अभ्यर्थियों को चुनावी व्यय लेखा का संधारन करना होगा

*चुनावी अभ्यर्थियों को निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी से अभिप्रमाणित एक पंजी दी जाएगी जिसे कैंडिडेट पंजी कहा जाता है और इस पंजी का एक शैडो पंजी अकाउंटिंग टीम के पास रहेगी। नामांकन तिथि के उपरांत काउंटिंग तक के सभी चुनावी व्यय इसमें दर्ज करने होंगे*

गया : लोक सभा आम निर्वाचन 2019 के लिए गया (अ0 जा0) संसदीय निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन दाखिल करने के उपरांत सभी अभ्यर्थियों को अपने चुनावी व्यय का लेखा संधारण करना होगा। एक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र के लिए अधिकतम चुनावी व्यय 70 लाख रुपए अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित है।और इस व्यय का लेखा-जोखा उन्हें रखना होगा। इसके लिए उन्हें निर्वाची पदाधिकारी सह जिलाधिकारी से अभिप्रमाणित एक पंजी दी जाएगी जिसे कैंडिडेट पंजी कहा जाता है और इस पंजी का एक शैडो पंजी अकाउंटिंग टीम के पास रहेगी। नामांकन तिथि के उपरांत काउंटिंग तक के सभी चुनावी व्यय इसमें दर्ज करने होंगे। यदि कोई चुनावी व्यय नामांकन तिथि से पहले की गई है और यह चुनाव के उद्देश्य से किया गया है तो वह भी व्यय चुनावी व्यय माना जाएगा और इसे भी कैंडिडेट पंजी में दर्ज करना होगा। नॉमिनेशन के ठीक 1 दिन पहले उन्हें एक बैंक खाता खोलना होगा, जिसमें केवल चुनाव से संबंधित लेनदेन होंगे, अन्य कोई ट्रांजैक्शन नहीं होगा। चुनावी व्यय की लेखा जांच हेतु तिथि का निर्धारण एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर (व्यय प्रेक्षक) करेंगे। 29 मार्च से 9 अप्रैल तक, यानी मतदान तिथि के 48 घंटे पूर्व तक, प्रत्येक अभ्यर्थी को 3 बार अपने लेखा की जांच करानी होगी। चुनावी लेखा जांच की कोई भी दो तिथि 3 दिन के अंतराल पर रखा जाएगा। अभ्यर्थी को व्यय से संबंधित सभी अभीश्रव रक्षी पंजी में संधारित करने होंगे। अकाउंटिंग टीम भी अपने गठित टीम एफ़एसटी, एसएसटी, सेक्टर पदाधिकारी, वीडियो सर्विलांस टीम, मीडिया सेल तमाम अन्य माध्यम से प्राप्त व्यय प्रतिवेदन प्राप्त कर शैडो रजिस्टर में दर्ज करेगी। जब अभ्यर्थी लेखा का मिलान करने आएंगे तो इस शैडो रजिस्टर से मिलान किया जाएगा। यदि कोई व्यय जो उनके द्वारा अपनी पंजी में यानी कैंडिडेट पंजी में दर्ज नहीं किया गया है तो शैडो रजिस्टर में दर्ज व्यय उनके कैंडिडेट पंजी में दर्ज किया जाएगा तथा उनसे इस पर हस्ताक्षर करवाया जाएगा। व्यय लेखा अनुश्रवण कोषांग के वरीय पदाधिकारी श्री प्रियदर्शी रंजन एवं नोडल पदाधिकारी सह जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (बाल विकास परियोजना) श्रीमती किशलय शर्मा को बनाया गया है। चुनावी व्यय की जांच के लिए मतदान तिथि के उपरांत एक बार पुनः निर्धारित की जाती है और यह भी एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर के द्वारा निर्धारित किया जाता है। यह मतगणना के 25 वें दिन निर्धारित होता है। चुनाव परिणाम घोषित होने के 90 दिन के अंदर प्रत्याशी को अपनी जांच अंतिम रूप से करा लेना है, जिसे एक्सपेंडिचर ऑब्जर्वर फाइनल करेंगे।

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