घूस नहीं देने पर लंबे समय तक म्यूटेशन- परिमार्जन कार्य जाता है अटक
दाखिलखारिज- परिमार्जन से त्रस्त ग्रामीणों ने कहा अंचल कार्यालय में घूस के वगैर नहीं होता है कोई कार्य, सुशासन के नाम पर माँगता है रिश्वत, वर्ना, नहीं होता है कार्य! लटक जाता
Advertisement
गया के अंचलों में सुशासन के नाम पर चलती है घूसखोरी
जिले के CO, KC और Munshi पर चलेगा DM का कार्रवाई रूपी हथौड़ा ! अंचलों में मची हड़कंप
![]() |
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार |
गया, बिहार : वर्ष 2005 से सिंहासन सत्ता के लिए कभी इधर, कभी उधर राजनैतिक छलाँग मारने वाले मुख्यमंत्री नीतीश के बिहार का कैसा है हाल-चाल ! जरा ग़ौर फ़रमाइये।
CM साहब ! जरा ग़ौर फ़रमाइये, घूसखोरी की शिकायत अब DM के जनता दरबार में पहुँचने लगी है। जो दुर्भाग्यपूर्ण है। आप जैसे महान सेवक के सामने, जनता रूपी मालिक रिश्वतख़ोरी से त्रस्त है। जो बिहार के लिए अच्छी नहीं है। अब आपके सुशासन के नाम पर धड़ल्ले से चल रही है घूसखोरी।
गया ज़िले के DM दरबार में पहुँच रहा है रिश्वतख़ोरी का मामला। दाखिलखारिज और परिमार्जन से त्रस्त ग्रामीणजन पहुँच रहे हैं DM दरबार में न्याय के लिए। क्योंकि (CO) अंचलाधिकारियों और कर्मचारियों से ग्रामीणों का भरोसा उठ गया है। फरियादियों की फरियाद से यह साफ़ जाहिर होता है की जिले के अंचल कार्यालयों में रिश्वत रूपी घूसखोरी की पूजा होती है। यहीं वजह है कि आमजन अंचल कार्यालयों से त्रस्त हैं हीं, विवश भी। क्योंकि DM के दरबार में रिश्वतख़ोरी का मुद्दा पहुंचना बड़ी बात है। लगातार, गया DM के दरबार में दाखिलखारिज और परिमार्जन में रिश्वतख़ोरी का मामला पहुंचता है। DM दरबार में यह देखने को मिला। वह थमने का नाम नहीं ले रहा, जो दुखदाई है।
![]() |
घूस की शिकायत सीधे DM दरबार में पहुँचा, दरबार शर्मसार हो उठा |
रिश्वतख़ोरी से तंग ज़िले के लोग अब सीधे DM दरबार में पहुँच कर CO, कर्मचारी और मुंशी की रिश्वतख़ोरी की आपबीती सुनाई, तो DM त्यागराजन SM दंग रह गए। वे कार्रवाई के लिए विवश हो गए। घूसखोरी की शिकायत से DM का जनता दरबार शर्मसार हो उठा। DM त्यागराजन SM भौंचक रह गए। यही वजह है कि DM साहब को कठोर कार्रवाई के लिए विवश होना पड़ा।
गया में सुशासन के नाम पर माँगा गया घूस से CM नीतीश कुमार का ऐतिहासिक सुशासन भी शर्मसार हुआ है। गया जिले के 24 अंचलों में रिश्वतख़ोरी का बोलबाला है। वह थम नहीं रहा है। निगरानी विभाग का डर- ख़ौफ़ भी उनके अंदर से ग़ायब हो चुका है। शायद, निगरानी विभाग मुर्दा सा हो गया है। जिसके वजह से गया में घूसखोरी चरम पर है। ऐसी दास्ताँ, गया जिला सहित सूबे बिहार में मिलती है। सुशासन चर्मराया! रिश्वतख़ोरी हाबी। त्रस्त बिहार है! जनता बेहाल है।
![]() |
anjnewsmedia |
कर्मचारी की इतनी भारी कमाई होती है कि वह 4-4 ग़ैर- सरकारी मुंशी यानि दलाल को रखता है। जिसकी दलाली में कर्मचारी ऊपरी कमाई करता है। जो सरकारी वेतन से कई गुणा ज़्यादा होता है। यही वजह है आय से अधिक उसकी संपत्ति होती है।
यही वजह है कि अब लोग कहते हैं- बिहार में का बा ! घूसखोरी बा। ऑफिसवा मे, इ सुन के कलेजवा फट जा हे ! करुं तउ की।
याद रखें, सुशासन मरा नहीं! ज़िंदा है। सुशासन का स्वामी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी मौन हैं परंतु जब कार्रवाई करेंगे तो …?
➖ Exclusive Report! Anjnewsmedia Presentation