गया, 09 सितम्बर (अंज न्यूज़ मीडिया) गरीबी महँगाई बेरोज़गारी से जूझते भारत का चकाचक G20 2023 में पीएम मोदी का चला हथौड़ा।
गरीब भारत में G20 2023 की जय हो ! पीएम मोदी का विजय हो

DELHI : 2023 का जी-20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली, भारत में आयोजित किया गया था। यह जी-20 का 18वां शिखर सम्मेलन था। इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी भारत ने की थी, जो जी-20 का अध्यक्ष था।
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इस शिखर सम्मेलन में दुनिया के 20 सबसे बड़े अर्थव्यवस्था वाले देशों के प्रमुखों ने भाग लिया, जिनमें संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, इटली, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, अर्जेंटीना, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, इंडोनेशिया, मेक्सिको और दक्षिण कोरिया शामिल थे।
इस शिखर सम्मेलन का मुख्य विषय “एक विश्व, एक परिवार, एक भविष्य” था। इस विषय के तहत, शिखर सम्मेलन के भागीदारों ने वैश्विक आर्थिक विकास, जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य देखभाल जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
शिखर सम्मेलन के बाद, भागीदारों ने एक संयुक्त घोषणा जारी की, जिसमें उन्होंने इन मुद्दों पर अपने संकल्पों को रेखांकित किया।
भारत की जी-20 अध्यक्षता के तहत, इस शिखर सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण पहल की गईं, जिनमें शामिल हैं:
- एक वैश्विक खाद्य सुरक्षा पहल शुरू करना
- जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई को तेज करना
- एक नई वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा व्यवस्था का प्रस्ताव करना
- तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देना
- अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना
भारत की जी-20 अध्यक्षता को एक सफल अध्यक्षता माना जाता है। इसने भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद की है।
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2023 में भारत में आयोजित हुए G20 शिखर सम्मेलन में निम्नलिखित देशों के राष्ट्राध्यक्ष/प्रधानमंत्री शामिल हुए:
- भारत: नरेंद्र मोदी
- अर्जेंटीना: अल्बर्टो फर्नांडीज
- ऑस्ट्रेलिया: एंथनी अल्बानीज़
- ब्राजील: जायर बोल्सोनारो
- कनाडा: जस्टिन ट्रूडो
- चीन: शी जिनपिंग
- फ्रांस: इमैनुएल मैक्रों
- जर्मनी: ओलाफ शॉल्त्स
- भारत: नरेंद्र मोदी
- इंडोनेशिया: जोको विडोडो
- इटली: मारियो ड्रैगी
- जापान: फुमियो किशिदा
- कोरिया गणराज्य: यून सियोक-योल
- मैक्सिको: आंद्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्राडोर
- रूस: व्लादिमीर पुतिन
- सऊदी अरब: मोहम्मद बिन सलमान
- दक्षिण अफ्रीका: सिरिल रामफोसा
- तुर्की: रेचेप तैयप एर्दोगन
- ब्रिटेन: बोरिस जॉनसन
- संयुक्त राज्य अमेरिका: जो बाइडेन
इसके अलावा, यूरोपीय संघ के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन भी शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।
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G20 2023 एक अंतरराष्ट्रीय आर्थिक संगठन है जिसकी स्थापना 1999 में 20 सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के देशों द्वारा की गई थी। इसका मुख्यालय जर्मनी के बर्लिन में है। G20 2023 Summit का लक्ष्य वैश्विक आर्थिक सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना है।
जी20 की उपलब्धियों में शामिल हैं:
- वैश्विक आर्थिक मंदी से उबरने में मदद करना
- वैश्विक व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना
- जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटना
- विकासशील देशों के लिए समर्थन प्रदान करना
जी20 की कुछ विशिष्ट उपलब्धियों में शामिल हैं:
- 2008-2009 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद वैश्विक आर्थिक प्रणाली को मजबूत करना
- 2015 पेरिस समझौते पर सहमति, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए एक वैश्विक समझौता है
- 2016 स्टैमफोर्ड प्लान पर सहमति, जो विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक योजना है
- 2019 रियाद घोषणा पर सहमति, जो आतंकवाद और हिंसा से निपटने के लिए एक संयुक्त दृष्टिकोण है
जी20 की अध्यक्षता हर साल एक सदस्य देश द्वारा की जाती है। 2023 में, भारत ने जी20 की अध्यक्षता की। भारत ने अपनी अध्यक्षता के दौरान वैश्विक आर्थिक विकास, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और विकासशील देशों के लिए समर्थन जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया।

