : यह वैश्विक चिकित्सा काउंटरमेजर प्लेटफॉर्म दुनिया को सुरक्षित, सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा काउंटरमेजर तक समान पहुंच उपलब्ध कराएगा। उक्त बातें मंत्री डॉ. मांडविया ने कहा।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया |
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने ‘हेल्थ फॉर ऑल’ यानी सभी के लिए स्वास्थ्य, विषय पर केंद्रित विश्व स्वास्थ्य सभा के 76वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन के महा निदेशक डॉ. टेड्रोस और दुनिया भर के स्वास्थ्य मंत्री उपस्थिति थे।
डॉ. मांडविया ने आपात स्वास्थ्य सेवा के लिए तैयारी, चिकित्सा काउंटरमेजर तक पहुंच और डिजिटल स्वास्थ्य के लिए जी20 भारत की स्वास्थ्य प्राथमिकताओं को याद करते हुए कहा, ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी की अभूतपूर्व परिस्थितियों ने कहीं अधिक कनेक्टेड दुनिया के एजेंडे को मजबूती देने का काम किया है जो भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।’
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने क्षेत्रीय नेटवर्क और डिजिटल स्वास्थ्य के लिए वैश्विक पहल के जरिये विभिन्न जगहों पर विनिर्माण एवं आरएंडडी के साथ एक वैश्विक चिकित्सा काउंटरमेजर प्लेटफॉर्म स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।
- उन्होंने इसके बारे में बताते हए कहा, ‘वैश्विक चिकित्सा काउंटरमेजर प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सभी देशों के लिए सुरक्षित,सस्ता एवं उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा काउंटरमेजर तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है।’
- वैश्विक डिजिटल विभाजन को पाटने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, ‘डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल से दुनिया के लिए और विशेष रूप से निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) के लिए डिजिटल टूल्स के अनुकूल एवं लोकतांत्रिक बनाने के लिए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं के प्रचार-प्रसार पर आम सहमति बनाने में मदद करेगी।’
- उन्होंने दोहराते हुए कहा, ‘डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल का उद्देश्य संस्थागत ढांचे के रूप में कार्य करना और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सटीक एवं उपयुक्त डिजिटल समाधान उपलब्ध कराना है।’ डॉ. मांडविया ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी में नवाचार एवं निवेश के उदाहरण के तौर पर नि-क्षय प्लेटफॉर्म का भी हवाला दिया।
- साथ ही उन्होंने रोगियों की एंड-टु-एंड देखभाल, प्रोवाइडर वर्कफ्लो और देखभाल संबंधी कार्यों के डिजिटलीकरण के साथ इस प्लेटफॉर्म के जरिये खुद के गणितीय मॉडल का लाभ उठाते हुए टीबी उन्मूलन संबंधी भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के एजेंडे को प्राथमिकता देने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की सराहना करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा, ‘यह भारत की अध्यक्षता में जी20 की थीम ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के साथ-साथ अंत्योदय यानी समाज के अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति तक पहुंचने की धारणा को भी दर्शाता है।’
दुनिया पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में बात करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैश्विक महामारी ने वास्तव में हमारी स्वास्थ्य सेवा व्यवस्थाओं पर असर डाला है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें उस रफ्तार को बरकरार रखना होगा और ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के सपने को साकार करने के लिए मिलकर काम करना होगा। इस प्रकार हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री के संबोधन:
भारत ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के एजेंडे को प्राथमिकता देने के लिए डब्ल्यूएचओ की सराहना करता है। यह स्वास्थ्य सेवा परिवेश को मजबूत करने की दिशा में हमारे सामूहिक प्रयासों का एक व्यापक विषय है। समाज के अंतिम छोर पर मौजूद व्यक्ति तक पहुंचने संबंधी भारत के ‘अंत्योदय’ के मार्गदर्शक सिद्धांत के अनुरूप यह विषय आज की दुनिया के पारस्परिक जुड़ाव को भी उजागर करता है।
