(दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति हुईं सम्मिलित) {स्वस्थ मन, स्वस्थ घर} [Latest News]- AnjNewsMedia

बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति मुर्मु हुईं सम्मिलित 

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ! लखनऊ में बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह में 
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कहा 

(दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति हुईं सम्मिलित) {स्वस्थ मन, स्वस्थ घर} [Latest News]- AnjNewsMedia
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि आज भारत में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्ट-अप इको-प्रणाली मौजूद है।

सभी शैक्षिक संस्थानों, विशेषकर विश्वविद्यालयों और तकनीकी शिक्षण संस्थानों को इस इको-प्रणाली का पूरा लाभ उठाना चाहिये तथा अनुसंधान व नवाचार के लिये अपने शिक्षार्थियों को प्रेरित करना चाहिये। 

उनके प्रयास नवाचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को अग्रणी राष्ट्र बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान साबित होंगे।

निवेश और व्यापार के लिये यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 ने जो सहायक वातावरण तैयार किया है, उसे रेखांकित करते हुये राष्ट्रपति ने इस सहायक वातावरण के साथ शिक्षा को जोड़ने का आह्वान किया। 

उन्होंने कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों को खुद को ऐसे केंद्रौं के रूप में विकसित करना चाहिये, जहां जन कल्याण के लिये नये शोध किये जायें, जो चौथी औद्योगिक क्रांति का केंद्र बनें और जो स्टार्ट-अप के पनपने का केंद्र बन सकें। 

उन्होंने कहा कि अगर हमारे शिक्षण संस्थान नई क्रांति और सामाजिक समृद्धि व समानता के संदेशवाहक बन जायें, तो यह भी बहुत उत्साहवर्धक होगा।

राष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीवराव अम्बेडकर मानते थे कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को शिक्षा प्रदान करना विश्वविद्यालयों का बुनियादी कर्तव्य है। बाबासाहेब का कहना था कि शैक्षिक संस्थानों को बिना किसी भेदभाव के सबको बेहतर शिक्षा प्रदान करनी चाहिये। 

राष्ट्रपति ने कहा कि बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय 50 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करके अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के शिक्षार्थियों की उन्नति के लिये सराहनीय काम कर रहा है। 

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह विश्वविद्यालय देश और प्रदेश में बाबासाहेब के आदर्शों के अनुरूप शिक्षा का प्रसार करता रहेगा।

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राष्ट्रपति ने कहा कि दीक्षांत समारोह शिक्षार्थियों के लिये अत्यंत महत्त्वपूर्ण अवसर होता है। आज के दिन उन्हें अपने अनेक वर्ष के कठिन परिश्रम का फल प्राप्त होता है। 

उन्होंने कहा कि इस अवसर पर वे शिक्षार्थियों को यह सलाह देंगी कि वे अपने जीवन में जो भी बनना चाहते हैं, उसके लिये वे आज से काम शुरू कर दें तथा अपने लक्ष्य को हमेशा अपने ध्यान में रखें। 

उन्होंने इच्छा व्यक्त की कि कुछ शिक्षार्थियों को शिक्षक/प्रोफेसर बनना चाहिये। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा और शिक्षण, दोनों एक-दूसरे से जुड़े हैं। 

सर्वश्रेष्ठ शिक्षा प्रणाली के लिये, सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों की जरूरत होती है। हमारे प्रतिभावान शिक्षार्थियों को शिक्षा का व्यवसाय अपनाकर देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिये अमूल्य योगदान करना चाहिये।

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि आज यहां जो शिक्षार्थी एकत्र हुये हैं, वे शिक्षा व ज्ञान के बल पर अपने जीवन में खूब प्रगति करेंगे।

लेकिन इसके साथ ही, उन्हें हमारे मूल्यों और संस्कृति से भी जुड़ा रहना होगा; तभी वे एक सार्थक और संतोषी जीवन जी पायेंगे। राष्ट्रपति ने शिक्षार्थियों को सलाह दी कि वे हमेशा उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास करते रहें।

उन्होंने कहा कि जब भी संकट की घड़ी आये, तो समाधान खोजने पर विचार करें और उसे अवसर की तरह समझें। इससे उनके व्यक्तित्व का विकास होगा।

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स्वस्थ मन, स्वस्थ घर

सभी 1.56 लाख आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर हर महीने की 14 तारीख को स्वास्थ्य मेलों का किया जाएगा आयोजन

शारीरिक और मानसिक कल्याण और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सभी 1.56 लाख आयुष्मान भारत -एचडब्ल्यूसी और एलएचएमसी, नई दिल्ली में कल साइकिल कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे

साइकिल चलाना हमारे शरीर को स्वस्थ, फिट और सक्रिय रखने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है: डॉ मनसुख मंडाविया

“चाहे दूरी कम तय करें या ज्यादा, थोड़े समय के लिए चलाएं या अधिक के लिए, लेकिन साइकिल अवश्य चलाएं!”
स्वस्थ जीवन के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए पिछले साल शुरू किए गए “स्वस्थ मन, स्वस्थ घर” अभियान के तहत, देश भर में 1.56 लाख आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों में हर महीने की 14 तारीख को स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया जाएगा। 
इन देशव्यापी स्वास्थ्य मेलों के अंतर्गत योग, जुम्बा, टेलीकंसल्टेशन, निक्षय पोषण अभियान, गैर-संचारी रोग स्क्रीनिंग और दवा वितरण, सिकल सेल रोग स्क्रीनिंग जैसी गतिविधियां की जाएंगी।

इसके साथ ही, 14 फरवरी 2023 को सभी एबी-एचडब्ल्यूसी में साइक्लोथॉन, साइकिल रैली या साइकिल फॉर हेल्थ के रूप में एक साइकिल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा ताकि शारीरिक और मानसिक कल्याण और पर्यावरण के अनुकूल परिवहन के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जा सके।

दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में ‘साइकिल फॉर हेल्थ’ थीम के साथ एक साइक्लोथॉन का आयोजन किया जाएगा। अस्पताल परिसर में एक क्षेत्र को साइकिल स्टैंड के रूप में समर्पित किया जाएगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सभी नागरिकों से अपने नजदीकी एबी-एचडब्ल्यूसी में मेगा साइकिलिंग कार्यक्रम में भाग लेने का आग्रह किया।

“साइकिल चलाना हमारे शरीर को स्वस्थ, फिट और सक्रिय रखने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।“

डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा, ” चाहे दूरी कम तय करें या ज्यादा, थोड़े समय के लिए चलाएं या अधिक के लिए, लेकिन साइकिल अवश्य चलाएं!”

“स्वस्थ मन, स्वस्थ घर” नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023 तक चलने वाला एक साल का अभियान है। यह ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ (एकेएएम) मनाने के लिए स्वास्थ्य और कल्याण के विषय को बढ़ावा देगा।
यह नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, 2017 के अनुरूप है जो निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य देखभाल और फिट इंडिया मूवमेंट, 2019 पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य फिटनेस और स्वस्थ जीवन को हमारे दैनिक जीवन का एक अभिन्न अंग बनाना है।

– AnjNewsMedia 

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