भारत की जी20 अध्यक्षता की कुछ प्रमुख उपलब्धियों में शामिल हैं:
- दिल्ली घोषणा पत्र पर सहमति, जो वैश्विक विकास, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए एक दृष्टिकोण प्रदान करता है
- पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण की पहल शुरू करना, जो कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद करेगा
- बहुपक्षीयवाद का समर्थन करना और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को मजबूत करना
भारत की G20 2023 Summit जी20 अध्यक्षता को व्यापक रूप से सफल माना जाता है। यह भारत के बढ़ते वैश्विक नेतृत्व और वैश्विक आर्थिक मंच पर अपनी भूमिका को दर्शाता है।
भारत एक विकासशील देश है और इसका जीडीपी प्रति व्यक्ति दुनिया में 165वें स्थान पर है। ऐसे में, भारत की जी20 सदस्यता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह भारत की अर्थव्यवस्था की ताकत और विकास की क्षमता को दर्शाता है।
भारत की जी20 सदस्यता के कुछ विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- भारत की G20 2023 सदस्यता विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा है। यह दिखाता है कि विकासशील देश भी वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में प्रमुख भूमिका निभा सकते हैं।
- भारत की G20 2023 सदस्यता भारत की वैश्विक साख को बढ़ाती है। यह भारत को विश्व मंच पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।
- भारत की G20 2023 सदस्यता भारत को वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाने की अनुमति देती है।
- यह भारत को अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में सुधार करने में मदद कर सकता है।
भारत ने जी20 सदस्यता के दौरान विभिन्न मुद्दों पर महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनमें जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद, और वैश्विक स्वास्थ्य शामिल हैं। भारत ने विकासशील देशों के हितों को बढ़ावा देने के लिए भी काम किया है।

भारत की जी20 सदस्यता एक ऐतिहासिक अवसर है। यह भारत को वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में एक अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और अपने विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
यहां भारत की जी20 सदस्यता के कुछ विशिष्ट लाभ दिए गए हैं:
- भारत को वैश्विक आर्थिक विकास में अधिक भूमिका निभाने का अवसर मिलता है। भारत दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देशों में से एक है और यह एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। G20 2023 सदस्यता भारत को वैश्विक आर्थिक विकास को चलाने में मदद करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद कर सकती है।
- भारत को वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर अधिक प्रभावी ढंग से बातचीत करने का अवसर मिलता है। G20 2023 दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक समूह है। G20 2023 सदस्यता भारत को इन देशों के साथ सहयोग करने और वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर अपनी प्राथमिकताओं को बढ़ावा देने में मदद कर सकती है।
- भारत को वैश्विक आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने का अवसर मिलता है। G20 2023 सदस्यता भारत को अन्य देशों के साथ काम करने और वैश्विक आर्थिक प्रणाली को अधिक मजबूत और न्यायसंगत बनाने में मदद कर सकती है।
कुल मिलाकर, भारत की G20 2023 सदस्यता एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है जो भारत को वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में एक अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद कर सकती है।
G20 2023 में मोदी का चला हथौड़ा ! विश्व शिल्पी भगवान बाबा विश्वकर्मा की प्रतीक है हथौड़ा ! हथौड़े के दम पर रची गई है सृष्टि

