Top Latest | {PM Modi के संबोधन} (अन्य खबरें)- AnjNewsMedia

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन का मूल पाठ 

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Super Exclusive Speech :
PM Narendra Modi : AnjNewsMedia 

देवियों और सज्जनों !

आप सभी का ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में बहुत-बहुत स्वागत है। 

आप सोच रहे होंगे कि मैं मुख्य अतिथि होने पर भी ये स्वागत की जिम्मेदारी क्यों उठा रहा हूं, ये इसलिए क्योंकि मेरी एक और भूमिका भी है। 

आप सब ने मुझे भारत के प्रधानमंत्री के साथ- साथ उत्तर प्रदेश का सांसद भी बनाया है। 

उत्तर प्रदेश के प्रति मेरा एक विशेष स्नेह है और यूपी के लोगों के प्रति मेरी एक विशेष जिम्मेदारी भी है। 

मैं उस दायित्व को भी निभाने के लिए इस समिट का हिस्सा बना हूं। 

और इसलिए मैं देश- विदेश से यूपी आने वाले आप सभी investors का अभिनंदन करता हूं, स्वागत करता हूं।

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साथियों,

उत्तर प्रदेश की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है। 

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इतना सामर्थ्य होने के बावजूद, यूपी के साथ कुछ बातें जुड़ गई थीं। 

लोग कहते थे, यूपी का विकास होना मुश्किल है। लोग कहते थे, यहां कानून व्यवस्था सुधरना नामुमकिन है। 

यूपी बीमारू राज्य कहलाता था, यहां आए दिन हजारों करोड़ के घोटाले होते थे। 

हर कोई यूपी से अपनी उम्मीदें छोड़ चुका था। लेकिन सिर्फ 5-6 साल के भीतर यूपी ने अपनी एक नई पहचान स्थापित कर ली है और डंके की चोट पर कर दी है। 

अब यूपी को सुशासन से, Good Governance से पहचाना जा रहा है। अब यूपी की पहचान बेहतर कानून-व्यवस्था, शांति और स्थिरता के लिए है। 

अब यहां wealth creators के लिए नित्य नए अवसर बन रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर उत्तर प्रदेश के इस इंफ्रास्ट्रक्चर की जो पहल है, उसके परिणाम नज़र आ रहे हैं। 

बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है। बहुत जल्द यूपी देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर भी जाना जाएगा, जहां 5 इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। 

डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से यूपी सीधे समुद्र से जुड़ रहा है गुजरात और महाराष्ट्र के पोर्ट्स से कनेक्ट होता जा रहा है। 

इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ यूपी में सरकारी सोच और अप्रोच में ease of doing business के लिए सार्थक बदलाव आया है।

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साथियों,

आज यूपी एक आशा, एक उम्मीद बन चुका है। 

भारत अगर आज दुनिया के लिए Bright spot है, तो यूपी भारत की ग्रोथ को drive करने वाला एक अहम नेतृत्व दे रहा है।

साथियों,

आप सभी इंडस्ट्री के दिग्गज यहां हैं। आप में से अधिकतर को एक लंबा अनुभव भी है। दुनिया की वर्तमान स्थिति भी आप सभी से छिपी नहीं है। 

आप भारत की इकॉनॉमी के आज के सामर्थ्य और यहां के macro और micro economic fundamentals को भी बहुत बारीकी से देख रहे हैं। 

आखिर pandemic और war के shock से बाहर निकलकर भारत fastest growing economy कैसे बना है? 

आज दुनिया की हर credible voice ये मानती है कि भारत की अर्थव्यवस्था ऐसे ही तेजी से आगे बढ़ती रहेगी। 

आखिर ऐसा क्या हुआ कि वैश्विक संकट के इस दौर में भारत ने ना सिर्फ रेसिलिएंस दिखाया, बल्कि recovery भी उतनी ही तेजी से की। 

साथियों,

इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है भारतीयों का खुद पर बढ़ता भरोसा, खुद पर आत्मविश्वास। 

आज भारत के youth की सोच में, भारत के समाज की सोच और aspirations में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। 

आज भारत का हर नागरिक, ज्यादा से ज्यादा विकास होते देखना चाहता है। वो अब भारत को जल्द से जल्द विकसित होते देखना चाहता है। 

