गया, 23 सितंबर (अंज न्यूज़ मीडिया) Sita Kund Gaya ! इस पहली असली Sita Kund का पौराणिक धार्मिक महत्त्व अनोखी है। जो सीधा पिंडदान से जोड़ा हुआ है। यूँ कहें ! इसी स्थल से Pitru Paksha का आगाज हुआ। यह वही शुरुआती दौरा का अतिप्राचीन पिंडदान स्थल है। जो हिन्दूधर्मावलम्बियों के लिए पूज्य है। जो पिंडदान का रीढ़ स्थली है। जो ऐतिहासिक है। जिसकी दास्ताँ धर्मग्रंथों में स्वर्णाक्षरों में वर्णित अंकित है। उसी का विस्तार रूप है पितृपक्ष/ Pitru Paksha जिसकी इतिहास अनूठी है ही, बेमिशाल भी।
जाहिर हो 15 दिवसीय पितृपक्ष मेला महासंगम को राजकीय मेला का दर्जा हासिल है। यह विश्व स्तरीय राजकीय मेला है। जो विश्व प्रसिद्ध मेला है। देश ही नहीं, विदेशों से भी पिंडदानी अपने- अपने पितरों- पूर्वजों को श्राद्ध- तर्पण- पिंडदान के लिए गया जी आते- जाते हैं।
वैसे तो गयाजी के विष्णुनगरी में बारहो मास पिंडदान का विधान है। लेकिन यह पितृपक्ष मेला विशेष पिंडदान का ख़ास मेला है।
Sita Kund Gaya ! असली पिंडदान स्थल ! जहां सीता माता ने अपने ससुर राजा दशरथ को पहली बार बालू का पिंडदान की थीं
Sita Kund Gaya ! जहां सीता माता ने अपने ससुर राजा दशरथ को पहली बार बालू का पिंडदान की थीं। बालू के पिंडदान से ही अयोध्या के राजा दशरथ को मोक्ष ! सद्गति ! बैकुंठ स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी। फल्गु नदी तट का यह पौराणिक पिंडवेदी है।
जो असली पिंडवेदी है, बाकि मनगढ़ंत पिंडवेदी है। Sita Kund के सटे फल्गु नदी तट इलाका को देवघाट की संज्ञा दी गई। नदी तट पर ही श्रीहर ! श्रीहरि ! भगवान विष्णु का भव्य चरणवेदी मंदिर है। जो अनूठी है ही, कलात्मक भी। यह चरणवेदी मंदिर ! अन्य मंदिरों से भिन्न है ही, थोड़ा हटके है। जो एकलौती है ही, अतुलनीय भी।
Sita Kund Gaya ! फल्गु नदी तट का यह पौराणिक पिंडवेदी है। जो असली पिंडवेदी है, बाकि मनगढ़ंत पिंडवेदी
इस वर्ष आयोजित होने वाले Pitru Paksha मेला महासंगम 2023 के मौके पर की गई तैयारी का जायजा Gaya DM (ज़िलाधिकारी) डॉ० त्यागराजन एसएम ने पौराणिक पहली और असली पिंडवेदी स्थली सीता कुंड पहुँच कर ली।
उनके साथ रहे कार्यपालक अभियंता ने गया जी डैम के बारे में बताया कि पिछले रात से रुकरुक कर काफी अच्छी बारिश हुई है। जिससे डैम के संचित पानी का बहाव बढ़ा है।
Sita Kund Gaya ! वर्तमान समय मे 10 फ़ीट पानी मौजूद है। पितृपक्ष मेला में कोई हताहत ना हो, उसे लेकर वरीय उप समाहर्ता आपदा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि 25 सितंबर तक पूरी मजबूती के साथ सीता कुंड- पंचदेव घाट- सीता पथ- डैम की ओर एवं शमशान घाट- गजाधर घाट-देवघाट होते हुए डैम के लास्ट बिंदु तक पूरी मजबूती से बैरिकेटिंग करवाएं।
साथ ही बैरिकेटिंग के ऊपर गहरा पानी है का संदेश भी अंकित करवाएं। जो सावधानी के लिए बिल्कुल अनिवार्य है।
आगे ना जाएं इत्यादि फ्लेक्स बैनर के माध्यम से प्रदर्शित भी करवाएं। मेला अवधि में लगातार SDRF (एसडीआरएफ) के गोताखोर को नाव सहित प्रतिनियुक्ति दें। वहां कोई घटना ना घाटे, इसका वह पूरा ख्याल रखे।
Sita Kund Gaya ! सीता पथ पर किये जा रहे मिथला पेंटिंग को भी देखा। बताया गया कि भारत का सबसे लंबा यह मिथला पेंटिंग है। सीता पथ पर कुल 760 मीटर में यह मिथला पेंटिंग की जा रही है। जो काफी कलात्मक है और आकर्षक भी।
