मगही जगरूकता गीत ::-
* भोटबा दीहऽजरूर *
भोटबा तोहर अधिकारवा, भोटबा दीहऽ जरूर
भाय-बहिन,भउजी-दिदि,कोय करिहऽ नै गरूर॥
बड़ उमिद से, खाड़ह होवऽ हे उमीदबार
देबे के होतो जेकरा,दीहऽ जरूरे ई बार
देथिन बुजुरगन सभे,तुहुँ सिख ला लुर॥
चुकऽ नै देवै मे भोट,भोटवा तोहर हक
नइका भोटर उतसाहित,भोट देथिन धकाधक
भोटवे से बनै सरकार,भोटवा हे नुर॥
मतदान बुथवा पर जैहऽ,करिहऽ मतदान
चुनाब बड़ अमोल परब, रचै किरतिमान
एकक भोट अमोल,भोटे के दीहऽचउका पुर॥
भोटबा तोहर अधिकारवा…
भाय-बहिन,भउजी-दिदि…
मगही गीतकार,
*अशोक कुमार अंज*
लेखक- कवि- पत्रकार, गया