भारत के समाज की aspirations, आज सरकारों को भी push कर रही है और यही aspirations विकास के कार्यों में भी गति ला रही है।

साथियों,

मत भूलिए कि आज आप जिस राज्य में बैठे हैं, उसकी आबादी करीब-करीब 25 करोड़ है। 

दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा सामर्थ्य, अकेले उत्तर प्रदेश में है। पूरे भारत की तरह ही आज यूपी में एक बहुत बड़ी aspirational society आपका इंतजार कर रही है।

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साथियों,

आज भारत में सोशल, फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर पर जो काम हुआ है, उसका बड़ा लाभ यूपी को भी मिला है। 

इस कारण आज यहां समाज socially and financially बहुत अधिक Inclusive हो चुका है, कनेक्टेड हो चुका है। एक मार्केट के रुप में भारत अब सीमलेस हो रहा है, सरकारी प्रक्रियाएं भी सरल हो रही हैं। 

मैं अक्सर कहता हूं कि आज भारत out of compulsion नहीं, बल्कि out of conviction reform करता है। 

यही कारण है कि भारत 40 हज़ार से अधिक compliances को खत्म कर चुका है, दर्जनों पुराने कानूनों को खत्म कर चुका है।

साथियों,

आज भारत सही मायने में स्पीड और स्केल के रास्ते पर चल पड़ा है। 

एक बहुत बड़े वर्ग की बेसिक ज़रूरतों को हमने पूरा कर लिया है, इसलिए वो एक लेवल ऊपर की सोचने लगा है, आगे की सोचने लगा है।  यही भारत पर भरोसे का सबसे बड़ा कारण है।

साथियों,

कुछ दिन पहले भारत सरकार का जो बजट आया है, उसमें भी आपको यही कमिटमेंट साफ-साफ दिखेगा। 

इंफ्रास्ट्रक्चर पर रिकॉर्ड खर्च आज सरकार कर रही है और हर वर्ष इसको हम बढ़ा रहे हैं। 

इसलिए आज आपके लिए infrastructure में investment के नए मौके बन रहे हैं। आज आपके लिए Health,  Education, Social Infrastructure में investment के भी अनेक अवसर हैं। 

ग्रीन ग्रोथ के जिस रास्ते पर भारत चल पड़ा है, उसमें तो मैं आपको विशेष रूप से आमंत्रित करता हूं। 

इस वर्ष के बजट में 35 हज़ार करोड़ रुपए तो हमने सिर्फ एनर्जी ट्रांजिशन के लिए रखे हैं, ये दिखाता है कि हमारा इरादा क्या है। 

मिशन ग्रीन हाइड्रोजन हमारे इसी इरादे को बुलंद करता है। इस बजट में इससे जुड़ा पूरा इकोसिस्टम विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। 

इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की ट्रांसफॉर्मेशन के लिए एक नई सप्लाई और वैल्यू चेन हम विकसित कर रहे हैं।

साथियों,

मुझे खुशी है कि नई वैल्यू और सप्लाई चेन विकसित करने के लिए यूपी आज एक नया चैंपियन बनकर उभर रहा है। 

परंपरा और आधुनिकता से जुड़े उद्योगों का, MSMEs का एक बहुत ही सशक्त नेटवर्क आज उत्तर प्रदेश में vibrant है। यहां भदोही के कालीन और बनारसी सिल्क है। 

भदोही कार्पेट क्लस्टर और वाराणसी सिल्क क्लस्टर भी और उसकी वजह से यूपी भारत का टेक्सटाइल हब है। आज, भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में 60 percent से भी ज्यादा मोबाइल अकेले उत्तर प्रदेश में होता है। 

मोबाइल कंपोनेंट की सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग भी यूपी में ही होती है।  अब देश के दो डिफेंस कॉरिडोर्स में से एक यूपी में बन रहा है। यूपी डिफेंस कॉरिडोर पर तेज़ी से काम चल रहा है। 

आज मेड इन इंडिया defense equipments की डिमांड निरंतर बढ़ रही है। भारतीय सेना को भी हम अधिक से अधिक मेड इन इंडिया डिफेंस सिस्टम, डिफेंस प्लेटफॉर्म्स देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

