80 विधायकों वाली राजद पार्टी ! बिहार में खेल सकती है राजनैतिक खेल
AIMIM के 4 विधायक थामे RJD का दामन
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विधायकों के इज़ाफ़े से राजद का बलेबले |
बिहार सूबे : बिहार में AIMIM राजनैतिक पार्टी टूटी। उनके 5 विधायकों में से 4 विधायक RJD का थामे दामन। 80 विधायकों वाली RJD बना बड़ा दल। राजद में खुशी की लहर। बिहार विधानसभा के प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने की गर्मजोशी के साथ उनका स्वागत। दल के दामन थामने वाले उन विधायकों का मुँह मिठा भी कराई। विधायकों के इज़ाफ़े से राजद का हुआ बलेबले।
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स्वयं समर्थित विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को सौंपा अपना समर्थन पत्र |
प्रतिपक्ष युवा नेता तेजस्वी यादव ने राजद में स्वयं समर्थित विधायकों शाहनवाज, इजहार, अंजार नाइयनी और सैयद रुकूंदीन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के चैंबर में पहुंचे। स्वयं समर्थित विधायकों ने उन्हें अपना समर्थन पत्र सौंपे। इस तरह टूट कर बिखरा ओवैसी की पार्टी। इसका कुछ खास असर राजनीती प् पड़ सकती है। वह वक़्त बताएगा।
सरकार बनाने के लिए 122 विधायकों का समर्थन की जरूरत है। फिलवक्त, NDA के पास 127 विधायक हैं। जबकि BJP के पास (77 MLA) और JDU का पास (45 MLA) है। कुल मिलाकर 122 MLA हैं।
जबकि जीतनराम मांझी की पार्टी HAM के 4 तथा एक निर्दलीय विधायक का समर्थन सरकार के पास है। यदि वे अपना समर्थन वापस भी ले लेते हैं तब भी सरकार सुरक्षित है।
बिहार में शानदार प्रदर्शन करने वाली ओवैसी की पार्टी टूट कर बिखर गई। AIMIM ने अमौर, कोचाधाम, जोकीहाट, बायसी और बहादुरगंज विधानसभा सीट पर जीती थी।
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राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिले समर्थन देने वाले विधायकगण साथ में है प्रतिपक्ष युवा नेता तेजस्वी यादव |
जाहिर हो विधानसभा चुनाव में RJD 75 सीटें जीती थी। वहीं, बोचहा उपचुनाव में एक सीट जीती थी। तब कुल मिलाकर RJD की 76 सीट हुई थी। अब ओवैसी की पार्टी के टूटे हुए चार विधायक के मिल जाने से RJD की 76 सीट से इजाफा हो कर सीधे 80 सीट हो गई। जिससे RJD की ताकत और भी बढ़ गई है।
अपना समर्थन देने के बाद उक्त चारो विधायकों ने RJD Supremo लालू प्रसाद से मुलाकात की।
जाहिर हो बिहार NDA में अंदरूनी कलह है। उसी का परिणाम है कि JDU विधायकगण चल रहे मानसून सत्र के दूसरे दिन के सेशन में सदन में हाजिर नहीं हुए। जो सरकार की घोर नाराजगी को दर्शाती है। JDU एवं BJP के नेता एक- दूसरे पर हमला बोल रहे हैं। शिक्षा, अग्निपथ एवं जनसंख्या नियंत्रण कानून पर उलझ रहे हैं। मामला कुछ ना, कुछ गड़बड़ है। यही वजह है कि आनन-फानन में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को दिल्ली से पटना आना पड़ा। सत्ता के लिए बिहार में कभी भी कुछ उलट खेल हो सकती है। किसी की सिद्धांत पाक- साफ नहीं है। कभी भी करवट बदल सकती है, वक्त बताएगा।
➖AnjNewsMedia (ANM)