After Corona Period : 2 वर्षों बाद पितृपक्ष आयोजन
बैंकों एवं सोशल वर्कर्स के साथ बैठक
Advertisement
![]() |
DM त्यागराजन की अध्यक्षता में ज़िले के विभिन्न बैंकों एवं सोशल वर्कर्स के साथ बैठक |
गया : ज़िला पदाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष में ज़िले के विभिन्न बैंकों एवं सोशल वर्कर्स के साथ बैठक करते हुए कहा कि हर वर्ष लाखों लाख तीर्थयात्री पितृपक्ष मेला के दौरान गया जिला पधारते हैं तथा हर वर्ष आप सभी बैंकों एवं स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा पितृपक्ष मेला में यात्रियों की सेवा समर्पण भाव से करते हैं।
उन्होंने कहा कि इस बार पितृपक्ष मेला का माहौल कुछ अलग है, क्योंकि विगत 2 वर्षों के बाद यह पितृपक्ष आयोजन हो रहा है तथा अधिक संख्या में तीर्थयात्री आने की पूरी संभावना है।
इसलिए आप सभी बैंक एवं स्वयंसेवी संस्थान अपनी सक्रियता तथा भागीदारी को और अधिक प्रभावी से यात्रियों की सेवा में समर्पित रहने का कार्य करें। सभी पिंडदान की सेवा अतिथि देवो भवः के तर्ज पर करें।
बैठक में एलडीएम गया ने बताया कि जिले के विभिन्न बैंकों द्वारा पितृपक्ष मेला के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर पेयजल हेतु आरो प्लांट, हेल्थ चेक अप कैंप, अद्भुत टिमटिमाती आकर्षक लाइट, प्लांटेशन सहित अन्य कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एसबीआई द्वारा मेला क्षेत्र में हेल्थ चेक अप कैंप, चार से पांच विभिन्न स्थानों पर पेयजल की व्यवस्था किया जा रहा है।
बैंक ऑफ़ बड़ोदरा द्वारा 50 पीस जैकेट, रेलवे स्टेशन के समीप हेल्प डेस्क तथा विष्णुपद मंदिर के समीप वाटर कूलर लगवाया जा रहा है।
पंजाब एंड सिंध बैंक द्वारा अक्षय वट वेदी स्थल के समीप आकर्षक लाइटिंग का कार्य कराया जा रहा है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र बैंक द्वारा मेला क्षेत्र में ब्यूटीफिकेशन का कार्य किया जा रहा है।
दक्षिण बिहार ग्रामीण बैंक द्वारा नेहरू युवा केंद्र को 50 पीस जैकेट उपलब्ध कराया जा रहा है।
इंडियन बैंक द्वारा संवास सदन समिति को 20 आकर्षक पंखा उपलब्ध कराया जा रहा है।
बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 05 ई- रिक्शा, अक्षय वट वेदी स्थल के समीप वाटर कूलर तथा कॉइन वेंडिंग मशीन लगवाया जा रहा है।
केनरा बैंक द्वारा 05 ई -रिक्शा, मोबाइल एटीएम तथा विष्णु भवन एवं अशोक अतिथि भवन में पर्याप्त संख्या में मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट्स लगवाया जा रहा है।
यूनियन बैंक द्वारा प्रेतशिला तथा सीता कुंड के समीप ड्रिंकिंग वॉटर फैसिलिटी लगवाया जा रहा है।
अवैध खनन छापेमारी
अवैध खनन को रोकने के लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार छापेमारी के साथ साथ कठोर कार्रवाई की लगातार की जा रही है। सभी अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी तथा खनन विभाग के तमाम पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश प्राप्त है कि अवैध खनन के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करें। अवैध खनन की सूचना यदि कहीं से मिलती है तो संबंधित स्थान पर छापेमारी करने में कोताही ना बरतें।
जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि विगत 20 अगस्त से 29 अगस्त तक कुल 2338000 रुपए वसूल किए गए हैं। विभिन्न थानों में कुल 21 प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 9 लोगो को गिरफ्तार किए गए हैं।
जिला खनन पदाधिकारी ने बताया कि 29 अगस्त को चाकन्द थाना अंतर्गत 01 ट्रैक्टर, मगध विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत 01 ट्रैक्टर तथा अतरी थाना अंतर्गत 01 ट्रैक्टर को जप्त किया गया है। कुल 3 प्राथमिकी दर्ज करते हुए ₹93000 वसूल किए गए हैं।
उसी प्रकार 28 अगस्त को कोच थाना अंतर्गत एक ट्रैक्टर, कोतवाली थाना अंतर्गत दो ट्रैक्टर, पंचानपुर थाना अंतर्गत एक ट्रैक्टर, परैया थाना अंतर्गत दो ट्रैक्टर जप्त किए गए हैं। कुल 4 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है तथा ₹182000 फाइन वसूल किए गए हैं।
27 अगस्त को सरबहदा थाना अंतर्गत एक ट्रेक्टर, गुरुआ थाना अंतर्गत एक ट्रैक्टर, डोभी थाना अंतर्गत एक ट्रेक्टर, नीमचक बथानी थाना अंतर्गत एक ट्रैक्टर को जप्त किया गया है। 4 प्राथमिकी दर्ज करते हुए ₹124000 फाइन वसूल किए गए हैं।
