Gaya | {फाइलेरिया उन्मूलन अभियान}- AnjNewsMedia

10 फरवरी से फाइलेरिया उन्मूलन अभियान


48 लाख से अधिक आबादी को खिलायी जायेगी दवा


फाइलेरिया से बचाव के लिए आशा देंगी दवा, उनके सामने जरूर करें दवा का सेवन: डॉ हक

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के प्रति जागरूकता लाने के लिए आयोजित किया गया मीडिया कार्यशाला

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Gaya | {फाइलेरिया उन्मूलन अभियान}- AnjNewsMedia

गया : जिला में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के तहत दवा का सेवन कराया जायेगा. फाइलेरिया एक गंभीर रोग है. इस रोग के होने से व्यक्ति के हाथ, पैर या जननांग में सूजन आ जाती है. सूजन के कारण हाथीपांव हो जाता है. पुरुषों में हाइड्रोसील की समस्या होती है. हाथीपांव का इलाज नहीं किया जा सकता. जबकि हाइड्रोसील को सर्जरी के माध्यम से इलाज किया जाता है. हाथीपांव से प्रभावित व्यक्ति उम्रभर के लिए विकलांगता का शिकार हो जाता है. उसके प्रभावित अंगों में हमेशा दर्द रहता है और वह सामान्य व्यक्ति की तरह काम नही कर पाता है. 

यह बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमई हक ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान से पूर्व वृहस्पतिवार को सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कक्ष में आयोजित मीडिया कार्यशाला के दौरान कही. सीफार के सहयोग से जिला वेक्टर बॉर्न नियंत्रण विभाग द्वारा आयोजित मीडिया कार्यशाला में विश्व स्वास्थ्य संगठन, केयर इंडिया, पीसीआई, पीरामल आदि सहयोगी संस्थाओं के साथ मीडियाकर्मी मौजूद रहे. 

डॉ एमई हक ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए एमडीए अभियान चलाया जाता है. इस अभियान के दौरान फाइलेरिया संभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दवा दी जाती है. जिला में चलने वाले इस अभियान के दौरान लोगों को दो प्रकार की दवा दी जायेगी जिसमें अल्बेंडाजोल और डीईसी शामिल हैं. इन दवाओं की शरीर में मौजूद फाइलेरिया परजीवी को समाप्त करने में अ​हम भूमिका होती है. केंद्र सरकार के फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्यों को देखते हुए बिहार में एमडीए अभियान की शुरुआत की जानी है. वर्ष 2030 तक फाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

दवा सेवन के लिए 48 लाख से अधिक आबादी लक्षित: 

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि जिला में दो हजार टीम तैयार की गयी है. इसमें दो स्वास्थकर्मी दवा सेवन कराने का काम करेंगे. अभियान के दौरान 200 सुपरवाइजर होंगे. 

अभियान के दौरान जिला के सात लाख 71 हजार 313 घरों को कवर किया जायेगा. दवा सेवन के लिए योग्य लाभार्थियों की संख्या 48 लाख 44 हजार 936 आबादी को लक्षित किया गया है. अभियान 14 दिनों तक चलेगा. 

उन्होंने बताया कि दवा सेवन से किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है. यदि दवा सेवन के बाद सरदर्द, उल्टी और बुखार जैसी परेशानियां होती है तो यह फाइलेरिया संक्रमण का संकेत है.  दवा खाने के बाद आपके शरीर में मौजूद फाइलेरिया कृमि के मरने के कारण यह प्रतिक्रिया हुई थी. अगली बार दवा खाने पर ऐसी प्रतिक्रिया नहीं होने की संभावना है.दवा का सेवन स्वास्थ्यकर्मियों के सामने की करना है.


