0 thoughts on “मेरी कविता”

  1. गया- कुख्यात अपराधी पप्पु मांझी को पुलिस ने की गिरफ्तार. समकालिन अभियान के तहत जिले के विभिन्न थानों से ९३ वारंटी भी गिरफ्तार

    -अंज न्यूज, गया

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  2. गया- पवित्र रमजान का रोजा आज से आरंभ. मुस्लिम भाईयों में हर्ष. मस्जिदों में चहल- पहल. आगामी १८ जुलाई को ईद पर्व के साथ संपन्न होगा रमजान.

    पावन रमजान का महीना प्रारंभ. आज मस्जिदों में अकीदतमंदो ने रमजान का पहले जुमे की नमाज़ अदा की.

    वजीरगंज (गया)- अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव आगामी २१ जून को वजीरगंज कॉलेज में सुबह ६ बजे आयोजित होगा.

    – अंज न्यूज, गया

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  3. अंज की दो रचना:-
    पत्रकारों की दशा पर आधारित

    मगही गीत
    * हम ही पत्रकार *

    हम ही पत्रकार, तु ह नेताजी हमर
    तु सुरछित, हम्मर देह खा हे लहर

    की कहियो दरद, हमरा कहलो न जाय
    खबर से प्रीत, सोसन सहलो न जाय
    एसी मे चलऽ ह तु, हम रौदे दुपहर

    प्रेसो ! महिने- महिने, नै दे हो महिना
    खाली कहे के हो अखबार, चैनल नगिना
    भुखले- प्यासले, लिख भेजऽ ही खबर

    सभे संकट झुझैत, जुटावऽ ही समचार
    घर बैठले ! देखऽ ह टीबी, पढ़ऽ ह अखबार
    दुनियॉं मे खबर, खबर रहल हे सबर

    हम ही पत्रकार….
    तु सुरछित….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित.

    वजीरगंज, गया (बिहार)

    गीत
    * देश का पत्रकार *

    सुरक्षित नहीं है, देश का पत्रकार
    ऐसे में भी, पहल न करती सरकार

    देखो ! मुख्य धारा से जुड़ा, प्यारा पत्रकार
    देश-दुनियॉं, कस्बे का, वो देता समाचार
    जीवट कर्मयोगी, उपेक्षा का शिकार

    ना देखे ! जाड़ा, गर्मी, बरसात, सब कुछ झेलता
    जज्ब़ा ख़बर की, ख़बर वो लेता, ख़तरों से खेलता
    चिंतन गहरी, लेखनी है धारदार

    सदा अभावों में जीता, वो शेर की तरह
    वो कठोर ! ना देखे, कॉंटा बेर की तरह
    चौथा स्तम्भ हम, सूचना तंत्र शानदार

    सुरक्षित नहीं…
    ऐसे में भी….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  4. मेरे अपने साहित्यिक जीवन का ३० वां साल तथा पत्रकारिता जीवन का १५ वां साल है. निरंतर आप सब का स्नेह व आशिर्वाद मिलता रहे, यही कामना है…
    आपका,
    अशोक कुमार अंज
    आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित तथा मुख्यमंत्री से सम्मानित साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    वजीरगंज, गया, बिहार

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  5. आगामी २२ अगस्त को रिलीज होगी फिल्म 'मांझी द माउंटेन मैन'
    पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के साहसिक जीवन पर आधारित है फिल्म. फिल्म का निर्देशक हैं केतन मेहता- अंज

    पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के अटूट प्रेम और साहसिक जीवन पर आधारित गीत

    * ऐसा अटूट प्रेम *

    पत्नी फगुनी की, फूटा गगरी भाड़ रे
    तोड़ा श्री दशरथ मांझी, विशाल पहाड़ रे

    है तीन सौ साठ फीट लंबा, तीस फीट चौला
    उंचा है पच्चीस फीट, ए अजूबा दशरथ दौला
    बाइस साल तक तोड़ा, जवानी हाड़ रे

    जन्म तिथि चौदह जनवरी, उन्नीस सौ उन्तीस
    धन्य है गेहलौर गांव, शान दशरथ शीश
    ऐसा अटूट प्रेम, दिया पहाड़ फाड़ रे

