कोरोना सुरक्षात्मक टीप्स
कोविड-19 जो कोरोना के नाम से जाना जाता है। यह एक नई बीमारी है जो कोविड-19 वायरस से होता है। पूरे संसार में यह दहशत उत्पन्न किए हुए है। इसके कारण एक ओर जहां कई लोगों की जान गई वहीं शिक्षा व्यवस्था अर्थव्यवस्था आदि भी पूर्णत: प्रभावित हुई है।
Vaccination अनिवार्य ! आप भी जरूर लें, स्वस्थ होगा india |
ऐसा माना जाता है कि चीन के बुहाना शहर में यह बीमारी सबसे पहले चमगादड़ से फैली। कुछ लोगों का मानना है कि चीन की प्रयोगशाला जिसमें वायरस पर प्रयोग किया जाता है; जो बुहाना शहर में स्थित है, वहीं से यह बीमारी संपूर्ण विश्व में फैली है।कोविड-19 वायरस, अलग-अलग लोगों को अलग-अलग तरह से प्रभावित करता है। संक्रमित हुए ज़्यादातर लोगों को थोड़े से लेकर मध्यम लक्षण तक की बीमारी होती है और वे अस्पताल में भर्ती हुए बिना ठीक हो जाते हैं।
आम लक्षण:
बुखार, सूखी खांसी, थकान,
कम पाए जाने वाले लक्ष्ण:
खुजली और दर्द, गले में खराश, दस्त, आँख आना, सरदर्द, स्वाद और गंध न पता चलना, त्वचा पर चकत्ते आना या हाथ या पैर की उंगलियों का रंग बदल जाना इत्यादि ।
अंततः इस बीमारी में सांस नली संक्रमण से व्यक्ति और समय काल के गाल में चला जाता है। यह बीमारी छींकने, खांसने, थूकने एवं स्पर्श से फैलती है; फलस्वरूप इसका प्रसार रोकना अति आवश्यक है।
Corona महामारी से बचना, सावधानी अपनाना ! जीवन ही जहान है |
इस बीमारी के प्रसार रोकने में बार-बार साबुन से हाथ धोना, मास्क लगाना, दस्ताने का प्रयोग करना, बाहर आने जाने पर स्नान करना, रोज वस्त्रों को साफ करना, स्वक्ष वस्त्र पहनना हाथ को सैनिटाइजर से साफ करना मददगार होता है। साथी साथ बाहर आना जाना कम करना हितकर होता है।
कोरोना वायरस की दवा अभी पूर्ण रुप से नहीं बनी है। संपूर्ण विश्व में इस बीमारी ने हाहाकार मचा रखा है। चीन स्पेन अमेरिका ब्रिटेन इटली ऑस्ट्रेलिया रूस इत्यादि देशों में भी इसके मरने वाले की संख्या अत्यधिक है। इसके दूसरे लहर में भारत में भी मरने वालों की संख्या बहुत अधिक है।
इस रोग का प्रसार अत्यधिक ना हो इसके लिए सरकार की तरफ से लॉकडाउन लगाना भी अधिक कारगर है जिससे इस बीमारी पर बहुत हद तक नियंत्रण पाया जा सका है। परंतु यह इसका समुचित तरीका नहीं है।
सभी जगह इसकी दवा की खोज के लिए शोध किए जा रहे हैं भारत में निर्मित दवा कोविशिल्ड की दो डोज लेने से इस रोग के होने की संभावना कम हो जाती है।
ऐसे तो यह बीमारी बहुत ही घातक है। परंतु इस महामारी के आने के कुछ फायदे भी हुए हैं। इसमें लोग अपने परिवार के साथ अधिक समय बिताए साथ ही साथ लॉकडाउन के कारण पर्यावरण प्रदूषण भी कम हुआ है।
ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस बीमारी की तीसरी लहर भी जल्द आने वाली है।
कोरोना (Coronavirus) महामारी से जल्द निजात मिलने की कोई संभावना नहीं है. सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि वायरस कहीं नहीं गया है और पीक के आगे भी आने की आशंका है. नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य डॉ. वी.के. पॉल (Dr V K Paul) ने कहा कि कोरोना फिर से खतरनाक रूप में सामने आ सकता है, इसलिए तैयारियों को तेज किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर अभी से ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि तीसरी लहर से बेहतर ढंग से निपटा जा सके।
तीसरी लहर आएगी। लेकिन कब आएगी इसकी कोई भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। इससे बचने का यही उपाय है कि अधिकतर लोगों तक वैक्सीन पहुंचा दी जाए। स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को इतना विकसित कर लिया जाए कि वह तीसरी लहर से होने वाले नुकसान को कम से कम कर सके।
सबसे जरूरी बात यही है कि कोरोना से अधिक मौतें इसलिए हो पा रही हैं क्योंकि बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत भारत में बहुत अधिक कमजोर है। अगर यह वायरस बहुत लंबे समय तक रहने वाला है तो इतने लंबे समय तक पूरे देश को बंद करके सबकी जिंदगी मरने के हालात में पहुंचाकर जिंदगी नहीं बचाई जा सकती है। वैक्सीन सब तक पहुंचा कर कोरोना पर काबू पाया जा सकता है। स्वास्थ्य सुविधाओं को बहुत बेहतर कर कोरोना से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
इसलिए अगर असल में सरकार को भारत के उन लोगों की चिंता है जो दो जून की रोटी दो जून मेहनत करके कमाते हैं तो वह यह न सोचे कि कोरोना से अपने आप निजात मिल जाएगी बल्कि यह सोचे कि कैसे भारत के हर शरीर को कोरोना से बचाने की क्षमता विकसित कर ली जाए।
नियमित व्यायाम प्राणायाम संतुलित आहार इस बीमारी से बहुत हद तक बचा सकते हैं। अपना मनोबल उच्च रखना भी इस बीमारी से बहुत हद तक निजात दिलाता है ।
जो व्यक्ति कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं और स्वस्थ हो गए हैं, उन्हें शारीरिक कमजोरी अंगों में दर्द आदि महसूस हो सकती है। ऐसे व्यक्तियों को संतुलित भोजन अवश्य करना चाहिए उन्हें अपने भोजन में फल सूखे मेवे अंकुरित अनाज सलाद इत्यादि अवश्य लेना चाहिए। और अपने मनोबल को ऊंचा रखना चाहिए। यदि मनोबल उच्च है तो बड़ी से बड़ी बीमारी भी आप को नुकसान नहीं पहुंचा सकती ।
लेखक,
आचार्य गोपालजी, बरबीघा, शेखपुरा
– Presentation By AnjNewsMedia
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