दिवंगत कर्मवीर पत्रकार सुनील
गया : सरल स्वाभावी, हँसमुख, मिलनसार, साहसी, कर्मठ टीवी पत्रकार सुनील नाग अचानक हम सब के बीच से चले गए। उनके जाने से पत्रकारिता जगत में अपूर्णीय क्षति हुई है, जिसका भर पाई संभव नहीं। इससे पूर्व वे ईटीवी में कई वर्ष तक निष्ठापूर्वक कार्य किये। विषम परिस्थिति में बुलंद हौसले के साथ पत्रकारिता किये। वे निर्भीक थे हीं, निडर भी। परंतु इसी दौर में उन्हें ईटीवी की पत्रकारिता से झटका लगी, जो दर्द दिया, मायूसी भी। गया में उनकी पहचान ऐसी थी कि सुनील नाग का मतलब ! ईटीवी वाले भइया। बड़ी निपुणता तथा बारीकी थी उनके छायांकन में, वैसा गुण विरले किसी में मिलता है। वे कितनों का आदर्श रहे और रहेगें। ब्रेन हेम्रेज बीमारी कर्मवीर पत्रकार सुनील नाग के लिए काल बन कर आया और वे उस काल के गाल में सदा के लिए समा गए। बस, देखते- देखते किया से किया हो गया। जो यक़ीन नहीं होता। उनके असामायिक निधन से पत्रकारिता जगत मर्माहत है। उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि व नमन।