राज्य और केन्द्र सरकार से तपोवन की सुरक्षा की माँग तपोवन में ब्रह्मा के चारो पुत्र के नाम पर है गर्मकुंड, जो गया
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जिले का गहना है ही बिहार का ताज भी
ख़तरे में तपोवन का तप्त जल धारा ! सूख रहा जल धारा
प्रकृति का अनुपम वरदान है तपोवन। जो बिहार प्रदेश के गया जिले के मोहड़ा प्रखंड में पड़ता है। जहां प्रभु ब्रह्मा के चारों पुत्र सनत, सनातन, सनक और सनंदन ने कई वर्षों तक कठोर तपस्या की थी। उन्हीं के नाम पर चारों गर्म जल कुंड का नाम पड़ा है। तपोवन के पवित्र गर्म जल धारा में भगवान कृष्ण और रुक्मिणी एवं महात्मा बुद्ध ने भी स्नान किये थे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी। पहाड़ियों से घिरा हुआ यह एक मनोरम स्थल है। दुखद पहलू यह है कि वैसे अनोखे पर्यटन स्थल का निरंतर अतिक्रमण जारी है।
तपोवन का ब्रह्म कुंड
तपोवन स्थल वन विभाग और पर्यटन विभाग का धरोहर है। उस स्थान पर अतिक्रमण और बोरिंग कर पानी निकासी करना अवैध है। बोरिंग कर मोटर लगा कर पानी निकासी करना बिल्कुल अवैध है। इसके वाबजूद भी वहाँ रह रहे लोग बोरिंग के जरीय पानी निकाल रहे हैं। जिससे तपोवन का गर्म जल धारा काफी प्रभावित हुआ है, तपोवन का पावन जल धारा सूखने के कगार पर पहुँच गया है।
तपोवन का ब्रह्म कुंड परिसर
जिस पर ज़िला प्रशासन को खास ध्यान देने की ज़रूरत है। तभी तपोवन का तप्त जल धारा बच पाएगा। वर्ना जल धारा ख़तरे में पड़ चुका है। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत केन्द्रीय तथा राज्य पर्यटन मंत्री, वन- पर्यावरण मंत्री सहित ज़िलाधिकारी से माँग की है की इस पर यथाशीघ्र उचित कार्रवाई करने की कृपा करें, वर्ना तपोवन की धरोहर रूपी गर्म जल धारा का अस्तित्व मिटने के कगार पर पहुँचता जा रहा है। इसे बचाने की शीघ्र पहल करें। इस पर्यटन स्थल की पूरी सुरक्षा की माँग जिला प्रशासन समेत राज्य और केन्द्र सरकार से की गई है। क्योंकि यह पर्यटन स्थल तपोवन तप्त जल के लिए ही मशहूर है। वही गर्म जल ही तपोवन का पहचान है।
ब्रह्म कुंड का गर्म जल
वर्तमान परिवेश में उसी तप्त जल धारा के अस्तित्व पर ख़तरा मँडरा रहा है। इसके विकास के लिए सरकार द्वारा तपोवन फेज वन के अंतर्गत 89.89 लाख रुपए के लागत से कुंड का सौंदर्यीकरण, जन सुविधा का निर्माण, कैफेटेरिया का निर्माण, पार्किंग एवं चारदीवारी का निर्माण कार्य कराया गया है। तपोवन फेज 2 के अंतर्गत 360.72 लाख रूपए की लागत से गेटवे वर्तमान भवन का जीणोद्धार, बाउंड्री वॉल, पार्क का विकास एवं साइट डेवलपमेंट का कार्य कराया गया है। तपोवन में सड़क सुरक्षा एवं ठहराव स्थल की सुविधा विकसित करने एवं पर्यटन थाना की मांग वर्षों से जारी है। बोधगया से कुर्किहार- तपोवन- राजगीर- बुद्ध सर्किट मार्ग है। तपोवन के महत्व को बनाए रखना प्रशासन के साथ-साथ पर्यटन विभाग, बिहार सरकार की जिम्मेवारी है। यह स्थल बुद्ध से जुड़ा है इसलिए बोधगया से तपोवन- राजगीर तक के रास्ते पर सभी देशों के लोगों की निगाह रहती है। बौद्ध धर्म वाले जब भारत आते हैं तो इसी रास्ते से गुजरते हैं। क्योंकि महात्मा बुद्ध तपोवन के रास्ते से होकर बोधगया गया थे। बड़ी संख्या में पर्यटक यहां आते- जाते हैं। कुंड का गर्म जल पर्यटकों को आकर्षित करता है। तपोवन बिहार प्रदेश का स्मार्ट पर्यटन स्थल है।
तपोवन टूरिज्म एरिया ब्रह्म कुंड परिसर में अतिक्रमण
यह एरिया वन विभाग का भी है
जहाँ हरेक साल 14 जनवरी को तपोवन महोत्सव, सरकार द्वारा मनाया जाता है। यह पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण स्थल है और इसके विकास के लिए सरकार पहल कर रही है। तपोवन का तप्त जल धारा शानदार है। तपोवन कुंड का गर्म जल धारा बारहों मास कल-कल छलछल करता प्रवाहित रहता है। इस तपोवन के महत्व की चर्चा वेद- पुराण सहित अन्य ग्रंथों में मिलता है। पर्यटन के विकास से रोजगार भी विकसित होता है। सरकार इस पर्यटन स्थल का विकास पर पहल की है। तपोवन पर्यटक स्थल को विकसित करना सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। जाहिर हो मगध क्षेत्र सभी धर्मों का समागम स्थल है जैसे बौद्ध, जैन, सूफ़ी, सिक्ख, सनातन धर्म के लिए, जिसमें तपोवन विशेष दर्शनीय स्थल है। सनातन धर्म वालों के लिए तपोवन मोक्ष भूमि है। पर्यटन के क्षेत्र में तपोवन को महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यहाँ सालोभर पर्यटक स्नान तथा भ्रमण के लिए आते- जाते रहते हैं।