अप्रत्याशित कोविड-19 संकट ने कनेक्टेड दुनिया के हमारे एजेंडे को मजबूत किया है और उसी को ध्यान में रखते हुए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने भारत की अध्यक्षता में जी-20 के लिए एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के मार्गदर्शक सिद्धांत को स्थापित किया है।
हमारी जी-20 अध्यक्षता के तहत भारत ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने के लिए स्वास्थ्य आपातकाल के लिए तैयारी,चिकित्सा काउंटरमेजर तक पहुंच और डिजिटल स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी है।
भारत टीबी रोग के बोझ को खत्म करने के लिए सक्रिय कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। भारत ने अपना खुद का गणितीय मॉडल विकसित किया है जो कहीं अधिक वास्तविक है और उसमें सभी स्थानीय सबूतों को शामिल किया गया है।
नि-क्षय प्लेटफॉर्म ने स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारी ताकत का लाभ उठाते हुए रोगियों की एंड-टु-एंड देखभाल, वर्कफ्लो प्रोवाइडर, देखभाल संबंधी व्यवस्था के डिजिटलीकरण की सुविधा उपलब्ध कराया है।
महामहिम, हम वैश्विक डिजिटल विभाजन को पाटने के लिए डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल और वैश्विक नेटवर्क के जरिये विभिन्न जगहों पर विनिर्माण एवं आरऐंडडी के साथ एक वैश्विक चिकित्सा काउंटरमेजर प्लेटफॉर्म स्थापित करने का भी प्रस्ताव करते हैं।
वैश्विक चिकित्सा काउंटरमेजर प्लेटफॉर्म का उद्देश्य सभी देशों के लिए सुरक्षित,सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा काउंटरमेजर तक समान पहुंच सुनिश्चित करना है।
डिजिटल स्वास्थ्य पर वैश्विक पहल एक संस्थागत ढांचे के रूप में कार्य करेगी और इसका उद्देश्य अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग से सटीक एवं उपयुक्त डिजिटल समाधान प्रदान करना है।
इस पहल के जरिये हम दुनिया के लिए और विशेष तौर पर निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) के लिए डिजिटल टूल्स को अनुकूल एवं लोकतांत्रिक बनाते हुए डिजिटल सार्वजनिक वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए आम सहमति बना रहे हैं।
महामहिम,कोविड के कारण स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था में थकान के बावजूद हमें अपने प्रयासों को जारी रखना चाहिए। सभी के लिए स्वास्थ्य महज आकांक्षा नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण अनिवार्यता है।
मैं आप सभी सेसिद्धांत से पहल की ओर बढ़ने और एक स्वस्थ कल के साथ बेहतर दुनिया बनाने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान करता हूं। धन्यवाद !
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की पहल
विश्व ने भारत को ऊँचा स्थान दिया : पीयूष गोयल
DELHI : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत अतीत की छाया से उबर चुका है और अब विश्व भारत को एक उज्जवल स्थान के रूप में देख रहा है।
आज नई दिल्ली में सीआईआई के वार्षिक सत्र 2023 ‘‘ भविष्य के मोर्चें : प्रतिस्पर्धात्मकता, प्रौद्योगिकी, निर्वहनीयता और अंतर्राष्ट्रीयकरण ‘‘ को संबोधित करने के दौरान श्री गोयल ने कहा कि नवोन्मेषण, गुणवत्ता और लोगों की प्रतिभा पर पर्याप्त ध्यान केंद्रित करने के साथ- भारत के विकास की सीमा अनंत है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जनसंख्या को शिक्षित और प्रबुद्ध करना आवश्यक है क्योंकि अपनी प्रौद्योगिकीय और प्रबंधकीय प्रतिभा के साथ जनसांख्यिकीय लाभ देश के लिए एक खजाना है।
श्री गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को विश्व के विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ) का नेता माना जा रहा है और भारत विकासशील देशों के वैश्विक नेता के रूप में उभर रहा है। उन्होंने किया कि दुनिया भर के कई देश अब भारत के साथ शीघ्रता से एफटीए ( मुक्त व्यापार समझौता ) करने के लिए उत्सुक हैं।
श्री गोयल ने कहा कि भारत अब न केवल बातचीत कर रहा है बल्कि कनाडा, ईएफटीए, ब्रिटेन, ईयू के साथ एफटीए को लेकर समझौता वार्ता कर रहा है और यह वैश्विक व्यवस्था में भारत के बढ़ते महत्व को प्रदर्शित करता है।
उन्होंने कहा कि यह एक नया भारत है जो विश्व के साथ अपनी क्षमताओं और बुद्धि में विश्वास रखते हुए मजबूत स्थिति के साथ जुड़ रहा है।
