DM reviews serious matters : डीएम ने की गंभीर मामलों की समीक्षा

गंभीर मामलों की समीक्षा

गया: जिला पदाधिकारी, गया डॉo त्यागराजन एस०एम० द्वारा गोपनीय कार्यालय प्रकोष्ठ में भूमि विवाद, खनन तथा कब्रिस्तान एवं मंदिर चहारदीवारी घेराबंदी से संबंधी मामलों की समीक्षा की गई।

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DM reviews serious matters. 

DM reviews serious matters : डीएम ने की गंभीर मामलों की समीक्षा, AnjNewsMedia
डीएम त्याग ने की गंभीर मामलों की गहन समीक्षा

बैठक में जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि अधिकतर विधि व्यवस्था संबंधी घटनाएं भूमि विवाद के कारण होती है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शानिवार को थाना परिसर में अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष के स्तर से भूमि विवाद से संबंधित मामलों का निष्पादन किया जा रहा है। उन्होंने अंचलाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को निदेश दिया कि भूमि विवाद के मामलों में गंभीरतापूर्वक सुनवाई करते हुए त्वरित निष्पादित करना सुनिश्चित करे। उन्होंने अपर समाहर्ता, राजस्व को निदेश दिया कि अंचलाधिकारियों द्वारा दाखिल खारिज संबंधी मामलों का तेजी से निष्पादन करवाना सुनिश्चित करे।

जिला पदाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निदेश दिया कि अनुमंडल स्तर पर भूमि विवाद की बैठक नियमित रूप से करें। साथ ही भूमि विवाद से संबंधित अद्यतन रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भूमि विवाद संबंधी मामलों के निष्पादन हेतु काफी गंभीर है, नियमित रूप से इसकी समीक्षा की जा रही है।

खनन विभाग की समीक्षा में जिला पदाधिकारी को खनन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि गृह विभाग द्वारा विशेष अभियान मई 2021 से चलाने का आदेश प्राप्त था, जिसके एवज में 422 प्राथमिकी दर्ज तथा 127 गिरफ्तारी एवं 38 लाख 21 हजार रुपये की वसूली की गई है। जनवरी, 2022 माह मे कुल 10 प्राथमिकी दर्ज किए जा चुके हैं। जिला पदाधिकारी ने जिला खनन पदाधिकारी को निदेश दिया कि कार्रवाई संबंधी मामले में तीव्रता लाना सुनिश्चित करें।

सीसीए की समीक्षा के दौरान बताया गया कि कुल 73 मामलों में सीसीए लगाए गए हैं। वर्तमान में कोई भी सीसीए का मामला लंबित नहीं है।

कब्रिस्तान घेराबंदी तथा मंदिर चहारदीवारी घेराबंदी की समीक्षा के दौरान जिला पदाधिकारी ने प्रभारी पदाधिकारी, ज़िला विकास शाखा को कब्रिस्तान घेराबंदी से संबंधित पूर्ण योजना एवं वर्तमान में चल रहे योजना के संबंध में प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही कार्यपालक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन 01 एवं 02 को कब्रिस्तान घेराबंदी कार्य में तेजी लाने को कहा।  

बैठक में अपर समाहर्ता राजस्व, सहायक आयुक्त, मद्य निषेध, खनन पदाधिकारी, जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी, ज़िला नजारत उप समाहर्त्ता सहित अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

वजीरगंज में आईपीएम पर दो दिवसीय प्रशिक्षण 

  • फसल सुरक्षा के छाते के चारों घटकों से खेती की घटेगी लागत और फसल होगी विष मुक्त
  • वजीरगंज प्रखण्ड के महुएत पंचायत के शंकरबिगहा ग्राम में दो दिवसीय आईपीएम प्रषिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारम्भ
  • भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का केन्द्रीय एकीकृत नाषीजीव प्रबंधन केन्द्र, पटना आयोजित कर रहा है प्रषिक्षण
  • 50 लाभार्थी किसानों एवं प्रसार कर्मियों को दिया जा रहा है प्रषिक्षण

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आईपीएम पर प्रशिक्षण

फसल में अनियंत्रित और असंतुलित कीटनाषकों और पौधा संरक्षण रसायनों के दुरोपयोग से खेती की लागत बढ़ती है, साथ ही पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य होता है प्रभावित- ये बातें अपने स्वागत संबोधन में भारत सरकार कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अधीन पटना में स्थापित केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केन्द्र, पटना के पौधा संरक्षण पदाधिकारी श्री सुनील सिंह ने वजीरगंज के महुएत पंचायत के शंकरबिगहा में आईपीएम पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कही। कार्यक्रम में वजीरगंज प्रखण्ड के अलग-अलग क्षेत्रों के किसान एवं प्रसार कर्मी भाग ले रहे है। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्जवलित कर किया गया। उद्घाटन के अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र, मानपुर के वैज्ञानिक डा॰ जाकिर हुसैन, कृषि विभाग के जिला परामर्षी श्री सुदामा सिंह, आत्मा, गया के उप परियोजना निदेशक श्री नीरज कुमार वर्मा उपस्थित थे।

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आईपीएम प्रशिक्षण उद्घाटन

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये श्री सुदामा सिंह ने बताया कि फसल सुरक्षा कार्यक्रम के छाते के चार घटक होते हैं, जिसमें पहला व्यावहारिक विधि, दूसरा यान्त्रिक विधि, तीसरा जैविक विधि और चैथा रसायनिक विधि हैं, उन्होने कहा कि इन चारो घटकों के समझदारीपूर्ण एवं संतुलित उपयोग से फसल की लागत भी घटती और पर्यावरण तथा मानव दोेनो सुरक्षित रहते हैं। 

आत्मा के उप परियोजना निदेशक श्री नीरज कुमार वर्मा ने गया में लगाये जाने वाली मुख्य फसलों धान, गेहूॅ, चना, मसूर, राई आदि में प्राकृतिक खेती के उपायों को अपनाकर कैसे किसान अपनी लागत को कम कर सकते और आय को बढ़ा सकते है इसकी जानकारी दिया। 

कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डा॰ जाकिर हुसैन ने जैविक तरीके से ट्राईकोडर्मा से बीज उपचार के तरीके का लाभ बताया। पटना से आये हुये श्री राजेश यादव ने बीजोपचार के तरीके का प्रदर्शन किया और कृषि पारिस्थितिकी तंत्र विश्लेषण के बारे में चर्चा करते हुये फसलों के मित्र कीट की उपयोगिता की जानकारी दिया। उन्होने खेत में मित्र कीट एवं शत्रु कीट की संख्या का आकलन करने के तरीके का प्रदर्शन किया और शत्रु कीट के नियंत्रण के लिये कीटनाषकों के संतुलित और सुरक्षित उपयोग को बताया। 

पटना से आये हुये श्री आरपीसिंह ने चूहों एवं दीमक के नियंत्रण की जानकारी दिया। उन्होने नीम तथा वनस्पति आधारित कीटनाशकों के प्रयोग के विषय में बताया। केन्द्र के एक अन्य विशेषज्ञ श्री एसपी साह द्वारा जैविक एवं यांत्रिक विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दिया गया। कार्यक्रम के दूसरे दिन कल क्षेत्र भ्रमण कर प्रायोगिक जानकारी दिया जायेगा। कार्यक्रम के प्रभारी पदाधिकारी श्री सुनील सिंह ने फसलों के निर्यात के लिये रसायनों के कम से कम उपयोग की जानकारी दिया। कार्यक्रम में श्री सुचित कुमार, श्री राम लखन सिंह, श्री त्रिवेणी सिंह सहित अन्य प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया।

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