हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री ने किया देश का नाम रौशन
वर्ष- 2019 में कर्मवीर शिवू मिस्त्री को बड़ा सम्मान मिला है। उनका नाम ‘बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड
में स्थान पाया है। जिससे देश गौरवान्वित हुआ। गांव का लाल ने देश का मान बढ़ाया है। ऐसे महान कर्मवीर सपूत पर गर्व है। उन्होंने कहा नव वर्ष 2020 देशवासियों को शांति, सुख- समृद्धि, उन्नति तथा ख़ुशहाली देने वाला हो, सृष्टिकर्ता जगतपिता बाबा विश्वकर्मा से ऐसी कामना किये।
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शख्सीयत ! हैमर मैन शिवू मिस्त्री : वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स’ में नाम दर्ज प्रमाण पत्र के साथ |
ज्ञात हो हैमर मैन शिवू मिस्त्री ने दशरथ मांझी को 22 साल तक फ़्री छेनी- हथौड़ा दिये पहाड़ तोड़ कर आमजनों के लिए रास्ता बनाने के लिए। इस ऐतिहासिक साहसिक सेवा के लिए हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री का नाम वर्ष 2019 में हाई रेंज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है।
विदित हो हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री, गया जिले के वजीरगंज प्रखंड के दखिनगांव ग्राम के निवासी हैं। जो वजीरगंज बस पड़ाव के नज़दीक शिव कॉलोनी में रहते हैं। विदित हो उस ऐतिहासिक छेनी तथा हथौड़े को गया संग्रहालय में सुरक्षित रखा गया है।
उनकी इस उपलब्धि पर बिहार ही नहीं, भारत को गर्व है। गरीब दशरथ माँझी को 22 वर्ष तक नि: शुल्क छेनी- हथौड़ा देकर उनके हौसले में जान फूँकी, हैमर पुरूष शिवू। उनके दिए छेनी- हथौड़े के बल पर दशरथ माँझी ने पहाड़ का सिना चीर कर आमजनों के लिए 30 फीट का सुगम राह बनाई। जो अद्भुत है ही, ऐतिहासिक भी।
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शख्स : कर्मवीर हैमर मैन शिवू मिस्त्री समाजसेवी |
हैमर मैन हथौड़ा पुरूष शिवू मिस्त्री ने दशरथ माँझी को माऊंटेन मैन पर्वत पुरूष बना दिया। वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपने नाम का स्थान पा कर बेहद हर्षित हैं हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 से 1982 तक लगातार फ़्री में छेनी- हथौड़ा दिया पहाड़ तोड़ कर रास्ता बनाने के लिए। अगर हम छेनी- हथौड़ा नहीं देते तो दशरथ माँझी का सपना साकार नहीं हो पाता। उसने कहा कि मेरे पास रूपया- पैसा नहीं। मेरे पास फूटी कौड़ी भी नहीं है। तब मैं ने उसे भरोसा देते हुए कहा कि जाओ पहाड़ तोड़ो, जितना छेनी- हथौड़ा लगेगा, फ़्री दूँगा। इसी बात पर मैं उसे फ्री छेनी- हथौड़ा देता गया, और वह पहाड़ तोड़ता गया। आख़िरकार, पहाड़ तोड़ कर रास्ता बना कर ही उसने दम मारा। जो बड़ी उपलब्धि है।
इस तरह कर्मठ हैमर पुरूष शिवू ने हथौड़ा-छेनी देकर सामाजिकता के क्षेत्र में विशाल उपलब्धि हासिल की है। जो अनूठा है। उनके दिये हुए हथौड़ा- छेनी से दशरथ माँझी ने महज़ 22 वर्षो के अथक परिश्रम कर के 360 फुट लंबी, 30 फुट चौडी, तथा 25 फुट ऊंचे पहाड़ को काट कर अतरी प्रखंड और वजीरगंज प्रखंड की 65 कि०मी० की घुमावदार दूरी को घटा कर करीब 10 कि०मी० में बदल दिया। भाथी में तपा कर छेनी एवं हथौड़ा उन्होंने बना कर मुफ्त में दिया।
