बिहार सरकार की “बिहार” पत्रिका में प्रकाशित साहसिक रचना:-
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बना है पैर, काँटों से ना डरने के लिए।
हर कदम पे है साँस, जीने मरने के लिए॥
क्षणभंगुर फूल, बहुत मजा नहीं देता
दर्द जरूर है, हर एक घाव भरने के लिए॥
भरपूर कोशिश ही, साहसों की जिंदगी है
घूंट-घूंट कर मरना होगा, तैरने के लिए॥
बुलंद हौसला का ताज है, दृढ़- प्रतिज्ञा
सौ काम को हाथ ही है, करने के लिए॥
झूक जायेगा हिमनग, राहगीर की चाल पे
इतिहास विवश है, संग चलने के लिए॥
रचनाकार,
अशोक कुमार अंज
साहित्यकार व टीवी पत्रकार