सूखे की घोषणा कब होगी

बहुत हुआ सुखाड़ की समीक्षा, ऊब गए किसान

मुख्यमंत्री सिर्फ सुखाड़, सुखाड़ जप रहे परंतु सुखाड़ की घोषणा नहीं कर रहे

गया : राष्ट्रीय समता पार्टी, सेकुलर के युवा समता मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चितरंजन कुमार चिंटू ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक सुखाड़ की समीक्षा ही किये चल रहे हैं। पूरी तरह से सुखाड़ हो चुका है, पानी के अभाव में किसान धान की रोपनी नहीं कर पाए हैं। सूखे से किसान त्रस्त हैं, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक सुखाड़ के समीक्षे में लगे हैं।
खेतों  के सुखाड़ निहारते युवा नेता चितरंजन 
गया में सीएम नीतीश ने दो बार सुखाड़ पर समीक्षा किया फिर भी सुखाड़ की घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं कर रहे हैं। उनके मन में किसानों के प्रति खोट है। यही वजह है कि सुखाड़ की घोषणा नहीं कर रहे हैं। किसानों के खेत सूखे पड़े हैं, धान का बिचड़ा नष्ट हो चुका है। अब किसानों के लिए बचा हीं किया है। खेत विरान सा है, किसान सूखे से त्रस्त हैं। मौसम के मार से मुख्यमंत्री निपटने में अक्षम साबित हो रहे हैं। बारिश का मुख्य मौसम सावन निकल गया, भादो भी अब निकलने वाला है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की भीषण सुखाड़ में अकाल की छाया झलकती है। उन्होंने कहा नीतीश सरकार किसान विरोधि सरकार है।
सुखाड़ का समीक्षा करते मुखयमंत्री नीतीश कुमार 
वे किसानों की हित की विशेष चिंता नहीं करते। क्योंकि वे अवसरवादी हैं। मुख्यमंत्री सिर्फ सुखाड़, सुखाड़ जप रहे हैं, परंतु सुखाड़ की घोषणा नहीं कर रहे हैं। किसानों के प्रति उनके मन में खोट झलकती है। सुखाड़ की घोषणा नहीं करना, बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा किया है। उसने कहा केवल सुखाड़ की समीक्षा का खेल कब तक चलेगा ? जबकि सुखाड़ की विकराल स्थिति से किसान पूरी तरह से त्रस्त हैं। किसानों को अब सुखाड़ की सुविधा देने का वक़्त है, ना की समीक्षा का।
युवानेता चितरंजन ने कहा सुखाड़ की घोषणा करें सीएम नीतीश 
सुखाड़ प्रभावित किसानों को सुखाड़ की सुविधा देने से क़तरा रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार। सुखाड़ की समीक्षा बहुत हुआ परंतु सुखाड़ की घोषणा कब होगी। उन्होंने कहा कि मौसम की तरह ही किसानों को दगा दे रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश। सिर्फ उच्चस्तरीय  समीक्षा करने से काम नहीं चलेगा। धरातल पर सुखाड़ हीं नहीं, भयंकर सुखाड़ है। सरकार की समीक्षा से ऊब गए हैं किसान।
अशोक कुमार अंज, लेखक- फ़िल्मी पत्रकारबाबू 

@ रिपोर्ट : अशोक कुमार अंज, लेखक- पत्रकार

पानी के अभाव में  ख़राब हुआ धान का बिचड़ा ! 
सुखाड़ की मार  

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