    मात्र दो महिने में, पैदल पहूंचे दिल्ली
    सतयुग, द्वापर, त्रेता का, कबाड़े किल्ली
    गुदड़ी का लाल मांझी, विश्व में खाड़ रे

    पैस्ठ किलोमीटर दूरी कमा, वजीरगंज अतरी का
    धीर अकेला धुन का पक्का, देह गठिला छतरी का
    चट्टान पे चलाए मांझी, परिश्रम चाड़ रे

    पत्नी फगुनी की…
    तोड़ा श्री दशरथ…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष – ०९९३४७९९८३४

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  6. आगामी २२ अगस्त को रिलीज होगी फिल्म 'मांझी द माउंटेन मैन'
    पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के साहसिक जीवन पर आधारित है फिल्म. फिल्म का निर्देशक हैं केतन मेहता- अंज

    पर्वत पुरूष दशरथ मांझी के अटूट प्रेम और साहसिक जीवन पर आधारित गीत

    * ऐसा अटूट प्रेम *

    पत्नी फगुनी की, फूटा गगरी भाड़ रे
    तोड़ा श्री दशरथ मांझी, विशाल पहाड़ रे

    है तीन सौ साठ फीट लंबा, तीस फीट चौला
    उंचा है पच्चीस फीट, ए अजूबा दशरथ दौला
    बाइस साल तक तोड़ा, जवानी हाड़ रे

    जन्म तिथि चौदह जनवरी, उन्नीस सौ उन्तीस
    धन्य है गेहलौर गांव, शान दशरथ शीश
    ऐसा अटूट प्रेम, दिया पहाड़ फाड़ रे

    मात्र दो महिने में, पैदल पहूंचे दिल्ली
    सतयुग, द्वापर, त्रेता का, कबाड़े किल्ली
    गुदड़ी का लाल मांझी, विश्व में खाड़ रे

    पैस्ठ किलोमीटर दूरी कमा, वजीरगंज अतरी का
    धीर अकेला धुन का पक्का, देह गठिला छतरी का
    चट्टान पे चलाए मांझी, परिश्रम चाड़ रे

    पत्नी फगुनी की…
    तोड़ा श्री दशरथ…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष – ०९९३४७९९८३४

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  7. मगही गीत
    * लालु- नीतीस तगड़ा *

    देखऽ नीतीस के रगड़ा, लालु के झगड़ा
    फेर हो गेलन एक, लालु- नीतीस तगड़ा

    जदयु, राजद, कांग्रेस, सीपीआई जुटल
    हो गेल मजगुत आउ, जे गोड़ हल टुटल
    खतम भेल, सुसासन- कुसासन के रगड़ा

    पीएम मोदी हावा, चढ़ैले जीत के ताबा
    दम अप्पन-अप्पन, दुनु ठोकले जीत के दाबा
    जुट गेल नीति, समा गेल पिछड़ा- अगड़ा

    चुनाबी अखाड़ा मे, पहलमान देलक ताल
    के देत पटकनियां, केकर सता मालेमाल
    इ राजनीत, चुनाबी हावा बनल बगड़ा

    सीएम नीतीस के, लालु मानलन नेता
    एक्स-सीएम लालु- मुलायमे, नीति देता
    सीएम परतियासी नीतीस, ताल लगड़ा

    देखऽ….
    फेर….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभास- ०९९३४७९९८३४

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  8. * PRESS *
    Ashok Kumar Anj
    Tv Journalist & Writer
    Gaya (India)
    Available :- 09934799834
    With WhatsApp

    रूको मत ! अरी मेरी प्यारी कलम
    सताये अगर, भूख, चिंता या गम- अंज

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  9. मगही गीत

    # एसएसपी मनु #

    एसएसपी मनु के नाम सुन, थर कापै नक्सलिया
    भागै जान बचा, जंगले जंगल पुलिस चलै चलिया
    एसएसपी मनु…

    गया मे तुती बोलै, कड़र एसएसपी महाराज के
    भागल उगरबादी, थमल अपराध, समय राम-राज के
    कोय नै भय देखावय, निकालय बंधुक दु नलिया
    भागै जान बचा…
    एसएसपी मनु…

    नक्सली अपराधि के, धर-पकर अभियान चलैलन
    बड़हल मन नक्सलियन के, ओकरा चकनाचुर कैलन
    पैदले पैदल चल, ले हथि गाऊं जेबार के हलिया
    भागै जान बचा…
    एसएसपी मनु…