श्री पीयूष गोयल ने कहा कि पिछले 9 वर्षों के दौरान सरकार, विनियामकों और लोगों द्वारा अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए एक सफल यात्रा शुरु की गई है।
उन्होंने कहा कि 9 वर्ष पहले, बहुत सारी चुनौतियां थीं जो भारत के आर्थिक विकास को बाधित कर रही थीं और उस समय भारत विश्व के पांच सबसे निर्बल देशों में से एक था, लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व के तहत सरकार के 9 वर्षों में कल्पना से भी अधिक बदलाव आ गया है।
- नवोन्मेषण, गुणवत्ता और लोगों की प्रतिभा पर ध्यान केंद्रित करें ! भारत के विकास की सीमा अनंत
- अपनी प्रौद्योगिकीय और प्रबंधकीय प्रतिभा के साथ जनसांख्यिकीय लाभ देश का खजाना
- विश्व भर के कई देश अब भारत के साथ शीघ्रता से एफटीए करने के लिए उत्सुक
- नया भारत विश्व के साथ अपनी क्षमताओं और बुद्धि में विश्वास रखते हुए मजबूत स्थिति के साथ जुड़ रहा
- PM नरेन्द्र MODI के नेतृत्व के तहत सरकार के 9 वर्षों में कल्पना से भी अधिक आया बदलाव
श्री गोयल ने कहा कि लोगों को उम्मीद थी कि यह सरकार लोकलुभावन होगी, लेकिन PM नरेन्द्र Modi ने अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए तथा ऐसे संरचनागत मौलिक वृहद आर्थिक सुधार, जो देश के लिए स्थायी रूप से लाभदायक होने वाले थे, लाने के द्वारा आम लोगों के मनोबल को ऊपर उठाने के लिए कठोर निर्णय लेना पसंद किया।
श्री गोयल ने कहा कि आज भारत निम्न मुद्रास्फीति दर तथा मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार के साथ दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है।
उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्ष अभूतपूर्व रहे हैं क्योंकि मुद्रास्फीति दर पिछले वर्ष एक अल्प अवधि को छोड़कर नियमित रूप से 4-4.5 प्रतिशत के रेंज में नियंत्रण में रही है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि अन्य विकसित देशों में ब्याज दरें अब लगभग भारत के बराबर हैं।
श्री पीयूष गोयल ने विकास के लिए उपलब्ध अवसरों का लाभ उठाने के लिए विश्व भर से नवोन्मेषण तथा प्रौद्योगिकी लाने के जरिये अंतर्राष्ट्रीय पहुंच को विस्तारित करने पर बल दिया।
उन्होंने कंपनियों को निवेश करने और गुणवत्ता वाले उत्पादों के माध्यम से दुनिया भर के बाजारों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
श्री गोयल ने रेखांकित किया कि भारत की जी20 अध्यक्षता कंपनियों के लिए खुले दिमाग के साथ बाजार को विस्तारित करने और आत्मविश्वास के साथ दुनिया से जुड़ने का एक अवसर है।
श्री गोयल ने कहा कि 1 ट्रिलियन डॉलर के वस्तु निर्यात का और 1 ट्रिलियन डॉलर के सेवा निर्यात का लक्ष्य अब एक मामूली लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक से समग्र निर्यात लगभग 500 बिलियन डॉलर का रहा है और दुनिया के सामने आने वाली कठिनाइयों के बावजूद पिछले वर्ष यह निर्यात 676 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया।
श्री गोयल ने कहा कि 450 बिलियन डॉलर के वस्तु व्यापार तथा 326 बिलियन डॉलर के सेवा निर्यात के साथ वित्त वर्ष 2022-23 में 776 बिलियन डॉलर का समग्र निर्यात देश के लिए एक सराहनीय उपलब्धि है।
श्री गोयल ने कहा कि बढ़ा हुआ निर्यात बास्केट भारत को अधिशेषों को बढ़ाने और घाटे को कम करने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि कंपनियों एवं उद्योग के लिए वैश्विक व्यापार में नेतृत्व स्थापित करने का अभी ही अवसर है।
श्री गोयल ने कहा कि कंपनियों को आपूर्ति श्रृंखला में भरोसेमंद साझीदारों की खोज करनी चाहिए, प्रतिस्पर्धी लाभ पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, प्रोद्योगिकी अर्जित करनी चाहिए और सहयोग की भावना के साथ काम करना चाहिए ।
श्री पीयूष गोयल ने भारतीय उद्योग परिसंघ ( सीआईआई ) को भारतीय इंक. का कप्तान करार दिया। श्री गोयल ने सीआईआई के अध्यक्ष-नामित श्री आर दिनेश को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सीआईआई अध्यक्ष के रूप में कार्यभार ग्रहण करने पर बधाई दी।
उन्होंने सीआईआई के अध्यक्ष श्री संजीव बजाज के नेतृत्व की भी प्रशंसा की और दुनिया भर में अनिश्चितता के चुनौतीपूर्ण समय के दौरान सीआईआई का नेतृत्व करने में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका की सराहना की।
– AnjNewsMedia Presentation