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गया : विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला के अवसर पर आशिन महीने में हर वर्ष विभिन्न राज्यों एवं देशों से तीर्थयात्री अपने पितरों की तर्पण करने हेतु गया जिला आते हैं।

     पितृपक्ष मेला अवधि में गया जिले में यातायात व्यवस्था पर भारी प्रभाव पड़ता है। बिहार सरकार तथा जिला प्रशासन आए सभी तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने हेतु हर तरह के नए-नए प्रयास एवं व्यवस्थाएं मुकम्मल कराती हैं।

              इसी कड़ी में पर्यटन विभाग बिहार सरकार द्वारा विष्णुपद क्षेत्र अवस्थित आईडीएच हॉस्पिटल ( संक्रामक अस्पताल) के भूमि में तीर्थ यात्रियों के आवासन हेतु यात्री भवन निर्माण प्रस्तावित है। इस यात्री भवन में देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को मूलभूत सुविधा के साथ आवासन की व्यवस्था दी जाएगी।

           इसी परिपेक्ष में आज जिला पदाधिकारी गया डॉक्टर त्यागराजन एसएम द्वारा  संक्रामक अस्पताल (आईडीएच हॉस्पिटल) की भूमि का निरीक्षण किया गया। अंचल अधिकारी नगर द्वारा बताया गया कि संक्रामक अस्पताल के कुल 5 एकड़ 27 डिसमिल जमीन है तथा वर्तमान में यहां कुछ पुराने स्ट्रक्चर हैं, जो वर्तमान में काफी जर्जर हैं। जिला पदाधिकारी ने पर्यटन विभाग के आए हुए पदाधिकारी को बताया कि संक्रामक अस्पताल में बनाए गए नगर निगम के टॉयलेट तथा राज्य स्वास्थ्य समिति के भवन को छोड़कर अन्य पूरे परिसर को डिमोलिश किया जाना है। साथ ही उन्होंने कहा कि बरसात के मौसम में आईडीएच हॉस्पिटल में काफी अधिक पानी जमने के कारण पूरे अस्पताल की जमीन जल मग्न रहती है, इसे ध्यान में रखते हुए मॉडल नक्शा तैयार करें, ताकि उसी नक्सा के आधार पर भविष्य में भवन निर्माण कराया जा सके।

     उन्होंने पर्यटन विभाग के पदाधिकारी को यह भी निर्देश दिया कि पितृपक्ष मेला के दौरान ट्रैफिक पर विशेष दबाव रहती है। उन्होंने कहा कि लगभग 800 से 900 छोटी वाहनों के पड़ाव हेतु अंडरग्राउंड पार्किंग की भी व्यवस्था के साथ मॉडल नक्शा तैयार करें। उन्होंने कहा कि संक्रामक अस्पताल के जमीन के किनारे किनारे जितने भी भवन तैयार किए जाएंगे, उसमे भी हर हाल में वाहन पड़ाव हेतु अंडर ग्राउंड पार्किंग अवश्य रखें। उन्होंने कहा कि पार्किंग के साथ-साथ सड़क की कनेक्टिविटी भी काफी महत्वपूर्ण बिंदु है। इसे भी ध्यान देते हुए कहा कि संक्रामक अस्पताल से तीन अलग-अलग कनेक्टिविटी हैं, यथा संक्रामक अस्पताल से विष्णुपद, संक्रामक अस्पताल से मंगला गौरी बाईपास तथा संक्रामक अस्पताल से समीर तकिया ग्वाल बीघा सड़क मिलती है। उन सभी को अच्छे से ध्यान में रखते हुए नक्शा तैयार करें।

          इसके उपरांत सीता कुंड के समीप वाहनों के पड़ाव के लिए पार्किंग स्थल निर्माण हेतु बड़े भूखंड का निरीक्षण किया गया, ताकि चयन करते हुए पितृपक्ष मेला के दौरान विभिन्न राज्यों से आने वाले छोटे वाहनों को पड़ाव हेतु पार्किंग व्यवस्था कायम किया जा सके। सीता कुंड सड़क के बाई ओर लगभग 2 एकड़ तथा सीताकुंड सड़क के दाई ओर लगभग 1 एकड़ जमीन चिन्हित की गई है, जिसमें अंडरपास के साथ पार्किंग व्यवस्था डिवेलप कराने हेतु कार्य योजना तैयार की जा रही है। जिला पदाधिकारी ने यह भी कहा कि पार्किंग स्थल को बाउंड्री वाल के साथ निर्माण कराएं ताकि व्यवस्थित तरीके से वाहनों को पड़ाव किया जा सके। उन्होंने पर्यटन विभाग के आए हुए अभियंता को बताया कि वाहनों के पड़ाव हेतु पार्किंग स्थल, बाईपास मुख्य सड़क के बाएं एवं दाएं दोनों और पड़ रही है, इसे ध्यान में रखते हुए नक्शा बनाएं, ताकि बाईपास पर ट्रैफिक व्यवस्था बरकरार रहे। अंडरपास पार्किंग व्यवस्था करने से यह लाभ मिलेगा कि बाईपास के नीचे नीचे ही एक छोर से दूसरे छोर वाहन पड़ाव कर सके।

