धूमधाम से मना पर्वतपुरुष दशरथमांझी का महोत्सव
स्मृति भवन में दशरथ मांझी द्वारा उपयोग में लाये गए छेनी हथौड़ा को रखने हेतु लगाए गए डिस्प्ले यूनिट का भी हुआ उद्धघाटन
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संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया कार्यक्रम का शुभारंभ
माउंटेनमैन दशरथ मांझी के 15वीं पुण्यतिथि के मौके पर मना दशरथ मांझी महोत्सव |
गया : पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के 15वीं पुण्यतिथि के अवसर पर दशरथ मांझी महोत्सव, 2022 का आयोजन मोहड़ा प्रखंड के गहलोर पंचायत में आज किया गया।
संयुक्त रूप से किया गया मांझी महोत्सव का उद्घाटन |
कार्यक्रम में सर्वप्रथम जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम द्वारा कार्यक्रम के उपस्थित मुख्य अथितियों को पुष्पगुच्छ एवं मोमेंटो देकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अथितियोंं द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
मांझी महोत्सव को संबोधित करते डीएम त्यागराजन |
जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने अपने संबोधन में कहा की आज माउन्टेन मैन के नाम से जग में विख्यात दशरथ मांझी की स्मृति में आयोजित दशरथ मांझी महोत्सव में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, मंत्री, ग्रामीण कार्य विभाग श्रवण कुमार, मंत्री, अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग संतोष कुमार सुमन, मंचासीन सांसद, विधायक एवं गणमान्य व्यक्ति, देवियों, सज्जनों, बच्चों एवं मीडिया के प्रतिनिधिगण।
इस कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य समय देकर शामिल होने के लिए हम आप सबो का हार्दिक अभिनंदन करते हैं।
महोत्सव को संबोधित करते डीएम त्याग |
उन्होंने कहा की अपनी कर्मठता एवं दृढ़ संकल्प इच्छा शक्ति के द्वारा गया जिला के साथ-साथ बिहार को गौरवान्वित करने वाले पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के सम्मान में आयोजित इस महोत्सव में मैं सर्वप्रथम गेहलौर की धरती का नमन करता हूँ, जिसने ऐसे जीवट पुरुष को जन्म दिया।
मांझी महोत्सव को संबोधित करते डीएम |
दशरथ मांझी (1929-2007) गया जिला के गेहलौर गांव के एक गरीब मजदूर थे। केवल हथौड़ा और छेनी लेकर इन्होंने अकेले ही 360 फुट लंबी, 30 फुट चौड़ी और 25 फुट ऊँचे पहाड़ को काट के एक सड़क बना डाली। 22 वर्षों के परिश्रम के बाद, दशरथ मांझी के बनायी सड़क ने अतरी और वजीरगंज ब्लॉक की दूरी को लगभग 55 किलोमीटर से 15 किलोमीटर कर दिया। वे जिस गांव में रहते थे, वहां से पास के कस्बे जाने के लिए एक पूरा पहाड़ (गहलोर पर्वत) पार करना पड़ता था।
महोत्सव को संबोधित करते डीएम त्यागराजन |
उनके गांव में उन दिनों न बिजली थी, न पानी। ऐसे में छोटी से छोटी जरूरत के लिए उस पूरे पहाड़ को या तो पार करना पड़ता था, या उसका चक्कर लगाकर जाना पड़ता था। पति के लिए खाना ले जाने के क्रम में उनकी पत्नी फगुनी देवी पहाड़ के दर्रे में गिर गयीं और उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी की मौत दवाइयों के अभाव में हो गया, क्योंकि बाजार दूर था।
इसके बाद दशरथ मांझी ने संकल्प लिया कि वह अकेले दम पर पहाड़ के बीचों बीच से रास्ता निकालेंगे और अतरी व वजीरगंज की दूरी को कम करेंगे।
17 अगस्त, 2007 को 73 साल की उम्र में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में कैंसर से पीड़ित दशरथ माँझी का निधन हो गया। बिहार सरकार के द्वारा राजकीय सम्मान के साथ इनका अंतिम संस्कार किया गया। वे ‘माउंटेनमैन’ के रूप में विख्यात हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए बिहार सरकार ने सामाजिक सेवा के क्षेत्र में 2006 में ‘पद्मश्री हेतु उनके नाम का प्रस्ताव रखा।
अशोक कुमार अंज वर्ल्ड रिकार्ड्स जर्नलिस्ट, फिल्मस्टार एंड राइटर |
आज उनकी कृति वर्तमान एवं भावी पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। उनकी कृति ने अपने यश का डंका न सिर्फ भारत में बल्कि संपूर्ण विश्व में बजा रखा है। आज वॉलीवुड, हॉलीवुड के बड़े-बड़े निर्माताओं ने उन पर कई फिल्में बनायी, जो अत्यंत लोकप्रिय है। “पहाड़ से उँचा आदमी”, “डिजाइन्ड वाई लव’, “THE MAN WHO MOVED THE MOUNTAIN”, MANJHI-THE MOUNTAIN MAN” फिल्म ने काफी लोकप्रियता हासिल की।
जिलाधिकारी ने बताया की कार्यक्रम से पूर्व मोहड़ा प्रखंड में जिला स्तरीय जनता दरबार का आयोजन किया गया है, जिसमे आमजन द्वारा बढ़ चढ़ कर भाग लिया गया। प्राप्त आवेदनों में अधिकतर आवेदन का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया।
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उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री द्वारा गेहलौर में 3 किमी लंबी एक सड़क हॉस्पिटल, पंचायत भवन, किसान भवन, ओ०पी०, समाधि स्थल बनवाया तथा गहलौर का पर्यटकीय विकास किया एवं वहां उनकी प्रतिमा स्थापित करवाया गया है।
बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम, पटना द्वारा दशरथ मांझी स्मारक स्थल के विकास एवं सौन्दर्यीकरण कार्य में चाहरदिवारी का निर्माण, गेट का निर्माण कार्य, समाधी स्थल का कार्य, सोलर लाईट का अधिष्ठापन एवं पार्किंग का निर्माण कार्य कराया गया है। साथ ही जन सुविधा का निर्माण, पानी का प्याउ टयूबेल एवं पहुंच पथ का निर्माण एवं दशरथ मांझी मूर्ति का स्थापना कार्य कराया गया है। साथ ही पर्वत पुरूष दशरथ मांझी स्मृति भवन का निर्माण कार्य करवाया गया है।
भवन प्रमण्डल, गया द्वारा Rock Cut सड़क के दूसरी तरफ पूर्वी छोर पर प्रवेश द्वार का निर्माण कार्य एवं स्मारक स्थल पर Canopy निर्माण कार्य कराया गया है, इन सभी योजनाओं में 146.26 लाख रूपये खर्च किया गया है।
वर्ष 2022 में दशरथ मांझी स्मारक स्थल एवं इसके आस-पास के जगहों पर बंद पड़े सभी सोलर लाईट को इलेक्ट्रीक कनेक्शन कराते हुए चालू कराया गया है। साथ ही हाईमास्ट लाईट के सभी खराब बल्ब को बदल दिया गया है।
स्मारक स्थल पर टूटे हुए टाईल्स को हटाकर नया टाईल्स लगाया गया। स्मृति भवन में दशरथ मांझी द्वारा उपयोग में लाए गए छेनी हथौड़ा को रखने के लिए Display Unit का निर्माण एवं स्मृति भवन का मरम्मती कार्य कराया गया है। इस कार्य के लिए लगभग 06 लाख रूपये व्यय हुए है। Rock cut सड़क के दोनों किनारों में Decorated Plant लगाया जा रहा है।
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सरकार आम लोगों की सुविधा एवं बिहार के विकास के लिए कृत संकल्प है। हर घर में नल का जल, शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन की व्यवस्था कर रही है। सभी वृद्धजनों को पेंशन प्रदान कर रही है, युवाओं को शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास के लिए राज्यव्यापी कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
शराबबंदी से समाज में खुशनुमा माहौल बना है। बच्चों की पढ़ाई, चिकित्सा, विकास की मुकम्मल व्यवस्था की गयी। महिलाओं को रोजगार में 35 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा गया है।
आनेवाली पीढ़ी दशरथ मांझी के व्यक्तित्व से प्रेरणा लेती रहेगी। उनके कार्य वीरता की गाथा युग- युगान्तर तक गायी जाती रहेगी। इन्हीं शब्दों के साथ अपनी वाणी को विराम देते है।
महोत्सव को संबोधित करते विधायक जीतनराम मांझी |
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कला संस्कृति युवा विभाग एवं जिला प्रशासन गया को इस राजकीय समारोह को आयोजित करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने दशरथ मांझी के हथौड़ी एवं छेनी के सहारे पहाड़ काटने के इस संकल्प से प्रेरित होकर माननीय मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने सम्मानित कुर्सी पर बैठाया था। जो एक गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि दशरथ मांझी के इस क्षेत्र एवं पहाड़ को देखने बिहार के साथ-साथ विदेशों के भी लोग यहां आते हैं। उन्होंने जिला पदाधिकारी से अनुरोध किया कि पर्यटक को को बैठने की व्यवस्था, शौचालय तथा कैफिटेरिया का निर्माण कराया जाए। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को टाउनशिप में डिवेलप कराने का अनुरोध किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री ग्रामीण विकास श्री श्रवण कुमार ने कहा कि दशरथ मांझी के बताए रास्ते पर हम सभी चले। उन्होंने जो भी कार्य एवं कृतियां किए हैं वह कोई अन्य व्यक्ति नहीं कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि गैहलोर एक ऐसी जगह है जहां माननीय मुख्यमंत्री जी श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में काफी तेजी से विकास हो रहा है।
मांझी महोत्सव में उपस्थित दर्शकगण |
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री संतोष कुमार सुमन ने बताया दशरथ मांझी जी के कार्य को लेकर उन पर अनेकों फिल्में अनेकों किताबें लिखी गई है वह अकेले छेनी और हथौड़ी के बदौलत पहाड़ को काटते हुए रास्ता का निर्माण किया था। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में बिजली, रोड, स्वास्थ्य, शिक्षा इत्यादि के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। इस क्षेत्र में पहले बिजली काफी कम रहती थी जो आज की तिथि में लगभग 22 घंटे बिजली रहते हैं।
इसके उपरांत सांसद जहानाबाद, सांसद गया, माननीय विधायक अतरी विधानसभा द्वारा संबोधन किया गया।
मांझी महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति |
इसके उपरांत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय इमामगंज की प्रस्तुति, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय मोहड़ा की प्रस्तुति।
इसके उपरांत स्नेहा उपाध्याय पार्श्व गायिका की प्रस्तुति की गई।
इसके उपरांत मगध संगीत संस्थान पटना की प्रस्तुति दी गई।
धन्यवाद ज्ञापन उप विकास आयुक्त विनोद दुहान द्वारा किया गया उन्होंने सभी आगत अतिथियों का धन्यवाद दिया।
– AnjNewsMedia Presentation