और इस महान काम का नेतृत्व इसी लखनऊ की धरती के हमारे कर्मवीर राजनाथ सिंह जी संभाल रहे हैं। 

ऐसे समय में जब भारत एक वाइब्रेंट डिफेंस इंडस्ट्री का विकास कर रहा है, तो first mover advantage आपको ज़रूर लेना चाहिए।

साथियों,

उत्तर प्रदेश में तो Dairy, Fisheries, Agriculture और Food Processing सेक्टर में अनेक संभावनाएं हैं। फल और सब्जियों को लेकर उत्तर प्रदेश में बहुत डायवर्सिटी है। 

ये एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें अभी भी प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बहुत सीमित है। 

आपको जानकारी होगी कि फूड प्रोसेसिंग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम लेकर हम आए हैं। इसका लाभ आपको ज़रूर उठाना चाहिए।

साथियों,

आज सरकार का ये प्रयास है कि इनपुट से लेकर पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट तक, एक आधुनिक व्यवस्था किसानों के लिए बने। छोटे इन्वेस्टर्स, Agri Infra Fund का उपयोग कर सकते हैं। 

इसी प्रकार देश भर में एक बहुत बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी विकसित करने के लिए बजट में हमने प्रावधान किया है। ये भी छोटे निवेशकों के लिए बहुत बढ़िया मौका है।

साथियों,

आज भारत का बहुत अधिक हमारा फोकस क्रॉप डायवर्सिफिकेशन पर है, छोटे किसानों को ज्यादा साधन देने और उनकी इनपुट कॉस्ट घटाने पर है। 

इसलिए नैचुरल फार्मिंग की तरफ हम तेज़ी से बढ़ रहे हैं। यहां यूपी में गंगा के किनारे दोनों तरफ 5 किलोमीटर क्षेत्र में नैचुरल फार्मिंग शुरु हो गई है। 

अब इस वर्ष के बजट में हमने किसानों की मदद के लिए 10 हज़ार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाने की घोषणा की है। 

ये नैचुरल फार्मिंग को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इसमें भी private entrepreneurs के लिए इन्वेस्टमेंट की अनेक संभावनाएं हैं।

साथियों,

भारत में एक और नया अभियान हमारे मिलेट्स को लेकर के शुरू हुआ है। भारत के ये मिलेट्स आमतौर पर लोगों की भाषा में उसको मोटा अनाज कहते हैं। 

अब उसकी कई varieties हैं, विश्व बाजार में उसकी एक पहचान बने, इसके लिए आपने बजट में सुना होगा हमने इस मिलेट्स को मोटे अनाज को एक नया नाम दिया है- श्री अन्न, ये श्री अन्न जिसमें nutrition value बहुत अधिक है, ये सुपर फुड है। जैसा श्रीफल का माहात्म्य है, वैसा ही श्री अन्न का भी माहात्म्य बनने वाला है। हमारा ये प्रयास है कि भारत का श्री अन्न ग्लोबल न्युट्रिशन सिक्योरिटी को एड्रेस करे। 

दुनिया इस वर्ष को International Year of Millets के रूप में भी मना रही है। 

इसलिए एक तरफ हम किसानों को श्री अन्न के उत्पादन के लिए मोटिवेट कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसके लिए ग्लोबल मार्केट का भी विस्तार कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े साथी Ready to Eat और Ready to cook श्री अन्न के प्रोडक्ट्स में संभावनाएँ तलाश सकते हैं और मानव जाति की बड़ी सेवा भी कर सकते हैं। 

साथियों,

उत्तर प्रदेश में एक और विषय में बहुत प्रशंसनीय काम हुआ है। ये काम एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट से जुड़ा है। 

महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी, अटल बिहारी वाजपेयी हेल्थ यूनिवर्सिटी, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, मेजर ध्यानचन्द स्पोटर्स यूनिवर्सिटी, ऐसे अनेक संस्थान अलग-अलग स्किल्स के लिए युवाओं को तैयार करेंगे। 

मुझे बताया गया है कि स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत अभी तक यूपी के 16 लाख से अधिक युवाओं को अलग-अलग स्किल्स में trained किया गया है। 

यूपी सरकार ने पीजीआई लखनऊ, आईआईटी कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े कोर्सेज भी शुरु किए हैं। 