    हथियार फेक, जे उग्रबादी मुखधारा से जुड़य
    भटकल जीनगी सबारै प्रसासन, गुड़ नियन गुड़य
    बाल-बुतरून के पढ़बैतन, देलैतन सिछा छलिया
    भागै जान बचा…
    एसएसपी मनु…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    लेखक व टीवी पत्रकार
    आकाशवाणी-दूरदर्शन से अनुमोदित तथा मुख्यमंत्री से सम्मानित

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  10. गीत
    कमाल है सुशासन

    चहुं दिशा में उत्थान और शांति, कमाल है सुशासन का
    अपराधी जेल के सलाखों में, गया दौर कुशासन का

    धन्य हैं मुख्यमंत्री नीतीश जी, और वो विकसित सोंच
    प्रदेश में प्रगति का बढ़ता कदम, वो सृजनात्मक चोंच
    रिश्वतखोरों पर विजिलेंस हावी, अजूबा कड़क शासन का

    योजनाओं की लूट छूट में, डूबे थे सरकारी बाबू
    उस पे काबू पाए सीएम नीतीश, जो कलंक था बेकाबू
    वो बड़ा काम किए, नाम किए, ऐतिहासिक शान सिंहासन का

    बदला है रूप-रंग बिहार का, अब निगाह है उसी निखार पर
    चौंकते हैं निहार के, सुशासनी रंग में रंगा बिहार पर
    विकास पुरूष बहाये विकास गंगा, वो सच आश्वासन का

    सुन्दर और बेहतर बिहार का स्वप्न, आज साकार हो रहा
    गरीब, दलित, शोषित का हक, विभिन्नता में एकाकार हो रहा
    महिला आरक्षण ताज, गरीब मसीहा के संकल्पी भाषण का

    चहुं दिशा….
    अपराधी जेल….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित तथा मुख्यमंत्री से सम्मानित.

    वजीरगंज, गया (बिहार)

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  11. अंज की दो रचना :-

    गीत
    भूख बिलखती

    महंगाई और महंगी हुई, त्रस्त आम-अवाम
    भूख बिलखती, और रात चिंते में राम
    भूख बिलखती…
    दुखद महंगाई, दुख सुनाऊं, कौन सुनेगा
    सो जा भूखे पेट, यहां न कोई दर्द चुनेगा
    कैसे जुगाड़ हो रोटी का, महंगा दाम
    भूख बिलखती…
    कैसे लौटेगा वो दिन, राम- राज ऐसा
    यार ! सरकार लाचार, फिर आसार कैसा
    भरोसा टूटा, बीता सस्ती का तामझाम
    भूख बिलखती…
    क्या बताऊं ! नमक जुटाऊं तो रोटी की चिंता
    हरेक चीज की कीमत ऊंच्ची, चिंता ही चिंता
    तंगी में प्राण, रोकथाम का भी हो काम
    भूख बिलखती…
    महंगाई और महंगी…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    लेखक व टीवी पत्रकार
    आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित तथा मुख्यमंत्री से सम्मानित.

    वजीरगंज, गया (बिहार)

    मगही गीत
    * हम ही पत्रकार *

    हम ही पत्रकार, तु ह नेताजी हमर
    तु सुरछित, हम्मर देह खा हे लहर

    की कहियो दरद, हमरा कहलो न जाय
    खबर से प्रीत, सोसन सहलो न जाय
    एसी मे चलऽ ह तु, हम रौदे दुपहर

    प्रेसो ! महिने- महिने, नै दे हो महिना
    खाली कहे के हो अखबार, चैनल नगिना
    भुखले- प्यासले, लिख भेजऽ ही खबर

    सभे संकट झुझैत, जुटावऽ ही समचार
    घर बैठले ! देखऽ ह टीबी, पढ़ऽ ह अखबार
    दुनियॉं मे खबर, खबर रहल हे सबर

    हम ही पत्रकार….
    तु सुरछित….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित.

