कोरोना काल का मार्मिक कविता Poignant poem of the corona period

कोरोना का कहर 

कोरोना काल का मार्मिक कविता, AnjNewsMedia, Poem Author OP Jamuyar
डा. ओमप्रकाश जमुआररचनाकार

कोरोना के भय से

आदमी आदमी से दूर

हो चला।

        काल का मन खिला

        मगरमच्छ की तरह

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        किसी को निगलने के लिए।


कोरोना के भय से

आदमी आदमी से दूर

हो चला।

       

प्रकृति से मुकाबला ना करो,

       न उसे ललकारो,

       बल्कि समझौता कर

       उसे नमन करोे

       अगर जीना है इस संसार में।


कोरोना के भय से

आदमी आदमी से दूर

हो चला।


 रचनाकार,

डा. ओमप्रकाश जमुआर

 केन्द्राध्यक्ष, विज्ञापन प्रसारण सेवा

आकाशवाणी, पटना

प्रस्तुति- अंज न्यूज मीडिया

-@AnjNewsMedia-


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