गया, 20 अगस्त 2023 (अंज न्यूज़ मीडिया) Chirag Paswan भारतीय युवा राजनीतिज्ञ हैं। जाहिर हो बिहार की पॉलिटिक्स में ऊहापोह की राजनीति सक्रीय है।
राजनैतिक ऊहापोह- 2023
Chirag Paswan ! 2023 चिराग पासवान:
Indian Politics – Bihari Politics – भारतीय राजनीति में बिहारी राजनीति

लोकसभा का चुनाव 2024 में होना है। जिसकी गर्मागर्म सुर्खियां तेज हो गई है। इसी सुर्खियां ने बने हैं युवानेता सह सांसद Chirag Paswan. जो खास कर पासवान समाज का लीडर माने जाते है। क्योंकि पासवान समाज में उनकी बड़ी पकड़ है। इसी वजह से Indian Politics में भी वे अपनी एक मजबूत स्थान रखते हैं। जो चर्चित है।
Chirag Paswan ! चिराग पासवान का चमकता राजनीति:
Caste in Indian Politics – भारतीय राजनीति में जातिगत पॉलिटिक्स का बड़ा महत्त्व
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वह 2014 से जमुई लोकसभा क्षेत्र से संसद सदस्य भी हैं। वे दिवंगत सांसद और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के बेटे हैं।
जाहिर हो Chirag Paswan का जन्म 31 अक्टूबर 1982 को पटना, बिहार में हुआ था। वह राम विलास पासवान और रीना पासवान की तीन संतानों में सबसे छोटे हैं। उनकी दो बड़ी बहनें पशुपति कुमारी पारस और लवली कुमारी हैं।
पासवान ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना से की और बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने किशोर नमित कपूर एक्टिंग स्कूल से एक्टिंग में डिप्लोमा भी किया है।
Chirag Paswan ने 2000 के दशक की शुरुआत में एक अभिनेता के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह कई हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में नजर आए। हालाँकि, उन्होंने राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2010 में अभिनय छोड़ दिया।
Chirag Paswan ने 2014 में राजनीति में प्रवेश किया। फिलवक्त, वे जमुई निर्वाचन क्षेत्र से 16 वीं लोकसभा के लिए चुने गए। वह 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए।

2019 में, अपने पिता की मृत्यु के बाद पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। वह पार्टी के अध्यक्ष का पद संभालने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति हैं।
Chirag Paswan बिहार के युवाओं के बीच एक लोकप्रिय व्यक्ति हैं। वह अपनी मुखरता और बिहार में सत्तारूढ़ दलों की आलोचना के लिए जाने जाते हैं। वह बिहार के विकास के भी प्रबल पक्षधर हैं।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में, Chirag Paswan की पार्टी ने अपने दम पर चुनाव लड़ा। उनकी पार्टी एक बड़ी पार्टी बनकर उभरी।
Chirag एक विवादास्पद लीडर हैं। राजनीति की शैली और सत्तारूढ़ दलों पर हमलों के लिए उनकी आलोचना की गई। हालाँकि, वह बिहार के युवाओं के बीच एक लोकप्रिय युवा नेता बने हुए हैं।
2019 में, Chirag Paswan लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के अध्यक्ष बने। 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी का नेतृत्व किया, लेकिन पार्टी को केवल 6 सीटों पर जीत मिली।
2020 में, Chirag Paswan का अपने चाचा पशुपति कुमार पारस, जो लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक थे। बाद में बड़ा राजनैतिक मतभेद हुआ। पारस और पांच अन्य सांसदों ने पासवान के खिलाफ बगावत कर दी और एलजेपी का नया गुट बना लिया। पासवान ने बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया।
2021 में, Chirag ने एलजेपी का नाम बदलकर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) कर दिया। उन्होंने 2021 का बिहार विधानसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन पार्टी को केवल एक सीट पर जीत मिली।

Chirag Paswan, पासवान समुदाय के बीच एक लोकप्रिय नेता हैं। जो बिहार में एक प्रमुख वोट बैंक है। वह अपने उग्र भाषणों और जनता से जुड़ने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।
हाल के वर्षों में, Chirag Paswan केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के आलोचक रहे हैं। उन्होंने सरकार पर गरीबों और वंचितों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
Chirag Paswan भारतीय राजनीति में एक उभरता हुआ सितारा हैं। उन्हें बिहार में NDA के भाजपा के साथ तालमेल हो गया है। अपनी 6 लोकसभा सीटों के लिए उनकी चुनौती है। वह सीटें बचा पाने की संभावित चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। यह देखने वाली बात होगी कि वह भविष्य में कैसा प्रदर्शन करेंगे।
NDA उन्हें कितनी सीटें देती है। यह राजनैतिक ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बिहार में उथलपुतल की राजनीति बनी हुई है। जो बेहद ही रोचक है। राजनैतिक दलों के नेता दावपेंच में भीड़े हुए हैं। सीट बंटवारे की ऊहापोह की स्थिति है।
लोकसभा भारतीय संसद का निचला सदन है और इसका चुनाव सीधे भारत की जनता द्वारा किया जाता है। इसमें 543 सदस्य हैं। जिनमें से प्रत्येक एक निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करता है। लोकसभा के पास कई महत्वपूर्ण शक्तियाँ हैं।
जिनमें शामिल हैं
- कानून पारित करना
बजट को मंजूरी
लोकसभा में मौजूदा राजनैतिक हालात इस प्रकार हैं
- भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 303 सीटों के साथ लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) 52 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है।
भाजपा के नेतृत्व वाले दलों के गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास 353 सीटें हैं।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले दलों के गठबंधन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के पास 93 सीटें हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है और और केंद्र में उनकी सरकार है। हालाँकि, कांग्रेस और यूपीए, भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को चुनौती देने के लिए एक गठबंधन INDIA बनाया है।
लोकसभा में अभी जिन मुख्य मुद्दों पर बहस हो रही है वे हैं
- अर्थव्यवस्था
किसानों का विरोध
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी)
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए)
आने वाले महीनों में लोकसभा राजनीति गतिविधियों का केंद्र बनने की उम्मीद है। क्योंकि विभिन्न दल सत्ता पर अपना दावा पेश करने की कोशिश करेंगे।
हाल के महीनों में लोकसभा में कुछ प्रमुख राजनीति घटनाक्रम इस प्रकार हैं

भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार को अर्थव्यवस्था को संभालने को लेकर आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। विकास दर धीमी हो गई है और बेरोजगारी बढ़ गई है।
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन एक साल से अधिक समय से चल रहा है।
सरकार किसानों के साथ गतिरोध तोड़ने में असमर्थ रही है। कश्मीर मुद्दा भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती रहा है। कश्मीर में स्थिति से निपटने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना की गई है।
एनआरसी और सीएए भी विवादास्पद मुद्दे रहे हैं। एनआरसी भारत के नागरिकों की एक सूची है। जबकि सीएए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए नागरिकता का मार्ग प्रदान करता है।
INDIA गठबंधन और NDA गठबंधन के बीच लोकसभा 2024 का होगा महा मुकाबला
बहुत ही जल्द लोकसभा 2024 का चुनाव होना है। अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर गर्मागर्म बहस और चर्चा होने की पूरी संभावना है। जाहिर हो INDIA गठबंधन और NDA के बीच लोकसभा 2024 का महा मुकाबला होगा। जो राजनैतिक रूप से काफी दिलचस्प होगा।