और मैं जब अभी आ रहा था, तो शिक्षा जिनके जिम्मे होती है, हमारी गवर्नर साहेबान चांसलर के रूप में वो काम देखती है उन्होंने मुझे बताया कि उत्तर पद्रेश के लिए बड़े गर्व की बात है कि net-accreditation में इस बार उत्तर प्रद्रेश की 4 यूनिवसिर्टीज ने हिन्दुस्तान को अपना लोहा मनवा दिया है। 

मैं शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को और चांसलर मैडम को ह्दय से अभिनंदन करता हूं। देश के स्टार्ट अप रेवोल्यूशन में भी यूपी की भूमिका लगातार बढ़ रही है। 

आने वाले कुछ वर्षों में 100 incubators और तीन State-of-the-Art Centres को स्थापित करने का लक्ष्य यूपी सरकार ने रखा है। यानि यहां आने वाले इंवेस्टर्स को टेलेंटेड और  स्किल्ड युवाओं का एक बहुत बड़ा पूल भी मिलने जा रहा है।

साथियों,

एक तरफ डबल इंजन सरकार का इरादा, और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश, इससे बेहतर पार्टनरशिप हो ही नहीं  सकती। ये जो समय है, इसको हमें गंवाना नहीं चाहिए। 

भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि निहित है। भारत के उज्ज्वल भविष्य में दुनिया के उज्ज्वल भविष्य की गांरटी पड़ी है। समृद्धि की इस यात्रा में आप सबकी भागीदारी बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये निवेश सबके लिए शुभ हो,  मंगल हो। 

इसी कामना के साथ investment के लिए आगे आए हुए देश और दुनिया के सभी Investors को मैं अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं और उत्तर प्रदेश के एमपी के नाते मैं आपको भरोसा देता हूं कि उत्तर पद्रेश की आज की सरकार, उत्तर प्रदेश की bureaucracy प्रगति की राह पर दृढ़ संकल्प होकर के चल पड़ी है वो आपके सपनों को साकार करने के लिए, आपके संकल्पों को सिद्ध करने के लिए पूरे सामर्थ्य के साथ अग्रदूत बनकर के आपके साथ खड़ी है, इसी विश्वास के साथ मैं फिर एक बार देश और दुनिया के investors को हमारे उत्तर प्रदेश की धरती पर निमंत्रण करता हूं, स्वागत करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।


सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए अस्थायी पंजीकरण के माध्यम से पूर्ण निर्मित वाहनों को अनुकूल वाहनों में बदलने की प्रारूप अधिसूचना जारी

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय एक प्रारूप अधिसूचना जीएसआर 90(ई) नौ फरवरी 2023 को जारी की ताकि दिव्यांजनों की सुविधा के लिए अस्थायी पंजीकरण के माध्यम से पूरी तरह से निर्मित वाहनों को अनुकूल वाहनों में बदला जा सके।

दिव्यांजन की विशिष्ट आवश्यकताओं के अनुसार, अक्सर उनकी गतिशीलता को सुविधाजनक बनाने के लिए अनुकूल वाहनों की आवश्यकता होती है।

वर्तमान में इस तरह की अनुकूलता या तो वाहनों के पंजीकरण से पहले निर्माता या उसके अधिकृत डीलर द्वारा या पंजीकरण प्राधिकरण से प्राप्त अनुमति के आधार पर वाहनों के पंजीकरण के बाद किए जा सकते हैं।

इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहनों के अनुकूलन के लिए अस्थायी पंजीकरण की सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से नियम 53ए तथा 53बी में संशोधन का प्रस्ताव किया है।

संशोधन नियमों के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार हैं-

नियम 53ए में अस्थायी पंजीकरण के लिए आवेदन करने के आधार का विस्तार किया गया है, जिसमें पूरी तरह से निर्मित मोटर वाहनों के मामलों को शामिल किया गया है जिन्हें अनुकूलित वाहनों में बदला जाना है।

