प्रवासियों और स्वदेश वापस लौटने वाले लोगों के लिए राहत और पुनर्वास
ऑपरेशन गंगा |
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ़) ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को वापिस भारत लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा में सहयोग करते हुए राहत सामग्री भेजी
भेजी राहत सामग्री |
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ़) यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को स्वदेश लाने के लिए चलाए जा रहे ऑपरेशन गंगा में सहयोग कर रहा है। इसके तहत एनडीआरएफ़ ने आज भारतीय छात्रों के लिए राहत सामग्री भेजी जिसमें कंबल, स्लीपिंग मैट और सौर लैंप सहित अन्य सामग्री शामिल है। ये राहत सामग्री आज सुबह पोलैंड के लिए रवाना हुई उड़ान और दोपहर में रोमानिया के लिए रवाना हुई भारतीय वायु सेना की एक उड़ान के ज़रिए भेजी गई है।
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राहत सामग्री |
मोल्दोवा के रास्ते ओडेसा (यूक्रेन) में फंसे भारतीय नागरिकों को रोमानिया से निकालना • रोमानिया में भारत का दूतावास मोल्दोवन के अधिकारियों के साथ समन्वय में ओडेसा (यूक्रेन) में फंसे भारतीय नागरिकों को मोल्दोवा के रास्ते बुखारेस्ट (रोमानिया) के लिए आवाजाही का आयोजन कर रहा है • मोल्दोवा में हवाई क्षेत्र बंद है इसलिए भारतीयों को बुखारेस्ट भेजा जा रहा है • दूतावास बसों के लिए दो मार्गों का आयोजन कर रहा है – एक बस का एक सेट उन लोगों के लिए जो पलंका सीमा (यूक्रेन-मोल्दोवा) को पार कर रहे हैं और उन्हें मोल्दोवा में बिना रुके सीधे रोमानिया भेजा जा रहा है। • उन लोगों के लिए एक अन्य मार्ग जो राजधानी चिसीनाउ में और उसके आसपास स्थित शिविरों में हैं। • बस सेवाएं नि:शुल्क प्रदान की जा रही हैं • 01 मार्च से अब तक लगभग 250 छात्र रोमानिया को पार कर चुके हैं। इन सभी को दूतावास द्वारा आयोजित बसों से सीमा से सीधे रोमानिया (बुखारेस्ट) भेजा गया है। • लगभग 80-100 नागरिक अभी भी चिसीनाउ (राजधानी) में और उसके आसपास बचे हैं और अधिकांश आज (02 मार्च को) बस से रवाना होंगे • बुखारेस्ट में, भारतीय दूतावास ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ानों के साथ भारतीय नागरिकों की मदद कर रहा है। • रोमानियाई प्राधिकारियों के समन्वय से दूतावास ने यह सुनिश्चित किया है कि विशेष उड़ानों के माध्यम से रोमानिया से बाहर निकलने के लिए किसी वीज़ा की आवश्यकता नहीं है।
Evacuation of Indian nationals stranded in Odessa (Ukraine) via Moldova to Romania
•Embassy of India in Romania in coordination with Moldovan authorities is organizing movement of Indian nationals stranded in Odessa (Ukraine) to Bucharest (Romania) via Moldova
•Airspace in Moldova is closed so Indians are being sent to Bucharest
•Embassy is organising two routes for buses – one set of buses for those crossing the Palanca border (Ukraine- Moldova) and being sent directly to Romania without stopping in Moldova.
•Another route for those who are in the camps located in and around the capital Chisinău.
•The bus services are being provided free of cost
•Since March 01, about 250 students have crossed over to Romania. They have all been sent by buses organised by Embassy directly to Romania (Bucharest) from the border.
•About 80-100 nationals are still left in and around Chisinău (Capital) and most will be leaving by a bus today (on March 02)
•In Bucharest, Indian Embassy is helping the Indian nationals with flights under Operation Ganga.
•Embassy in coordination with Romanian Authorities, has ensured that no visa is required to exit Romania via special flights.
मोदी सरकार ने “प्रवासियों और स्वदेश वापस लौटने वाले लोगों के लिए राहत और पुनर्वास“ की समग्र योजना के तहत सात मौजूदा उप-योजनाओं को वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक की अवधि के लिए जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दी
समग्र योजना का कुल परिव्यय 1,452 करोड़ रुपये
मंजूरी से केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के माध्यम से इस समग्र योजना के तहत मिलने वाली सहायता का लाभार्थियों तक पहुंचते रहना होगा सुनिश्चित
Delhi: मोदी सरकार ने “प्रवासियों और स्वदेश वापस लौटने वाले लोगों के लिए राहत और पुनर्वास” की समग्र योजना के तहत सात मौजूदा उप – योजनाओं को वर्ष 2021-22 से लेकर 2025-26 तक की अवधि के लिए 1,452 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी से केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के माध्यम से इस समग्र योजना के तहत मिलने वाली सहायता का लाभार्थियों तक पहुंचते रहना सुनिश्चित होगा। Relief and resettlement for migrants and returnees : प्रवासियों और लौटने वालों के लिए राहत और पुनर्वास
यह योजना उन प्रवासियों और स्वदेश वापस लौटने वाले लोगों, जिन्हें विस्थापन के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, को उचित आय अर्जित कर सकने में सक्षम बनाती है और उन्हें मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों में शामिल होने में आसानी प्रदान करती है।
सरकार ने अलग-अलग समय पर अलग-अलग योजनाएं शुरू की थीं। ये सात योजनाएं निम्नलिखित बातों के लिए सहायता प्रदान करती हैं –
पाकिस्तान अधिकृत जम्मू एवं कश्मीर और छंब इलाकों के विस्थापित परिवारों को राहत और पुनर्वास,
श्रीलंकाई तमिल शरणार्थियों को राहत सहायता,
त्रिपुरा में राहत शिविरों में रह रहे ब्रू लोगों को राहत सहायता,
1984 के सिख – विरोधी दंगा के पीड़ितों को बढ़ी हुई राहत,
आतंकवाद, उग्रवाद, सांप्रदायिक/वामपंथी उग्रवाद की हिंसा और सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में गोलीबारी एवं बारूदी सुरंग/आईईडी विस्फोटों के पीड़ितों सहित आतंकवादी हिंसा से प्रभावित असैनिक पीड़ितों के परिवारों को वित्तीय सहायता और अन्य सुविधाएं,
केन्द्रीय तिब्बती राहत समिति (सीटीआरसी) को सहायता अनुदान,
सरकार भारत के कूचबिहार जिले में स्थित 51 पूर्ववर्ती बांग्लादेशी एन्क्लेव में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए और बांग्लादेश में पूर्ववर्ती भारतीय एन्क्लेव से वापस लौटे 922 लोगों के पुनर्वास के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को सहायता अनुदान भी प्रदान कर रही है।