G20 2023 | {G-20 के L-20 का शुभारंभ} | (G20 Patna, Bihar) | [G20 Today]- Anj News Media

  • G20 BIHAR : मानवीय मूल्यों पर देना होगा जोर: राज्यपाल
  • G20 PATNA : बिहार दुनिया को ज्ञान का मार्ग दिखा सकता है :Governor 

G20 2023 | {G-20 के L-20 का Governor ने किया  शुभारंभ} | (G20 Patna, Bihar) | [G20 Today]- Anj News Media

G20 PATNA, BIHAR G 20summit भारत में आयोजित G-20 के अंतर्गत एक प्रमुख कार्य समूह श्रम-20 (L-20) का 22 जून 2023 को बिहार की राजधानी पटना स्थित ज्ञान भवन में शुभारंभ बिहार के महामहिम 

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Governor राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर के कर कमलो से हुआ।

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G20 Meeting : इस अवसर पर Governor (राज्यपाल) राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने देशी और विदेशी प्रतिनिधि का स्वागत करते हुए कहा कि कहा कि मैं आज आप सभी को बिहार की धरती पर देखकर गौरवान्वित हूँ। 

G20 Nations : विश्व के 28 देशों के प्रतिनिधि यहाँ उपस्थित हैं।उन्होंने कहा कि  यह 75 प्रतिशत जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं। 

G 20 2023 : राज्यपाल ने कहा कि  बिहार का हज़ारों साल पुराना ऐतिहासिक गौरवशाली है। 

यह ज्ञान की धरती है, यहाँ स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में हज़ारो साल पहले विश्व के कोने-कोने से लोग ज्ञान अर्जित करने आते थे। वैशाली लोकतंत्र की जन्मभूमि है। 

G 20 : उन्होंने कहा कि आप अवसर मिले तो यहाँ अवश्य जाएं। राज्यपाल ने कहा की आज ज़रूरत मानवीय मूल्यों को महत्व देने की है। यदि मानवीय मूल्य से हम ओतप्रोत हो जाएं तो श्रम जगत ही नहीं पूरा सामाजिक व आर्थिक, राजनीतिक जीवन सुदृढ़ होगा।

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G20 economic : इस अवसर पर अपने संबोधन में L -20 के अध्यक्ष हिरणम्य पंड्या ने विश्व के अलग-अलग हिस्सों से आए श्रम जगत के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि “यह बिहार ही नहीं पूरे भारत और श्रम जगत से जुड़े प्रतिनिधियों के लिए गर्व का क्षण है कि श्रम-20 सिर्फ जी-20 के प्रतिनिधि देशों की आवाज़ नहीं बनेगी बल्कि हर उस देश और वर्ग की आवाज़ बनेगी और सुनाई देगी जो यहाँ उपस्थित नहीं हैं।

G20 Information : मौक़े पर इंडोनेशिया के प्रतिनिधि हरमेंटो अहमद ने कहा कि हमें आमंत्रित किया गया  इसके लिए आभारी हूँ। उन्होंने कहा कि  विश्व का अर्थतंत्र  हमारी अपेक्षाओं से कहीं अधिक तेजी से बदल रहा है। ऐसे में हमें संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए सामाजिक संवाद बढ़ाना होगा।

G20 Full Information : ब्राजील के प्रतिनिधि रूथ कोल्हो मोंटेरो ने  कहा कि दुनिया भर की सरकारें श्रमिक यूनियनों और उनके प्रस्तावों को प्राथमिकता से संज्ञान में ले रही हैं। सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक स्वतंत्रता आपस में अंतर्निहित हैं। उन्होंने कहा कि श्रम जगत में एकता आज सबसे बड़ी आवश्यकता है। 

ब्राजील में अगले साल आयोजित होने वाले G-20 के आयोजन के लिए आप सभी आमंत्रित हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि वहाँ हम एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के मंत्र को साकार करने की दिशा में एक कदम और बढ़गे।

सम्मेलन के तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की सचिव आरती आहूजा ने देश में सामाजिक सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा किए गए विभिन्न उपायों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा एक अधिकार है।

तकनीकी सत्र के दौरान योजना आयोग के पूर्व सदस्य अरुण मायरा ने रोजगार के बदलते स्वरूप की चर्चा करते हुए रोजगार तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का उल्लेख किया। वहीं, सऊदी अरब की प्रतिनिधि रीमा सालेह अल याहया ने सामाजिक सुरक्षा के वैश्विक परिदृश्य पर अपने विचार रखे।

तकनीकी सत्र के दौरान सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा और उससे जुड़े ड्राफ्ट पर हुई चर्चा : 

इस सत्र की शुरुआत में संतोष मेहरोत्रा ने सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा के वित्त पोषण की G-20 के संदर्भ में चर्चा की। उन्होंने इससे जुड़ा पावर पॉइंट प्रजेटेशन दिया। इसमें अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) के एजेंडा 102 की वर्तमान स्थिति का तुलनात्मक विश्लेषण किया। 

उन्होंने बताया कि समाजिक सुरक्षा के 9 क्षेत्र ILO द्वारा चिन्हित किए गए थे। इनमें चिकित्सा देखभाल, बीमारी, बेरोजगारी, वृद्धवस्था, रोजगार के दौरान दुर्घटना, पारिवारिक देखभाल, मातृत्व अवकाश, व उत्तरजीवीता प्रमुख है। उन्होंने प्रस्तुत अध्ययन में बताया कि वैश्विक कार्यबल के 61% (असंगठित क्षेत्र) लोगों को एक भी सामाजिक बीमा (SI) प्राप्त नहीं है। 

उन्होंने बताया कि SP (सोशल प्रोटेक्शन) की बात करें तो 46.9% को ही प्राप्त है। उन्होंने बताया कि G-20 देशों में वृद्धवस्था पेंशन सर्वाधिक कवरेज मिला हुआ है।

इस सत्र में वर्कर्स एजुकेशन बोर्ड के चेयरमेन विरजेश उपाध्याय ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा को सिर्फ सरकार, उद्योग जगत की जिम्मेदारी नहीं मानी जानी चाहिए। इसे समाज की सहभागिता से हासिल किया जाना चाहिए।

इसी सत्र में NFITU की उपाध्यक्ष इंदिरा सक्सेना ने कहा कि अंतराष्ट्रीय स्तर पर नियमन मज़बूत किया जाए। उन्होंने बताया कि इस दिशा में भारत पोर्टल बनाकर पहल कर रहा है।

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