    वजीरगंज, गया (बिहार)

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  12. मगही गजल-
    * हम झेलैत ही *

    हम झेलैत ही, महगी के मार दीदी
    नेतन के चान्दी, सोना दिबार दीदी

    छबिस रूपइए लिटर, बिकय किरासन तेल
    गरिबगुरूअन के, घारा अन्धार दीदी

    कहां गेल जनबितरन, बिजिली के चकाचौंध
    के सुनै हम्मर, सगर कालाबाजार दीदी

    डिजल, पिटरोल, रसोई गैस के भाउ, छुए अकास
    हम सुखले टटायत, अइसन सरकार दीदी

    निमकवो नै जुटैत हे, सुखल रोटी पर
    भोटवे हल प्रीत, बाकी भ्रस्टाचार दीदी

    हाल बेहाल, तन उघार, मन भुखल उदास
    गदी मिलल, अउ बादा देलक बिसार दीदी

    नाम हे गरीब मसीहा, आउ काम सोसन
    हम्मर ललसा बन गेल, सुखल अचार दीदी

    बजट भेल एते महगा, की जनता डमाडोल
    कमर तोड़ बजट से तंग, सउंसे सन्सार दीदी

    हम झेलैत ही…
    नेतन के चान्दी….

    गजलकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभास- ०९९३४७९९८३४

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  13. मगही गजल
    * देहिया तरबतर *

    पतवा हिलय न डोलय, गर्मी बेसुमार
    देहिया तरबतर, चलइ पसेना के धार

    निकलइ भोरे-भोरे सुरूज, बन के अगिया
    हावा संग चलइ, लहर-लुक तपिस के लहर

    भीतरो मे सुखइ, मुंहमा के ओठवा
    खिरवा-तरबुजवा हकइ, ठंढक के बहार

    अम्मा के चटनियां करइ, हिरदा के सितल
    ककड़िया-ललमियां हइ, गर्मियां के इयार

    पतवा….
    देहिया…

    गजलकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)

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  14. मगही गीत
    * नेता कसलन लंगोटा *

    चुनाबी अखाड़ा तैयार, नेता कसलन लंगोटा
    कोय एने छितराल, कोय ओने, ऐसन कटल कोटा

    महगी मारल आम अदमी, निकालतन गोसा
    केकरो चिमड़, केकरो मिलतै सीट डोसा
    चुनाबी डुगडुगी बजतै, होतै भीड़ंत भोटा

    डरामा देख रहल सभे, टीबी अखबार मे
    खाली तमासा चकाचौंध, सता दरबार मे
    ऊहापोह भरल राजनीति, बन रहल गठबंधन जोटा

    नेतन मे गदी के गुदगुदी, चाही कुर्सी
    मलाय मारल कुर्सी मालेमाल, सता नुर्सी
    पोटापोटी चलल, कोय एकरा, कोय ओकरा पोटा

    चुनाबी अखाड़ा तैयार…
    कोय एने छितराल….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    आकाशवाणी व दूरदर्शन से अनुमोदित तथा मुख्यमंत्री से सम्मानित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  15. गीत
    * है अच्छे दिन *

    महंगाई ऐसी ! भूखे कटती रात, है अच्छे दिन
    मलाईदार सत्ता ! मलाय भात, है अच्छे दिन

    अच्छे दिन तो है ही, बूरे से बूरा दिन भी
    छाई हुई है भुखमरी, घुमते ऐसे में चीन भी
    क्या बताऊं ! दुख-दर्द भरी बात, है अच्छे दिन

    सत्ता की है ख्याल, परवाह जनता की नहीं
    ऐसी गंदी गंदगी, स्वच्छता छनता की नहीं
    रूखी- सूखी रोटी ! ना दाल- भात, है अच्छे दिन

    गंगाजल शुद्ध हो या ना, योजना बड़ी भारी
    आम- अवाम त्रस्त, ऐसे में फिर वोट की बारी
    थाली- खाली ! जुटे ना साग-भात, है अच्छे दिन

    महंगाई ऐसी…
    मलाईदार सत्ता…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  16. योग दिवस के पूर्व संध्या पर खास
    गीत
    * रहो तंदुरूस्त *

    योग कर बनाओ सेहत, रहो तंदुरूस्त
    भागे रोग-दुख, शरीर रहेगा दुरूस्त

    स्वत: निरोग होने का, अचूक तप तवा है
    अहले सुबह टहलो तू, दवा सी हवा है
    योग दवा से कम ना, तन-मन होता दुरूस्त

    सांसें शुद्ध से विशुद्ध, विकार निकले
    नस-नाड़ी हो सही, योग सितार निकले
    करो सुबहो शाम, योगाभ्यास एकमुस्त