नियम 53बी में उप-नियम2 के अंतर्गत एक प्रावधान जोड़ने का प्रस्ताव है। इसमें कहा गया है कि पूरी तरह से निर्मित मोटर वाहन को अनुकूलित वाहन में बदलने के लिए अस्थायी पंजीकरण की वैधता 45 दिन होगी, साथ ही यदि मोटरवाहन उस राज्य के अतिरिक्त किसी अन्य राज्य में पंजीकृत किया जा रहा है जिसमें डीलर है।

आशा है कि इन संशोधनों से दिव्यांजनों द्वारा मोटरवाहन चलाने में और सुविधा होगी।

सभी हितधारकों से टिप्पणी और सुझाव 30 दिन की अवधि के अंदर आमंत्रित हैं।

पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय

भारत इस बात की मिसाल है जहां अर्थव्यवस्था और पारिस्थतिकी एक-दूसरे के प्रतिरोधी नहीं, बल्कि वास्तव में वे बुनियादी तौर पर एक-दूसरे से जुड़े हैं: श्री हरदीप सिंह पुरी


ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने में भारत की विशिष्‍ट स्थिति हैः श्री पुरी


कार्य-समूह लाइफ आंदोलन के बुनियादी उसूलों को अपनाने में जी-20 देशों के लिये धुरी हो सकता है तथा वैश्विक पैमाने पर सतत जीवनशैली को प्रोत्साहित करने में सक्षम हैः श्री पुरी

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने बेंगलुरू में आयोजित होने वाली भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत पर्यावरण और जलवायु निरंतरता कार्य-समूह की बैठक में वीडियो संदेश के माध्यम से जी-20 देशों, अतिथि देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्यों का स्वागत किया।

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श्री पुरी ने दुख और संकट की इस विकट घड़ी में तुर्किये के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत, तुर्किये की पीड़ा समझ सकता है और वह हर संभव मानवीय एवं चिकित्सा सहयोग जारी रखेगा। 

उन्होंने कहा कि दुनिया भर के लोग और राजनेता जिस तरह से तुर्किये की मदद कर रहे हैं, उससे पता चलता है कि मानवता ही वह ताकत है, जो हम सबको एक-दूसरे से जोड़ती है। 

श्री पुरी ने कहा कि प्रतिनिधिगण इसी भावना के तहत यहां एकत्र हुये हैं और जी-20 की इस वर्ष की विषयवस्तु ‘वसुधैव कुटुम्बकम् – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की सार्वभौमिक ध्येय को प्रोत्साहन दे रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि अब, पहले से भी ज्यादा जरूरी हो गया है कि हम एक-साथ आयें और कल्याण तथा समृद्धि को प्रोत्साहन देने वाले समावेशी, महत्त्वाकांक्षी और कार्योन्मुख एजेंडा के प्रति संकल्पित हों।

पहली पर्यावरण और जलवायु निरंतरता कार्य-समूह बैठक को सम्बोधित करते हुये श्री पुरी ने कहा कि उजाड़ होती जैव-विविधता और पर्यावरण के परिणामस्वरूप जीवन के हर पहलू में जटिलता बढ़ रही है तथा ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है। 

जलवायु परिवर्तन और जैव-विविधता के नुकसान के बीच मौजूद आपसी मुद्दों का समाधान निकालने के लिये सोच-समझकर व एकजुटता के साथ वैश्विक प्रयास करने होंगे। इसके लिये जी-20 राष्ट्रों के प्रतिबद्ध और दूरंदेश नेतृत्व की जरूरत है, क्योंकि विश्व सकल घरेलू उत्पाद में इस समूह का मिला-जुला योगदान 85 प्रतिशत है। 

साथ ही वैश्विक व्यापार में इस समूह का हिस्सा 75 प्रतिशत है और विश्व की दो-तिहाई आबादी भी यहीं रहती है। खासतौर से ग्लोबल साउथ जी-20 संवाद की तरफ उम्मीद से देख रहा है और उसकी आकांक्षा है कि विकासशील देशों के लिये जलवायु संकट व ऋण संकट, दोनों की रोकथाम करने के लिये फौरन सहमति बनाई जाये।

श्री पुरी ने कहा कि ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करने में भारत की विशिष्‍ट स्थिति है।

उन्होंने कहा कि पिछले आठ वर्षों में भारत सरकार ने ‘जलवायु न्याय’ की पैरवी करने के लिये अनेक परिवर्तनशील कदम उठाये हैं। ग्लासगो में कॉप-26 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पंचामृत कार्य-योजना की जबरदस्त घोषणा में यह बात निहित है कि भारत 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन वाला देश बन जायेगा। 