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हैमर मैन शिवू मिस्त्री ने दशरथ माँझी को माऊंटेन मैन बना दिया |
कर्मयोगी शिवू मिस्त्री ने औज़ार देकर गरीब दशरथ माँझी के हौसले को
बल दिया। श्री मिस्त्री के नि:शुल्क दिये गए हथौड़ा से पर्वत को चीर कर आमजनों के लिए दशरथ माँझी ने 30 फ़ुट का रास्ता बना दिया। श्री मिस्त्री के छेनी- हथौड़े के बल पर यह अविश्वसनीय, अकल्पनीय कार्य साकार हुआ। जो ऐतिहासिक रचना है।
बल दिया। श्री मिस्त्री के नि:शुल्क दिये गए हथौड़ा से पर्वत को चीर कर आमजनों के लिए दशरथ माँझी ने 30 फ़ुट का रास्ता बना दिया। श्री मिस्त्री के छेनी- हथौड़े के बल पर यह अविश्वसनीय, अकल्पनीय कार्य साकार हुआ। जो ऐतिहासिक रचना है।
हैमर पुरूष शिवू ने कहा वह मजबूत हौसले का प्रेरणादायी रास्ता है। जो समाजसेवा का अनोखा प्रतीक है। उन्होंने कहा मैं ने फ्री में छेनी- हथौड़ा देकर, दशरथ के टूटते सपने को बल दिया हीं, मजबूत हौसला भी। आगे श्री मिस्त्री ने बताया जब दशरथ ने कहा हमको पहाड़ तोड़ना है परंतु हमारे पास रूपया- पैसा नहीं है। मैं गरीबी से परेशान हूँ लेकिन पहाड़ तोड़ कर रास्ता बनाना है। मुझे छेनी- हथौड़ा चाहिए, पर्वत का सिना चीर कर रास्ता बनाना है। तब मैं ने कहा जाओ पहाड़ तोड़ो, जितना छेनी- हथौड़ा लगेगा, हम देंगे। तुम तोड़ो, हम फ्री हथौड़ा- छेनी देंगे। टूटे तो पहाड़ टूटे, हौसला नहीं टूटे। पूरे हौसले के साथ तोड़ो, हम तोड़ने के लिए औज़ार देंगे। मैं औज़ार देता गया और दशरथ पहाड़ तोड़ता गया। आख़िर, वह पहाड़ को तोड़ कर रास्ता बना कर हीं दम लिया। अब उस सुगम राह से लोग गुज़रते हैं। बड़ी खुशी होती है। वह मुश्किल भरा विकट रास्ता सुगम हुआ, आसान सा।
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पहाड़ तोड़कर रास्ता बनाने में हैमर पुरूष शिवू के छेनी- हथौड़ा का अहम योगदान |
पहाड़ तोड़ कर रास्ता बनाने में हैमर पुरूष शिवू मिस्त्री के छेनी- हथौड़ा का अहम योगदान रहा। हथौड़े के दम पर इतना बड़ा उपलब्धि पूर्ण कार्य संभव हुआ। जो असंभव था। लोहार समाज के शिवू मिस्त्री ने दशरथ माँझी को जो योगदान दिया। वह अतुलनीय है। लोहार समुदाय के सरताज हैं हैमर पुरूष शिवू। जिनकी ख्याति विश्व विख्यात है।
हैमर मैन श्री मिस्त्री समाज का आदर्श पुरूष हैं। लोग उनके समाजसेवी जज़्बे को सैल्यूट करते हैं।
ऐसा, समाजसेवी विरले कोई होता है। ऐसे, शख़्स हैं हथौड़ा पुरूष शिवू मिस्त्री। जिन पर देश को नाज है।
पुरूषोत्तम शिवू, गया, बिहार हीं नहीं, भारत का गहना हैं। कर्मठता के धनी हथौड़ा पुरूष श्री मिस्त्री का त्याग प्रेरणादायक है हीं, साहसिक भी। जो अटूट दोस्ती सहित वादा निभाते हुए सचे समाजसेवी का द्योतक हैं। सच, गाँव के गुदड़ी के लाल हैं हैमर मैन शिवू तथा माऊंटेन मैन दशरथ। बना पहचान, विश्व में बढ़ा शान ! ऐसे, विभूति से देश बन रहा महान।
लीक से जरा हट के, वे रचे श्रेष्ठ इतिहास। यही वजह है कि ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स’ में श्री मिस्त्री का नाम दर्ज हुआ।
अक्षरजीवी,
अशोक कुमार अंज, फिल्मी पत्रकारबाबू