    इक्कीस जून दो हजार पंद्रह, योग दिवस
    सदा प्रगति पथ पर बढ़े, कोई ना कहे बस
    काया हो चंगा, योग चले पुस्त-दर-पुस्त

    योग कर…
    भागे रोग….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  17. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर खास
    गीत
    * रहो तंदुरूस्त *

    योग कर बनाओ सेहत, रहो तंदुरूस्त
    भागे रोग-दुख, शरीर रहेगा दुरूस्त

    स्वत: निरोग होने का, अचूक तप तवा है
    अहले सुबह टहलो तू, दवा सी हवा है
    योग दवा से कम ना, तन-मन होता चुस्त

    सांसें शुद्ध से विशुद्ध, विकार निकले
    नस-नाड़ी हो सही, योग सितार निकले
    करो सुबहो शाम, योगाभ्यास एकमुस्त

    इक्कीस जून दो हजार पंद्रह, योग दिवस
    सदा प्रगति पथ पर बढ़े, कोई ना कहे बस
    काया हो चंगा, योग चले पुस्त-दर-पुस्त

    योग कर…
    भागे रोग….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  18. मगही गीत
    * खाय के आधा-कोना *

    देखऽ राज राजा के, महगा चावल दाल हे
    तइयो सरकार ठोकैत, ससती के ताल हे

    साग-सब्जी सभे बिकै महगा, सोना के भाउ
    बिकै अनाज, बिकै पनियां हीरा के भाउ
    भुखमरी समाल देसवा मे, बिगड़ चाल हे

    हहकार मचल सगरो, सभे तबाह हे
    दिन- दुखियन, महगी के गबाह हे
    दरकल धरती निअन, दरकल हमरो हाल हे

    खाय के आधा- कोना, चिरईं निअन चुनकऽ हे
    कइसे के खइयो, भुखले बुतरू ठुनकऽ हे
    मिलै नै मलाय ! खाय रूखा, सटकल गाल हे

    देखऽ राज….
    तइयो सरकार….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  19. गीत
    * वाह नेता जी *

    आरोप- प्रत्यारोप में गुजरे वक्त़, वाह नेता जी
    विकास हो या ना ! राजपाट चले, चलो देता जी

    कार्यकर्ताओं के बल पर, है उनका बल्ले- बल्ले
    बने आलीशान भवन, दोतल्ला, तल्ले- तल्ले
    खेल कुर्ता का ! देते नहीं, लेते चलो, लेता जी

    जाति बांटे, बांटे अमीरी-गरीबी ! खेल वोट का
    सिंहासन ले तोड़- जोड़ ! चले सब कुछ, खेल नोट का
    दाव- पेंच भीड़ा लो ! खरीद लो, अवैधो खेता जी

    सत्ता है दांव पर, नेता जुबानी नाव पर
    बने या बिगड़े, आरोप- प्रत्यारोप ताव पर
    वो झगड़ा ना ! खाली रगड़ा, है सब का चहेता जी

    आरोप….
    विकास…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  20. गीत
    * फेसबुक बेजोड़ *

    फेसबुक बेजोड़, इससे जुड़ा है संसार
    ये अद्भूत संचार माध्यम, सूचना का सार

    विश्व के लोगों का, भरोसेमंद फेसबुक
    सुंदर, सुखद स्वप्नों को, देता आउट- लूक
    सशक्त सोशल मीडिया, बड़ा व्यापक दमदार

    कार्टून, व्यंग्य, प्यार, ये इजहार का जरिया
    है ऑन ! सुबह-शाम-रात, दिन-दुपहरिया
    ये दुनियां की शान, खूबसूरत शानदार

    लोग करते साझा, लाइक, देते टिप्पणी
    ए ख़जाना ज्ञान का, चित्र-विचित्र अनूठा मनी
    न्यूज फीड पर आलेख, न्यूज ! बने जानदार

    फेसबुक…
    ये अद्भूत…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  21. गया- बेलागंज चाकंद में भाजपा का कार्यकर्ता सम्मेलन. केन्द्रीय मंत्री रामकृपाल समेत वरीय नेता भी करेगें शिरकत.

