Ramayana Circuit: सीताकुंड को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग

गया के विश्व प्रसिद्ध सीताकुंड को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग

रामायण सर्किट से सीताकुंड को जोड़े वगैर सर्किट अधूरा 

सर्किट से जोड़ने के लिए पीएम मोदी से भी किया गया आग्रह
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गया: गयाजी के नेताओं ने कहा कि बिहार से झारखंड के विभाजन के उपरांत बिहार के आर्थिक विकास हेतु पर्यटन के क्षेत्र में बुद्ध सर्किट के तर्ज पर देशभर में रामायण से जुड़े भगवान रामचन्द्र, माता सीता, सहित सभी महत्वपूर्ण पंद्रह स्थानों को एक दूसरे से सड़क से जोड़ने एवम् इन स्थलों का समुचित विकास की योजना बनाई गई थी।

Ramayana Circuit: सीताकुंड को रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग, Demand to add Sitakund to Ramayana circuit, AnjNewsMedia
गयाजी के विश्व प्रसिद्ध सीताकुंड
रामायण सर्किट से वंचित
 

जाहिर हो जुलाई 2019 में तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने राज्यसभा में रामायण सर्किट के विकास की घोषणा करते हुए सैकड़ों करोड़ राशि कुछ स्थानों के लिए आवंटित भी किये थे। जो जग जाहिर है। 

नेताओं ने आगे कहा बिहार के सीतामढ़ी, दरभंगा, एवं बक्सर को रामायण सर्किट से जोड़ा गया परंतु गया के सीताकुंड मंदिर जो पूर्व से रामायण सर्किट के लिए प्रस्तावित था, उसे छोड़ दिया गया। जिससे गयावासियो को भारी निराशा हुई है।

उसी वक्त पीएम मोदी सहित पर्यटन मंत्री को पत्र लिखकर जोड़ने का आग्रह किया गया परंतु अभी तक इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है। जिस पर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरुरत है। गयाजी के मोक्षभूमि पर ही पिंडदान देकर मानवों का कल्याण होता है। यहीं राजा दशरथ को पिंडदान के जरिये मुक्ति मिली थी। सीता माता ने उन्हें पिंड दी थीं।

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राजा दशरथ के पिंडदानस्थली है सीताकुंड
जो धार्मिक ग्रंथों में है वर्णित

नेताओं ने कहा गया का विश्व के पर्यटन मानचित्र पर स्थान है। सीताकुंड मंदिर, माता सीता, भगवान रामचन्द्र, लक्ष्मण के आगमन का पावन भूमि है। देश- विदेश से पिंडदान करने यात्री आते- जाते है। सीता माता ने राजा दशरथ का पिंडदान इसी सीताकुंड के परिसर में की थीं।  यह पिंडदान विधान विश्व प्रसिद्ध है। आने वाले यात्रियों की जुबान पर यह ऐतिहासिक कथा की बातें रहती है। जो विश्व भर के हिंदू धर्मावलंबियों को ज्ञात है। जिसे रामायण सर्किट से जोड़े बिना सर्किट अधूरा होगा। 

नेताओं ने कहा कि इस संबंध में आज फिर से प्रधानमंत्री, पर्यटन मंत्री, मुख्यमंत्री, मगध क्षेत्र के सभी संसद, विधायक को ज्ञापन भेज कर विश्व प्रसिद्ध सीताकुंड मंदिर को देश के रामायण सर्किट से जोड़ने की मांग किया गया है।

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अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य सह क्षेत्रीय प्रवक्ता बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी प्रो विजय कुमार मिठू ने कहा कि देश के महत्वाकांक्षी योजना रामायण सर्किट से गया के विश्व प्रसिद्ध सीताकुंड मंदिर को जोड़ने की मांग केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी से भी किया है।

केंद्र सरकार सहित राज्य सरकार से नेताओं ने लगाई इसकी गुहार। सरकार से मांग करने वालों में प्रो अरुण कुमार प्रसाद, दीपू लाल भईया, शशि किशोर शिशु, युगल किशोर सिंह, विद्या शर्मा,  शिव कुमार चौरसिया, सकलदेव चंद्रवंशी, दामोदर गोस्वामी, यदु पांडेय, राजेश्वर पासवान, सुरेन्द्र मांझी, विनय कुमार सिन्हा, श्रीकांत शर्मा, राम प्रवेश सिंह, विनोद बनारसी, अरुण कुमार पासवान आदि थे। 

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