“हथौड़ा” एक हिंदी शब्द है जिसका अर्थ है “कुल्हाड़ी”। G20 2023 शिखर सम्मेलन के संदर्भ में, यह उस कुल्हाड़ी का संदर्भ है जिसका उपयोग प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के दौरान प्रतीकात्मक रूप से एक पेड़ को काटने के लिए किया था। इसे जलवायु कार्रवाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के संकेत के रूप में देखा गया।
जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए G20 2023 शिखर सम्मेलन में मोदी के भाषण की व्यापक रूप से प्रशंसा की गई। उन्होंने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया और प्रतिज्ञा की कि भारत 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन हासिल कर लेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत 2040 तक कोयले को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर देगा।
मोदी द्वारा कुल्हाड़ी के इस्तेमाल को जलवायु कार्रवाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत करने के एक तरीके के रूप में देखा गया। कुल्हाड़ी ताकत और शक्ति का एक पारंपरिक प्रतीक है और इसका उपयोग करके, मोदी प्रतीकात्मक रूप से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भारत के नेतृत्व का दावा कर रहे थे।
भारत के सन्दर्भ में कुल्हाड़ी का और भी विशिष्ट अर्थ है। यह उस जाट समुदाय का प्रतीक है, जिससे मोदी आते हैं। जाट उत्तर भारत में एक शक्तिशाली कृषि समुदाय हैं, और उनके पास औपनिवेशिक शासन के प्रतिरोध का एक लंबा इतिहास है। मोदी कुल्हाड़ी चलाकर जाट समुदाय और उनके पारंपरिक मूल्यों की भी अपील कर रहे थे.
कुल मिलाकर, मोदी द्वारा कुल्हाड़ी का इस्तेमाल एक शक्तिशाली और प्रतीकात्मक इशारा था जिसने जलवायु कार्रवाई के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के बारे में एक स्पष्ट संदेश भेजा। यह उनके लिए जाट समुदाय और उनके पारंपरिक मूल्यों से जुड़ने का एक तरीका भी था।

9 सितंबर, 2023 को G20 2023 नेताओं को अपने संबोधन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक विकास के लिए “मानव-केंद्रित” दृष्टिकोण का आह्वान किया, और जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा और असमानता की चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने कहा कि दुनिया को अधिक टिकाऊ और न्यायसंगत भविष्य की ओर ले जाने की G20 2023 की “विशेष जिम्मेदारी” है। उन्होंने इन क्षेत्रों में भारत के अपने प्रयासों पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन के प्रति इसकी प्रतिबद्धता और इसकी प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएम-जीकेएवाई), जो लाखों गरीब लोगों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है।
मोदी के भाषण को अन्य नेताओं ने खूब सराहा, जिन्होंने मानव विकास पर उनके फोकस और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने की उनकी इच्छा की सराहना की।
पेश हैं मोदी के भाषण की कुछ प्रमुख बातें:
जी20 को “एक ऐसी दुनिया का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए जो अधिक समावेशी, न्यायसंगत और टिकाऊ हो”।
जलवायु परिवर्तन “हमारे समय की निर्णायक चुनौती” है और G20 2023 को इससे निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
खाद्य सुरक्षा एक और बड़ी चुनौती है और G20 2023 को यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना चाहिए कि हर किसी को किफायती और पौष्टिक भोजन मिले।
असमानता एक बढ़ती हुई समस्या है और G20 2023 को एक ऐसी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करना चाहिए जो सभी के लिए काम करे, न कि केवल कुछ अमीर लोगों के लिए।
G20 2023 को दुनिया भर में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए भी काम करना चाहिए।
मोदी का भाषण आज दुनिया के सामने मौजूद प्रमुख चुनौतियों पर कार्रवाई का एक मजबूत आह्वान था। यह वैश्विक मामलों में अग्रणी भूमिका निभाने की भारत की प्रतिबद्धता की भी याद दिलाता है।