    – अंज न्यूज, गया

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  22. गया:- आसमान में बादल उमड़ता- घुमड़ता, बारिश की उम्मीद. छायी बादल- बही हवा मौसम सुहाना, आमजनों को गर्मी से मिली राहत

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  23. अंज की दो रचना::-
    १-: लोहार :-
    २-: लोहार के सुतल भाग जगल :-

    १- मगही गीत
    * लोहार *

    लोहारे हे देसवा के, सान बबुआ
    हम बतावइत हि, अप्पन कृति महान बबुआ

    हथौड़ी के मार से, लोहा थर-थर कापे
    हसुआ-पसनी, फार- कुदार, सभे छापे
    पेठावऽ हथी समचारे, गियान बबुआ

    बिसकरमा पुजा करइ, हिन्दु, मुस्लिम, सिख, इसाई
    सुइया से जहाज तक, बनइलक लोहार भाई
    जग के देलक प्रान, ई महापरान बबुआ

    हथवा के हुनर रचलक, सोने जैसन लंका
    नल-नील बांधलक बांध, रामे बजैलक डंका
    भगवन ले बनल, पुसपक बिमान बबुआ

    रचलन सृस्टि, आउ चमाचम तलबार बिनासी
    एहे दु रूप मे हे, बिसकरमा अबिनासी
    देउतन के देलन, त्रिसुल- बान बबुआ

    लोहारे हे…
    हम बतावइत…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

    २- मगही गीत
    * लोहार के सुतल भाग जगल *

    सुजन के स्वागत मे, बर्सइ सरधा सुमनमा
    बारबार स्वागत करैत, झुमैत हे मनमा

    लोहार बनल अनुसुचित जन-जाति, सीएम के मोहर लगल
    मुख्यमंत्री नीतीस कुमार जगैलन, हम्मर सुतल भाग जगल
    चहचह चहक रहल हे, लोहार मधुवनमा

    सरसती के बीना देलक, सिब के देलक तिरसुल
    दुर्गा के कटार देलक, बिस्नु के देलक चक्र मुल
    बिसकरमे उपकार, बनलइ सुर-तनमा

    धरती के सिंगार हे, फारे-कुदारवा
    देसवा के गौरब हे, एहे लोहारवा
    बिन हसुआ, कइसे काटवऽ गेहूँ- धनमा

    सभे काम मे आगु, लोहार के एक्के चोटवा
    सृस्टि हमरे देनवा, कला, ज्ञान- बिज्ञान, लोटवा
    जनम- मरन के सान हे, जान ले ललनमा

    सुजन के स्वागत…
    बारबार…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  24. मगही गीत
    * बदरा बरस जरी *

    गरमी उमस भरल, बदरा बरस जरी
    हम्मर सुखल खेता, हो जैतय तरी

    सुखाड़- दहाड़ छोड़, समान भेख के
    जी हुलसैय, निमन समैयॉं देख के
    बदरा दे दे जल, बरखै बरखा परी

    अदरा मे बदरा, बरखै जी झार के
    खेत भेल चभचभ, मोरी सुतार के
    धरती तीतल, मन सीतल, झमझम झरी

    भरल पानी, आरी- पगारी तोड़ के
    मोरी रोपाय, खेतेखेत जोड़ के
    मरै नञ मोरी, बनल रहै हरियर हरी

    गरमी उमस…
    हम्मर सुखल…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  25. मगही गीत
    * बदरा बरस जरी *

    गरमी उमस भरल, बदरा बरस जरी
    हम्मर सुखल खेता, हो जैतय तरी

    सुखाड़- दहाड़ छोड़, समान भेख के
    जी हुलसैय, निमन समैयॉं देख के
    बदरा दे दे जल, बरखै बरखा परी

    अदरा मे बदरा, बरखै जी झार के
    खेत भेल चभचभ, मोरी सुतार के
    धरती तीतल, मन सीतल, झमझम झरी

    भरल पानी, आरी- पगारी तोड़ के
    मोरी रोपाय, खेतेखेत जोड़ के
    मरै नञ मोरी, बनल रहै हरियर हरी

    गरमी उमस…
    हम्मर सुखल…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
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  26. मगही गीत
    * बरसै बेहिसाब *

    सुतरल समैयॉं, होतै निमन उपज धान के
    झमझम झमकै पनियां, खिलल सिना किसान के

    दहाड़ झेलनूं, झेलनूं सुखाड़ के मार
    मरै नै धाना, बदरा दे जल के बौछार
    खेता मोरी हरियैलय, हरियरी तान के