किसी भी विकासशील देश द्वारा घोषित उत्सर्जन के शिखर से शुद्ध-शून्य स्तर तक पहुंचने की यह सबसे कम समयावधि है। 

श्री पुरी ने जोर देकर कहा कि भारत इस बात की मिसाल है जहां अर्थव्यवस्था और पारिस्थतिकी एक-दूसरे के प्रतिरोधी नहीं, बल्कि वास्तव में वे बुनियादी तौर पर एक-दूसरे से जुड़े हैं।

कार्य-समूह बैठक की महत्ता पर श्री पुरी ने कहा कि इस वर्ष का कार्य-समूह जी-20 देशों को शर्म-अल-शेख में कॉप-27 और इस वर्ष मॉन्ट्रियाल में जैव-विविधता सम्मेलन में की जाने वाली सिफारिशों पर आधारित ठोस रोड-मैप की अवधारणा तैयार करके उसे अंगीकार करने का अवसर देता है। 

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों के मालिक होने की मानसिकता को उसका संरक्षक होने की मानसिकता में परिवर्तित करने में कार्य-समूह सहायक होगा।

चिरस्थायी जीवनशैली अपनाने के महत्त्व पर जोर देते हुये श्री पुरी ने कहा कि यह जानना बहुत उत्साहवर्धक है कि कार्य-समूह में तीन चिह्नित प्राथमिक क्षेत्रों पर चर्चा की जायेगी। 

ये सभी विषय ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवॉयरेन्मेंट’ (लाइफ) के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विचारों के अनुरूप हैं, जिसमें “पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिये अविवेकी व विध्वंसकारी खपत की जगह बुद्धिपूर्ण और विवेकपूर्ण उपयोग” पर बल दिया गया है।

श्री पुरी ने कहा कि कार्य-समूह,  लाइफ आंदोलन के बुनियादी उसूलों को अपनाने में जी-20 देशों के लिये धुरी हो सकता है तथा वैश्विक पैमाने पर सतत जीवनशैली को प्रोत्साहित करने में सक्षम है। 

उसमें जलवायु परिवर्तन विषयक चर्चा में न्याय और निष्पक्षता से विचार करने की क्षमता है। वह जलवायु वित्तपोषण को गति देने तथा सहयोगात्मक कार्रवाईयों को संचालित करने के लिये पारस्परिक लाभकारी उपायों को दिशा दे सकता है।

श्री पुरी ने विश्वास व्यक्त किया कि पर्यावरण और जलवायु निरंतरता कार्य-समूह की उद्घाटन बैठक के दौरान होने वाली चर्चाओं से मिलने वाले सामूहिक अनुभव व सबक जोरदार तथा कल्पनाशील रोडमैप बनाने में सहायक होंगे, जिसे जी-20 के शीर्ष नेतृत्व के साथ साझा किया जा सके।

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मंत्री आरके सिंह करेंगें जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ

केन्द्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह करेंगें आरा के रमना मैदान के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारंभ

12.22 करोड़ रुपये के कुल लागत के साथ एक वर्ष के अंदर होगा कार्य पूरा

विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस होगा आरा का वीर कुंवर सिंह (रमना) मैदान : आरके सिंह

हरी घास, खूबसूरत लाईटिंग, मोरम रनिंग ट्रैक, चेकर्ड टाईल्स युक्त वॉकिंग ट्रैक, ओपेन एयर जिम सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त होगा मैदान

आरा/पटना: आरा वीर कुंवर सिंह (रमना) मैदान को विश्वस्तरीय पार्क बनाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह रविवार को आरा के रमना मैदान के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के शुभारंभ कार्यक्रम में शामिल होंगे। समारोह के दौरान श्री सिंह 12.22 करोड़ रुपये से लागत से वीर कुंवर सिंह (रमना) मैदान के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण परियोजना का शुभारंभ एवं शिलान्यास करेंगे।

विश्व स्तरीय सुविधाओं से लैस होगा यह मैदान :