अपने भाषण के अलावा, मोदी ने शिखर सम्मेलन के मौके पर कई अन्य विश्व नेताओं से भी मुलाकात की। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सहित अन्य लोगों से बातचीत की। ये बैठकें मोदी के लिए यूक्रेन में युद्ध, वैश्विक अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन सहित आपसी हित के कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर थीं।
G20 2023 शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम था और मोदी की भागीदारी विश्व मंच पर देश के बढ़ते महत्व का संकेत थी। उनका भाषण और अन्य नेताओं के साथ उनकी बैठकें एक अधिक टिकाऊ, न्यायसंगत और शांतिपूर्ण दुनिया के निर्माण की दिशा में एक सकारात्मक कदम थीं।
2023 G20 भारत की तस्वीर खींचने का क्षण एक ऐतिहासिक क्षण है। यह पहली बार है जब भारत ने G20 2023 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की है, और यह भारत की बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक है।
9 सितंबर, 2023 को, भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में G20 2023 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों के नेताओं की तस्वीर खींची। इस तस्वीर में, मोदी जी ने सभी नेताओं को एक साथ खड़ा कर एक मजबूत और एकजुट भारत की छवि दिखाई।
इस तस्वीर को खींचने के पीछे कई महत्वपूर्ण अर्थ हैं। सबसे पहले, यह भारत की मेजबानी क्षमता और कुशलता का प्रदर्शन है। भारत ने शिखर सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए सभी व्यवस्थाएं कीं, और यह तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि भारत एक जिम्मेदार और विश्वसनीय भागीदार है।
दूसरे, यह तस्वीर भारत की बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक है। भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, और यह एक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। G20 2023 शिखर सम्मेलन में भारत की मेजबानी करने से भारत को वैश्विक मंच पर अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी।
तीसरे, यह तस्वीर भारत की विविधता और सहिष्णुता की भावना का प्रतिनिधित्व करती है। G20 2023 शिखर सम्मेलन में 20 देशों के नेता शामिल थे, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराएं थीं। यह तस्वीर इस बात का प्रमाण है कि भारत एक विविध और समावेशी समाज है।

कुल मिलाकर, 2023 G20 भारत की तस्वीर खींचने का क्षण एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण है। यह भारत की बढ़ती आर्थिक और राजनीतिक शक्ति का प्रतीक है, और यह भारत की मेजबानी क्षमता और कुशलता का प्रदर्शन है।
G20 2023 में भारत में हुए G20 2023 शिखर सम्मेलन पर भारत सरकार ने 4254.75 करोड़ रुपये खर्च किए। इन खर्चों में सुरक्षा, सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे के रखरखाव, बागवानी सुधार, जी20 ब्रांडिंग, और अन्य प्रशासनिक खर्च शामिल हैं।
सरकार ने इस खर्च को वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की बढ़ती भूमिका और वैश्विक नेतृत्व के दावे के लिए एक आवश्यक निवेश के रूप में बताया। हालांकि, कुछ लोगों ने इस खर्च को अनावश्यक और भारत की गरीबी को कम करने के लिए अधिक महत्वपूर्ण कार्यों पर खर्च किए जाने के लायक नहीं बताया।
यहां G20 शिखर सम्मेलन पर हुए खर्च का एक विस्तृत विवरण दिया गया है:
- सुरक्षा: 2000 करोड़ रुपये
- सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे का रखरखाव: 1000 करोड़ रुपये
- बागवानी सुधार: 500 करोड़ रुपये
- जी20 ब्रांडिंग: 500 करोड़ रुपये
- अन्य प्रशासनिक खर्च: 254.75 करोड़ रुपये
कुल: 4254.75 करोड़ रुपये
2023 जी-20 शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक ऐतिहासिक अवसर था। यह पहली बार था जब भारत ने इस बड़े आर्थिक समूह की अध्यक्षता की थी। शिखर सम्मेलन के लिए भारत ने भारी धनराशि खर्च की, और इसने दिल्ली में सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को प्रभावित किया।
कुछ लोगों ने इस आयोजन को भारत के लिए एक अपव्यय माना। उन्होंने तर्क दिया कि भारत में गरीबी और असमानता जैसी गंभीर समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, सरकार ने एक महंगे आयोजन पर पैसा खर्च किया।
दूसरों ने इस आयोजन को भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर माना। उन्होंने तर्क दिया कि यह भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि शिखर सम्मेलन भारत को वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने का अवसर प्रदान करता है।

भारत में गरीबी और असमानता की समस्याएं वास्तव में गंभीर हैं। 2023 में, भारत में लगभग 250 मिलियन लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते थे। और, भारत में आय असमानता दुनिया में सबसे खराब है।
इसलिए, यह समझ में आता है कि कुछ लोगों ने G20 2023 शिखर सम्मेलन को एक अपव्यय माना। हालांकि, यह भी सच है कि यह आयोजन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर था।
यह भारत को वैश्विक मंच पर एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में मदद कर सकता है, और यह भारत को वैश्विक आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए अन्य देशों के साथ सहयोग करने का अवसर प्रदान कर सकता है।
अंततः, यह निर्णय प्रत्येक व्यक्ति पर निर्भर है कि वह जी-20 शिखर सम्मेलन को कैसे देखता है।