    एने बरसै, ओने गरजै, बरसै बेहिसाब
    धाने के धन से, हम्मर बौआ पड़हय किताब
    रोपै- रोपावय, एक्केएक मोरी बान के

    सामन- भादो के किचकिच खेता, धान खिलै
    मजुर- किसैनी नितराय, बलिया लहलह हिलै
    हीरा- मोती उगलै धान, महगी फान के

    सुतरल समैयॉं…
    झमझम झमकै…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
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  27. मगही गीत
    *पटवाटोली इंजीनीयर*

    जिला गया के पटवाटोली, बड़ महान
    इंजीनीयर बनल लड़कन, बिहार के सान

    दिनेरात मेहनत, हे पड़हय- पड़हावय के जिमा
    उ पटवाय बड़हैलक, देसवा के गौरब- गरीमा
    गरिब बुनकर लड़कन, बड़ परतिभाबान

    गरीबी झेलैत पड़हलक, कैलक बड़का कमाल
    पटवा बुतरूअन, इंजीनियरिंग मे मचैलक धमाल
    आइआइटियन बाबु, पटवन के तान

    बड़हैलक मान-समान, मानपुर पटवाटोली के
    बनल पहचान, पटवाटोला इंजीनीयर टोली के
    अठारह बबुअन, जेईई एडभांस चान

    जिला गया…
    इंजीनीयर…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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  28. मगही गीत
    *पटवाटोली इंजीनीयर*

    जिला गया के पटवाटोली, बड़ महान
    इंजीनीयर बनल लड़कन, बिहार के सान

    दिनेरात मेहनत, हे पड़हय- पड़हावय के जिमा
    उ पटवाय बड़हैलक, देसवा के गौरब- गरीमा
    गरिब बुनकर लड़कन, बड़ परतिभाबान

    गरीबी झेलैत पड़हलक, कैलक बड़का कमाल
    पटवा बुतरूअन, इंजीनियरिंग मे मचैलक धमाल
    आइआइटियन बाबु, पटवन के तान

    बड़हैलक मान-समान, मानपुर पटवाटोली के
    बनल पहचान, पटवाटोला इंजीनीयर टोली के
    अठारह बबुअन, जेईई एडभांस चान

    हाड़-तोड़ पड़हय लइकी, बनावै नै भाजी
    लइका- लइकी दुनु, सिछा मे मारै बाजी
    सन उनीस सो बानबे, एगो उगल भान

    जिला गया…
    इंजीनीयर…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
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  29. मगही गीत
    * मोदी के गोदी *

    मोदी के गोदी मे, देसवा बिहसै
    उ रसे-रसे, चहुमुखी उथान रसै

    गरीबी देखलन, रूखा-सुखा खैलन
    सहलन बड़ उठापटक, तब ताज पैलन
    दिनेरात सोच, सपना सबरैय बसै

    बड़ बिसम समय झेललन, चाहो बेचलन
    मोदी मुख्यमंत्री से, प्रधानमंत्री बनलन
    सजल-सबरल देसवा, मुसकाय हसै

    मोदी-मोदी गुंज, नरेन्द्र मोदी गुंजय
    योजना के तबल ताबा, उ बिकास भुंजय
    बनै योजना अउ नीती, नकेल कसै

    प्रधानमंत्री, दामोदर दास नरेन्द्र मोदी
    चकाचक देस, न्याय, सुरछा खेलय गोदी
    पुरोधा राजनीती के, नीति घसै

    मोदी के गोदी….
    उ रसे-रसे……

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
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  30. मगही गीत
    * मोदी जी रेडियों से *

    मोदी जी रेडियों से, करऽहथी मन के बतिया
    बिकास के बतिया सुन के, खील जाहय छतिया

    आवऽ बैठऽ सभे, प्रधानमंत्री के सुनऽ बानी
    दिली से करैत हे परसारन, अकासबानी
    योजना देस उथान के, लगलय हरियर भतिया

    रछा, सुरछा, आपदा, सभे मिलल जनकारी
    धन्धा बड़हइतन, मेटैतन बेरोजगारी
    डर-भय भागल सभे, सुन्नर बीतय दिन- रतिया