26 अगस्त को डुमरिया थाना अंतर्गत गिट्टी लदे तीन हाईवा, शेरघाटी थाना अंतर्गत बालू लदे एक ट्रैक्टर तथा खिजरसराय थाना अंतर्गत बालू लदे दो डंपर को जप्त किया गया है। कुल 3 प्राथमिकी दर्ज करते हुए 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा कुल 1329200 रुपया फाइन वसूल किए गए हैं।
जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने कहा की अवैध खनन में संलिप्त वाहनों के जप्त करते हुए खनन तथा परिवहन विभाग के विभिन्न धाराओं को देखते हुए प्राथमिकी दर्ज करते हुए फाइन वसूलने में तनिक भी कोताही न बरतें।
कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप कार्यक्रम
कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधक अभिकरण (आत्मा), गया द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर गया में दो दिवसीय कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप कार्यक्रम का शुभारम्भ डा॰ राजीव सिंह, वरीय वैज्ञानिक-सह-प्रधान, कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर गया द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
गया जिला में इस खरीफ मौसम में अल्पवृष्टि के कारण धान और अन्य खरीफ फसलों का आच्छादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। ऐसे में गया जिला के किसानों को वर्तमान परिस्थिति में खेतों में लगी फसल को सुरक्षित रखने एवं आने वाले मौसम में फसल को वैज्ञानिक तरीके से लगाने के उद्देष्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
इस कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखण्डों से आत्मा अन्तर्गत गठित प्रखण्ड किसान सलाहकार समिति के अक्ष्यक्ष अथवा उनके प्रतिनिधि प्रगतिशील किसान भाग ले रहे हैं।
अपने संबोधन में डा॰ राजीव सिंह ने कहा कि जिले में इस वर्ष धान लगाने के मुख्य समय जून में 66 प्रतिषत कम और जुलाई में 61 प्रतिशत कम बारिश हुई है जबकि जून से अभी तक जिले में 44 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई है।
जिससे जिले में धान की रोपनी मात्र 1 लाख 11 हजार सत्ताईस हेक्टेयर में ही हो पायी है। इसमें भी अधिकतर रोपाई का कार्य अगस्त माह में होने के कारण उपज के बुरी तरह प्रभावित होने की संभावना है।
उन्होने कहा कि धान की खेत में पानी भरकर रखना जरुरी नहीं है, केवल जीवन रक्षक सिंचाई, नमी बनाकर रखने और खेत में दरार नहीं पड़ने देने से ही धान की अच्छी उपज मिल सकती है।
धान में सिंचाई करनी हो तो संध्या के समय करना चाहिये। इस समय फसल में धड़ छेदक कीट का प्रभाव देखा जाता है, यदि खेतों के ऊपर ड्रैगन फ्लाई ज्यादा दिखाई दे रहे हो तो समझना चाहिये की फसल में धड़ छेदक का प्रकोप बन रहा है, यद्यपि ड्रैगन फ्लाई किसानों का मित्र कीट है यह धड़ छेदक के संभावित प्रकोप की ओर इशारा भी करती है।
किसानों को सावधानी से खेत का निरीक्षण करते हुये धड़ छेदक से नियंत्रण के जैविक एवं रासायनिक उपाय अपनाने की जानकारी दिया। उन्होने परती रह गये ऊपरी एवं मध्यम भूमि में मक्का की खेती करने का सुझाव दिया। उन्होने बताया कि एक एकड़ में पंक्ती में मक्का लगाने पर 24 हजार पौधे लगते हैं।
हर पौधे मे कम से एक मक्का जरुर लगता है। किसानों के खेत से मक्का आसानी से 02 से 03 रुपये प्रति पीस की दर से बिक जाता है। इस प्रकार 72 हजार रुपये तक कुल आय एवं 60 हजार रुपये तक प्रति एकड़ शुद्ध आय कमाई जा सकती है।
इसके साथ ही परती जमीन में तोरिया एवं कुल्थी की खेती की जानकारी दिया। रबी मौसम में समय से चना एवं मसूर की खेती कर अधिक लाभ कमाने के बारे में भी बताया।
कृषि विज्ञान केन्द्र, आमस के वैज्ञानिक डा॰ एस॰ के॰ चौधरी ने उनके केन्द्र से बीज वितरण की जानकारी दिया। मानपुर के वैज्ञानिक डा॰ अशोक कुमार ने प्राकृतिक खेती की जानकारी दिया।
किसानो ने मिर्चा के सुखरा रोग के नियंत्रण, बैगन के फल छेदक एवं भंगुरी रोग के जैविक नियंत्रण के बारे में जानकारी ली। कार्यक्रम कल दिनांक 03.09.2022 को सम्पन्न होगा।
आत्मा गया की ओर से उप परियोजना निदेशक, आत्मा गया नीरज कुमार वर्मा उपस्थित रहे। इसके अलावा मानपुर प्रखण्ड के कृषि समन्वयक, किसान सलाहकार, सहायक तकनीकी प्रबंधकों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
– anj4anm- AnjNewsMedia Presentation