आरा के रमना मैदान का पुनर्विकास और सौंदर्यीकरण एनटीपीसी द्वारा किया जाएगा और 12.22 करोड़ रुपये के कुल लागत के साथ इस कार्य को एक वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा ।इस योजना के तहत इस मैदान के चारों तरफ हरी घास, खूबसूरत लाईटिंग, मोरम रनिंग ट्रैक, चेकर्ड टाईल्स युक्त वॉकिंग ट्रैक, ओपेन एयर जिम, बच्चों के खेलने का नियत स्थान, बैठने हेतु उन्नत बेंच,अत्याधुनिक शौचलाय, पीने का पानी, गजीबों, हाई मास्ट लाईट  सहित अन्य अत्याधुनिक सार्वजनिक सुविधाएं होंगी । इसके अतिरिक्त जलजमाव की समस्या से निपटने हेतु मैदान के चारों ओर जल निकासी के लिए उन्नत शॉर्ट-पिट लगाने की योजना है । इसके अलावा मैदान के खूबसूरत चहारदीवारी का पुनर्निर्माण के साथ ही धरोहर थीम पर आधारित आधुनिक द्वार सहित अन्य पाँच निकास द्वारों का भी निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।    

गौरतलब है कि इस मैदान के कायाकल्प का निर्णय केंद्रीय ऊर्जा मंत्री और स्थानीय सांसद, आरा, आरके सिंह आरा द्वारा स्थानीय विकास के लिए किए जा रहे विकास कार्यों सतत प्रयास का परिणाम के रूप में स्थानीय जनता द्वारा द्वारा देखा जा रहा है।

इस मैदान को एनटीपीसी के सहयोग से कुल 12.22 करोड़ रुपये के कुल लागत से एक साल के भीतर इसे विकसित कर लिए जाने की योजना है।एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (पूर्व-I), डी एस जी एस एस बाबजी ने कहा, “रमना मैदान का पुनर्विकास एवं  सौंदर्यीकरण योजना आरा के सतत विकास के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसका  12 फरवरी 2023 को केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह द्वारा शुभारंभ एवं शिलान्यास किया जाएगा । यह  केंद्रीय ऊर्जा मंत्री की संकल्पना है और उन्होनें एनटीपीसी को इसे पुनर्विकसित करने का मौका दिया है जो कि वास्तव में भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक आरा को विश्वस्तरीय शहर बनाने दिशा में स्थानीय जनता के साथ सरकार की साझेदारी को बढ़ावा देने की दिशा में एक नेक प्रयास है।

“एनटीपीसी के अधिकारियों ने बताया कि इस मैदान को प्रोजेक्ट आर्किटेक्ट द्वारा विश्वस्तरीय सार्वजनिक स्थान के रूप में डिजाइन किया गया है। इसमें स्थानीय लोगों के सुझावों को भी पुनर्विकास एवं सौंदर्यीकरण योजना के डिजाइन में शामिल किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे विभिन्न वर्गों की हर बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सके।इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधि व आम जनता भी शिरकत करेंगे ।

सौंदर्यीकरण योजना के मुख्य आकर्षण:

  • *  कुल 12.22 करोड़ रुपए की लागत से चार चरणों में तैयार होने वाले इस मैदान को आधुनिक सुविधाओं से लैस किए जाने की योजना है ।
  • *  इस मैदान के चारों तरफ हरी घास, खूबसूरत लाईटिंग,मोरम रनिंग ट्रैक,चेकर्ड टाईल्स युक्त वॉकिंग ट्रैक, ओपेन एयर जिम, बच्चों के खेलने का नियत स्थान,बैठने हेतु बेंच,शौचलाय,पीने का पानी,गजीबों हाई मास्ट लाईट  सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाओं का भी ख्याल रखा गया है ।
  • *  जलजमाव की समस्या से निपटने हेतु मैदान के चारों ओर जल निकासी के लिए उन्नत  शॉर्ट-पिट लगाने की योजना है ।
  • *  इसके अतिरिक्त मैदान के  चहारदीवारी का पुनर्निर्माण के साथ ही धरोहर थीम पर आधारित आधुनिक द्वार सहित अन्य पाँच निकास द्वारों का भी निर्माण किया जाना है।

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– अंज न्यूज़ मीडिया प्रस्तुति

– AnjNewsMedia Presentation 




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