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डीजल अनुदान के आवेदनों का ससमय निष्पादन का डीएम ने दिया निर्देश

खरीफ मौसम में 65% बारिश की हुई कमी 

बारिश की दयनीय स्थिति से किसान परेशान

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बारिश की कमी से डीएम त्याग चिंतित !
की गहन समीक्षा बैठक

गया : जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एस एम ने जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक में विभिन्न विभागों से संबंधित कार्यो की समीक्षा की। इस क्रम में जिले में कम वर्षापात से उत्पन्न स्थिति की भी जानकारी ली।

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि गया जिले में इस खरीफ मौसम में वर्षापात की स्थिति दयनीय है। जून महीना के लिये सामान्य वर्षापात 140.70 मि०मी० का है। जिसके विरुद्ध जून माह में मात्र 47.8 मि०मी० ही वर्षा हुई है। इस प्रकार जून महीने में वर्षापात में 66% की कमी हुई है।

इसी प्रकार जुलाई माह में अबतक 279.9 मि०मी० वर्षा होना चाहिए था परन्तु माह जुलाई 2022 में अबतक मात्र 101.1 मि०मी० वर्षा हुई है अर्थात जुलाई महिने में भी 64% वर्षापात कम हुआ है। अब तक इस खरीफ मौसम में 65% वर्षापात की कमी हो गई।

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अंज न्यूज़ मीडिया की प्रस्तुति

इसका असर फसल आच्छादन पर पड़ा है। वर्ष 2021-22 में 30 जुलाई तक 40.50% धान की रोपनी हो गई थी। जबकि इस वर्ष अभी तक मात्र 8% ही धान की रोपनी हो सकी है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि अभी भी जिले में अधिकांश स्थानों पर धान के बिचड़े स्वस्थ हैं। यदि अगले दो- चार दिनों में अच्छी बारिश हो जाती है तो धान की रोपनी बढ़ जायेगी।

जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि दिनांक 31.07.2022 एवं 01.08.2022 की अच्छी बारिश का पूर्वानुमान बताया गया है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार के द्वारा अल्पवृष्टि को देखते हुए डीजल चालित पम्पसेट से पटवन करने वाले किसानों के लिये 60 रुपये प्रति लीटर की दर से प्रति एकड़ 600 रुपये अनुदान की स्वीकृति दी गयी है।

एक किसान को धान, मक्का एवं खरीफ फसलों में तीन सिंचाई के लिये अधिकतम 1800 रुपये प्रति एकड़ अनुदान दिया जा सकेगा। डीजल अनुदान के लिये पेट्राॅल पम्प से निर्गत डिजिटल रसीद ही मान्य होगा।

इस रसीद पर वाहन संख्या के बदले संबंधित किसाने के पंजीकरण का अन्तिम 10 संख्या अंकित करना अनिवार्य होगा। कार्यपालक अभियंता, सोन उच्च स्तरीय नहर प्रणाली, टिकारी ने बताया कि उनके नहरों में थोड़ा पानी आया है जिससे कोंच प्रखंड के खजुरी, गौहरपुर, केर एवं श्रीगाँव पंचायत में रोपनी हो रही है।

सिंचाई प्रमंडल, गया के अधीन किसी भी नहर में पानी नहीं है। कार्यपालक अभियंता, तिलैया ढ़ाढ़र परियोजना ने बताया कि उनके नहरों में बहुत थोड़ा पानी आया है।

महुगाईन नहर से टनकुप्पा प्रखंड एवं कदहर नहर से फतेहपुर प्रखंड में थोड़ी बहुत सिंचाई हेतु पानी दिया गया है। इसके अतिरिक्त बतसपुर बीयर योजना से मोराटाल मुख्य पईन में 15 कि०मी० तक पानी पहुंचा है। जिससे 300 हे० क्षेत्र में पटवन हो रहा है।

गया जिला सहकारिता पदाधिकारी, को फसल सहायता योजना के तहत अधिकाधिक आवेदन ऑनलाइन कराने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने कहा कि अल्प वर्षापात को देखते हुए सभी नहरों के कार्यपालक अभियंता उपलब्ध होने वाले पानी का सही वितरण कराने पर ध्यान देंगे। जिला कृषि पदाधिकारी डीजल अनुदान योजना का व्यापक प्रचार- प्रसार कराएं ताकि अधिकतम किसान इसका लाभ ले सके।

  • 1. नहरों में पानी की उपलब्धता पर निगरानी रखें अभियंता।
  • 2. फसल आच्छादन का दैनिक प्रतिवेदन तैयार करें जिला कृषि पदाधिकारी।

कार्यपालक अभियंता, लघु सिंचाई प्रमंडल, राजकीय नलकूपों को कार्यरत रखेंगे।

इस बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, तिलैया ढ़ाढ़र परियोजना, डी०डी०एम० नाबार्ड, प्रधान वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, उप- परियोजना निदेशक, आत्मा उपस्थित थे।


– AnjNewsMedia Presentation 

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