जाहिर हो आगामी 27 सितंबर तक पेंटिंग का कार्य पूर्ण कर ली जाएगी। माँ सीता के सम्बंध में पूरा पेंटिंग के माध्यम से जीवनी को प्रदर्शित करने का चित्रांकन कार्य किया गया है। माँ सीता कैसे तर्पण करने गया जी के सीता कुंड तक आईं। इत्यादि सभी चीजें को पेंटिंग के जरिए दर्शाया जा रहा है।
ज़िलाधिकारी त्यागराजन ने बताया कि यह पेंटिंग बनने से घाट की खूबसूरती और भी आकर्षक गई है। इस पेंटिंग को सालो- साल सुरक्षित रखने के लिए पहल किया जाना आवश्यक है।
Gaya DM (ज़िलाधिकारी) ने सुझाव दिया कि एलईडी पट्टी वाली लाइट, पूरे पेंटिंग वॉल के नीचे- नीचे समानांतर लगाने से रात्रि में भी पेंटिंग काफी खूबसूरत दिखेगी।
- Sita Kund Gaya ! इसके उपरांत डीएम ने सीताकुंड में लगे विभिन्न नल के टैप को खोल कर भी देखा। जहां बंद था, उसे तुरंत ठीक करवाने को कहा। साफ- सफाई को और दुरुस्त करवाने को कहा।
- इसके उपरांत पितृपक्ष मेला के दौरान बनाये जाने वाले विभिन्न पार्किंग स्थल का भी डीएम ने निरीक्षण किया। केंदुई पार्किंग स्थल में निरीक्षण के दौरान पहुंच पथ एवं पार्किंग ग्राउंड समतल नहीं रहने पर उन्होंने अपर समाहर्ता तथा जिला परिवहन पदाधिकारी को संयुक्त रूप से टीम बना कर सभी पार्किंग स्थलों को समतल करवाने
- तथा पार्किंग स्थलों में पर्याप्त टॉयलेट, स्नानागार, वाहन चालकों को बैठने की व्यवस्था, पर्याप्त रोशनी, पेयजल इत्यादि की व्यवस्था हर हाल में उपलब्ध रहे, इसे सुनिश्चित करवाने का निर्देश दिए।
- Sita Kund Gaya ! उन्होंने कहा कि थोड़ी बहुत वर्षा होने के कारण यदि पार्किंग स्थल में कीचड़ या जल जमाव की स्थिति है तो स्टोन डस्ट डलवा कर समतल करवाएं। उन्होंने जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि जेसीबी तथा ट्रैक्टर का अलग-अलग टीम बना कर सभी पार्किंग स्थलों पर टंच व्यवस्था करवाएं।
इसके उपरांत उन्होंने गया कॉलेज खेल परिसर तथा कोरला हॉस्पिटल पार्किंग स्थल का भी निरीक्षण किया।
केंदुई में असम नागालैंड से आये हुए तीर्थयात्रियों से मिला, उनसे गया जी के बारे में फीडबैक लिया। काफी सकारात्मक एवं सरकार सहित प्रशासन का भी काफी खुसी प्रकट किया।
Sita Kund Gaya ! यात्रियों ने बताया कि पितृपक्ष मेला के पहले ही काफी सारी व्यवस्थाएं हम सभी तीर्थ यात्रियों के लिए की जा रही है। जो काफी अच्छी पहल है। जिला पदाधिकारी ने भी उन सभी यात्रियों को धन्यवाद दिया और अच्छे से तर्पण किए जाने के भी जानकारी लिया।
जाहिर हो इस बार 28 सितम्बर से Pitru Paksha 2023 की आगाज होगी ! शुरुआत होगी। जिसके लिए प्रशासनिक व्यवस्था की तैयारी जोरों पर अंतिम चरण में है।
पितृपक्ष मेला महासंगम में सड़कें चकाचक दिखेगी
Sita Kund Gaya ! निरीक्षण के क्रम में पंचायती अखाड़ा से तुतवाड़ी भाया चंदेश्वर जनता कॉलेज दुखहरनी मंदिर वाली सड़क, गया बोधगया केंदुई के पास सड़क, चांद चौरा रोड, पिता महेश्वर से कोइरीबारी सड़क, स्टेशन से बैरागी होते हुए रामशिला प्रेतशिला वाली सड़क खराब देखी गई।
Sita Kund Gaya ! ज़िलाधिकारी त्यागराजन ने कार्यपालक अभियंता आरसीडी को निर्देश दिया कि अबिलम्ब उक्त सड़कों को ठीक करवाएं। संवेदक द्वारा सड़क को दुरुस्त कराया जा रहा है। संवेदक ने उस सड़क को युद्धस्तर पर कार्य कर सड़क को दुरुस्त करने में जुट गया है।
इस कार्य में संवेदक पूरी तरह से एक्टिव सक्रिय है। जिसके वजह से दिन- रात कार्य फटाफट गति से प्रगति की राह पर अग्रसर है।
जिससे अब सड़कें चकाचक दिखेगी। जिससे शहर की सुंदरता में चार- चाँद लग जाएगी। जिससे वाहनों एवं आमजनों की आवाजाही बिल्कुल सुगमता के साथ होगी। जिससे डीएम की नाराजगी भी दूर हो जाएगी।