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Sports News : खेल मंत्रालय ने एथलीटों और टीम अधिकारियों के लिए भोजन और आवास के अधिकतम सीमा मानकों को 66 प्रतिशत तक बढ़ाया 

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Delhi : युवा मामले और खेल मंत्रालय (एमवाईएएस) ने भारतीय एथलीटों और टीम अधिकारियों के लिए भोजन और आवास की ऊपरी सीमा को 66 प्रतिशत तक संशोधित किया है।

Breaking News : यह राष्ट्रीय खेल परिसंघों (एनएसएफ) को मंत्रालय की सहायता योजना के तहत केवल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले एथलीटों और अधिकारियों के लिए है।

नए संशोधित नियम के तहत विदेश में स्वीकृत प्रतियोगिताओं के लिए यात्रा करने वाले खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ अब 250 डॉलर प्रतिदिन के हकदार होंगे जो पहले के 150 डॉलर प्रतिदिन के मानक से 66 प्रतिशत अधिक है।

यह संशोधन राष्ट्रीय खेल परिसंघों के अनुरोधों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि प्रतियोगिताओं की स्थानीय आयोजन समिति (एलओसी) द्वारा निर्धारित भोजन और आवास की दरें 150 डॉलर प्रति दिन की विद्यमान सीमा से अधिक हैं। भोजन और आवास के लिए ये मानक नवंबर 2015 में निर्धारित किए गए थे और इसे संशोधित किए हुए आठ वर्ष हो गए हैं।

भोजन और आवास की अधिकतम सीमा में वृद्धि के साथ, एनएसएफ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिस्पर्धा और देश का प्रतिनिधित्व करते समय एथलीटों के लिए उचित रूप से बेहतर आवास की व्यवस्था करने में सक्षम होंगे।

इसके अतिरिक्त, हाल के रुझानों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की स्थानीय आयोजन समितियां (एलओसी) भाग लेने वाली टीमों को केवल भोजन और आवास के बजाय एक पूर्ण आतिथ्य पैकेज प्रदान कर रही हैं जैसा कि पहले था।

इस पैकेज में भोजन, आवास, स्थानीय परिवहन और कुछ अवसरों पर प्रवेश शुल्क भी शामिल है। पैकेज की कुल लागत प्रति व्यक्ति प्रति दिन 150 डॉलर से बहुत अधिक है। इन कारणों से 2015 में निर्धारित भोजन और आवास मानकों की समीक्षा करना आवश्यक हो गया था।

नई दिल्ली : CBI (सीबीआई) ने बीएसएनएल के तत्कालीन जीएम, तत्कालीन डीजीएम, तत्कालीन एजीएम एवं अन्यों  सहित 21 कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया और लगभग 25 स्थानों पर तलाशी ली

सीबीआई ने बीएसएनएल, असम सर्किल, गुवाहाटी की शिकायत के आधार पर बीएसएनएल जोरहाट, सिबसागर,गुवाहाटी , आदि के तत्कालीन महाप्रबंधक, तत्कालीन उप महाप्रबंधक, तत्कालीन एजीएम, तत्कालीन मुख्य लेखा अधिकारी आदि सहित बीएसएनएल के 21 कर्मियों तथा निजी व्यक्ति सहित अन्यों  के विरुद्ध मामला दर्ज किया।  

ऐसा आरोप है कि लोक सेवकों ने ठेकेदार एवं अन्यों के साथ षड़यंत्र किया और इसके अनुसरण में, बीएसएनएल के साथ धोखाधड़ी की। आगे ऐसा आरोप है कि ठेकेदार को ओपन ट्रेंचिंग पद्धति के माध्यम से 90,000/- रु. प्रति किमी की दर से राष्ट्रीय ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क केबल बिछाने का कार्य आदेश दिया गया था। ऐसा भी आरोप है कि बाद में, ठेकेदार ने अनुबंध में राइट ऑफ वे, ईजमेंट क्लॉज के प्रावधान के बावजूद, खुली ट्रेंचिंग विधि को हॉरिजॉन्टल डायरेक्शनल ड्रिलिंग (Horizontal Directional Drilling, HDD) विधि (@ 2,30,000/- रु. प्रति  किमी) में परिवर्तित करने के लिए  निजी भूमि मालिकों आदि से नो राइट वे( No Right of way ) सहित अलग अलग तर्क दिए जिससे टेंडर क्लॉज का उल्लंघन हुआ एवं बीएसएनएल को 22 करोड़ रु. (लगभग) का नुकसान हुआ।

असम, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और हरियाणा राज्यों में स्थित आरोपियों के कार्यालयों एवं आवासीय परिसरों सहित आज 25 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिससे आपत्तिजनक सामान बरामद हुए।

इस मामले में जाँच जारी है।

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