DM GAYA- Monthly review of health department : सैंपल जाँच में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, होगी कार्रवाई : डीएम

स्वास्थ विभाग की मासिक समीक्षा


वजीरगंज, खिजरसराय, बोधगया, मोहनपुर, टेकारी, मानपुर, डोभी, फतेहपुर तथा शेरघाटी कोविड 19 के सैंपल जाँच रिपोर्ट में फिस्ड्डी, डीएम नाराज
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गया : जिला पदाधिकारी गया डॉ. त्यागराजन एसएम द्वारा आज समाहरणालय स्थित सभागार में स्वास्थ विभाग की मासिक समीक्षा बैठक की गई। बैठक में जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अनुमंडलीय अस्पताल समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हेल्थ मैनेजर सभी सीडीपीओ सहित अन्य चिकित्सक अपने-अपने प्रखंड में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे।

बैठक में जिला पदाधिकारी ने कहा कि कोविड-19 सैंपल जांच में वजीरगंज, खिजरसराय, बोधगया, मोहनपुर, टेकारी, मानपुर, डोभी, फतेहपुर तथा शेरघाटी का प्रगति 80% से कम है। साथ ही अतरी, बथानी, मोहड़ा, परैया, डुमरिया तथा बेला का कोविड-19 सैंपल जांच निर्धारित टारगेट के एवज में शत प्रतिशत पूर्ण कर रहा है। जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि कम प्रगति वाले अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी यह सुनिश्चित कराएं कि दिए गए टारगेट के विरुद्ध शत प्रतिशत सैंपल जांच हो। उन्होंने कहा कि विगत 3 दिनों से इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं रहने के कारण आरटी पीसीआर सैंपल जांच तथा रैपिड एंटीजन सैंपल जांच के बैकलॉग को 24 घंटे के अंदर डाटा एंट्री करवाना सुनिश्चित करें।

कोविड-19 टीकाकरण की समीक्षा के दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि घर-घर दस्तक अभियान के तहत 12 वर्ष से ऊपर वर्ग के आयु वाले वैसे व्यक्ति जो अब तक टीका नहीं लिए हैं वैसे लोगों को जागरूक करते हुए टीका देने का कार्य करें उन्होंने कहा कि आगामी 27 जून को जिले के विभिन्न अस्पतालों में कैंप के माध्यम से कोविड-19 टीका देने हेतु महा अभियान चलाया जाएगा।

एएनसी रजिस्ट्रेशन के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने अपने अपने क्षेत्र के सभी आशा को निर्देश दिए कि गर्भवती महिलाओं का सर्वे का कार्य गुणवत्ता पूर्ण करें तथा गर्भवती महिलाओं का एएनसी जांच नियमित रूप से करवाएं। उन्होंने कहा कि जिले में इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी की प्रगति कम है इसके लिए ग्रामीण स्तर पर और अधिक जागरूक एवं बढ़ावा देने की आवश्यकता है।

बैठक में बताया गया कि इमामगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पिछले 2 माह में मात्र 115 इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी हुए हैं, जो काफी खराब प्रगति है। जिला पदाधिकारी ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से पिछले 2 माह का प्रतिवेदन की मांग किए हैं कि कितने आशा द्वारा किन-किन पंचायतों अथवा टोला में गर्भवती महिलाओं को मोबिलाइज किया गया है। साथ ही उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी इमामगंज को निर्देश दिए कि इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी में खराब प्रगति को लेकर संबंधित आशा से स्पष्टीकरण की मांग करें।

टिकारी अनुमंडलीय अस्पताल के समीक्षा के दौरान बताया गया कि टिकारी अनुमंडलीय अस्पताल में सिजेरियन का कार्य काफी कम किए जाते हैं जबकि उक्त अस्पताल में सर्जन उपलब्ध है। जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिया कि सिविल सर्जन के आदेश के बावजूद यदि संबंधित सर्जन द्वारा सिजेरियन का कार्य में रुचि नहीं लिया जा रहा है तो संबंधित सर्जन से स्पष्टीकरण पूछते हुए उनका वेतन पर रोक लगाएं।

जे० ई०  टीकाकरण के समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने कहा कि वैसे प्रखंड या टोले जो अब तक प्रथम डोज या कैचअप डोज में छूटे हुए हैं, उन्हें अधिकतम 7 दिनों के अंदर वैक्सीनेशन का कार्य शत प्रतिशत पूर्ण कराने का निर्देश दिए।

दवा के समीक्षा के दौरान सिविल सर्जन गया द्वारा बताया गया कि जिले में किसी भी प्रकार की दवा की कोई कमी नहीं है यदि किसी स्वास्थ्य केंद्र में दवा की कमी है तो जिला मुख्यालय से दवा का उठाव कर ले।

श्रवण श्रुति की समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के तमाम पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि 0 से 6 साल के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र वार बच्चों का स्क्रीनिंग का कार्य तेजी से करावे। उन्होंने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को निर्देश दिया कि अपने अधीनस्थ सेविका सहायिका तथा अन्य कर्मियों से प्रतिदिन अचीवमेंट का समीक्षा करें। वर्तमान में छह प्रखंडों में श्रुति के तहत बच्चों का स्क्रीनिंग का कार्य प्रमुखता से किया जा रहा है, जिनमें बोधगया, शेरघाटी, टिकारी, खिजरसराय, बेलागंज तथा गया अर्बन शामिल है।

वंडर ऐप के समीक्षा के दौरान उन्होंने बताया कि मगध मेडिकल अस्पताल के चिकित्सकों, पारा मेडिकल स्टाफ, नर्स तथा अन्य कर्मियों को वंडर ऐप के तहत विस्तार से ट्रेनिंग दिया जा चुका है। इसके अनुरूप मगध मेडिकल अस्पताल में रेफर फैसिलिटी यूनिट चालू करवाने पर विचार विमर्श किया गया साथ ही उन्होंने कहा कि ऑपरेटर सहित कंप्यूटर सेट, डैशबोर्ड तथा रेफरल फैसिलिटी को स्थापित करते हुए मरीज को वंडर ऐप के माध्यम से ही रेफर किया जाए, ताकि कम समय में ही संबंधित मरीज की विस्तृत जानकारी रेफरल अस्पताल को मिल सके। साथ ही उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि एंटी शॉक गारमेंट्स (anti shock garments) की ट्रेनिंग सभी प्रखंडों के चिकित्सकों को करवाना सुनिश्चित करवाये।

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