    सुचना तंत्र बड़ मजगुत, बजैत हे बाजा
    देसबसियन ले बोलऽहथी, देस के राजा
    सुन के सब जान गेलिय, फिर गेल हम्मर मतिया

    बनत मेक इन इंडिया, अस्मार्ट सिटी बनबैतन
    हे आस ! रोजगार बड़हैतन, महगी घटैतन
    सुनलूं ! बाजा मे बतिया, लिख भेजवय पतिया

    मोदी जी रेडियों से…
    बिकास के बतिया….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
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  31. मगही गीत
    * फिलिमियां बन गेल *

    मान्झी दी माऊन्टेन मैन, फिलिमियां बन गेल
    बाइस अगस्त के रिलिज होतय, मन गदगद भेल

    तोहर तागत अउ परेम अमोल, जइ बाबा
    पत्नी ले परबत तोड़लऽ दिलखोल, जइ बाबा
    बाबा ! लगऽही गोड़, सुरू होत फिलिमियां खेल

    बाइस बछर तोड़लऽ पहाड़, उ बड़का कीरतिमान
    धुन के हलऽ पका, तागत जइसे बीर हलुमान
    अजगुत मेहनत पर, हम्मर फिलिमियां गुलेल

    डाइरेकटर हथ केतन मेहता, परडुसर दीपा साही
    अजी ! रचइता अंज ओकरे मे, देखऽ सिनेमा परबत ढाही
    तोहरे तोड़ल परबत, हिरदा मे गेल हेल

    हीरो हथ नबाजुदीन सिधकी, हिरोइन राधिका एप्टे
    परबत पुरूस दसरथ मान्झी, प्रीत चासनी मे लेपटे
    गया गेहलौर मे, फिलिमियां फिलमाबल बेल

    मान्झी दी माऊन्टेन मैन…
    बाइस अगस्त के रिलिज…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
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    इ फिलिम २२ अगस्त २०१५ के रिलिज होतय.
    परबत पुरूस बाबा दसरथ मान्झी के जीबन पर अधारित हे फिलिम- मान्झी द माऊन्टेन मैन. जरूरे देखिहऽ…बादा रहल

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  32. मगही गीत
    * धनरोपा *

    खेता मे अकुर गेल, धाना के दाना
    हे लहलह मोरी, पोखताल होत धाना

    हर-बैल चलै धकाधक, मजुर जोतै खेता
    लंगोटी बाला कमाय, धोती बाला नेता
    धनरोपा के, बुना गेल ताना-बाना

    रसे-रसे जमान हो गेल, धनमा के मोरिया
    कादो से चभचभ खेता, तइयार हय गोरिया
    धनमा मे मोरिया के, निखरलैय ताना

    मोरी रोपै ले तइयार, किसनमा कसै कमर
    कादो-पानी बनल हल्फा, रोपनी रोपै हमर
    अरिया पर बिहँसै किसनमा, गावै गाना

    खेता मे अकुर गेल…
    हे लहलह मोरी…

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
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    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

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  33. मगही गीत
    * रोकतै के भरस्टाचार *

    जनता जागवे नै करतै, की करतै सरकार
    भर गेल नली अउ नाला, कइसे होतय सकार

    पुल-पुलिया, कोलनी दरकल, दरक गेल सड़किया
    कमिसनखोरी मारल बिकास, झरक गेल सड़किया
    मिलजुल नै रोकवै, रोकतै के भरस्टाचार

    सरकार तोहरे भोट पर, तारनहार तु
    सता बीस के पोटरी, समता के धार तु
    कोय देवे नै करतै घुस, हो जैतै लचार

    जनता से मजगुत नै कोय, तइयो कमजोर
    बल तोहरो हाथ मे, तु हुँ पकड़ऽ घुसखोर
    जनते हे सरबोपरि, बड़जेठ बड़का सरदार

    जाग जैतै जनता, रूक जैतै घुसखोरी
    केकर मजाल ले लेतै, रूपइया गोरी
    आवऽ हे भोट मागे छोट, जनते के दरबार

    जनता जागवे ….
    भर गेल नली….

    गीतकार,
    अशोक कुमार अंज
    साहित्यकार व टीवी पत्रकार
    मुख्यमंत्री से सम्मानित तथा आकाशवाणी- दूरदर्शन से अनुमोदित

    वजीरगंज, गया (बिहार)
    चलितभाष- ०९९३४७९९८३४

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