          निरीक्षण के दौरान नगर आयुक्त गया नगर निगम अभिलाषा शर्मा, अनुमंडल पदाधिकारी सदर इंद्रवीर कुमार, प्रभारी पदाधिकारी जिला पर्यटन शाखा अभिषेक कुमार, डीपीएम स्वास्थ निलेश कुमार, अंचलाधिकारी नगर, अंचल अधिकारी मानपुर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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गया : जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम द्वारा आज जिले के सुदूरवर्ती अंचल कार्यालय आमस का औचक निरीक्षण किया गया। 

           सर्वप्रथम उन्होंने आरटीपीएस काउंटर का निरीक्षण किया। उन्होंने उपस्थित आईटी असिस्टेंट से जानकारी प्राप्त किया कि आज कितने आवेदन प्राप्त हुए हैं तथा किस-किस मामले से संबंधित आवेदन आए हैं। आईटी असिस्टेंट द्वारा बताया गया कि आज 15 से 20 आवेदन ऑफलाइन में प्राप्त हुए हैं, जो राशन कार्ड तथा आवासीय जाति से संबंधित है। सभी आवेदनों को ऑनलाइन इंट्री की जा रही है। जिला पदाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि काफी कम आवेदन आरटीपीएस पर आए हैं, जो खेद जनक है। आमस आरटीपीएस काउंटर की काफी शिकायतें प्राप्त होती है। उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि आरटीपीएस काउंटर पर अच्छे ईमानदारी से कार्य करें, लोगों की समस्याओं को सुनकर निस्वार्थ भाव में निवारण करें।

          इसके पश्चात आरटीपीएस काउंटर के बाहर अनेकों महिलाओं एवं पुरुषों को देखकर जिला पदाधिकारी ने उनकी समस्याएं को बारी-बारी से सुना। एक आवेदक ने बताया कि नए पदस्थापित राजस्व कर्मचारी मनीष कुमार के हल्का के तहत हीरालाल नामक मुंशी द्वारा एलपीसी निर्गत के लिए अवैध रूप से पैसा लेने के बावजूद भी पिछले 3 महीने से अंचल कार्यालय का चक्कर लगवा रहे हैं। इन बातों को सुनकर जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को सख्त निर्देश दिया कि संबंधित मुंशी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करें साथ ही अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि पूरे मामले को जांच करते हुए 2 दिनों के अंदर एलपीसी निर्गत करने का कार्य करें।

     इसके पश्चात आमस प्रखंड के नवनिर्वाचित मुखिया समूह द्वारा भी जिला पदाधिकारी को आमस प्रखंड के क्षेत्र में पेयजल की समस्या से अवगत करवाया। जिला पदाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी आमस तथा अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी को निर्देश दिया कि आमस क्षेत्र में कितने वार्ड में पानी की सप्लाई बंद है, कितने वार्ड में ऑपरेटर की कमी है तथा अन्य जो भी समस्या के कारण पानी सप्लाई बंद है, उसकी पूरी विवरण तैयार कर 1 सप्ताह के अंदर उपलब्ध करावे ताकि संबंधित विभाग से समन्वय स्थापित कर पानी की निर्बाध व्यवस्था रखी जाए।

         निरीक्षण के पहले अंचल कार्यालय आमस में जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी शेरघाटी, डीसीएलआर शेरघाटी, अंचलाधिकारी तथा सभी राजस्व कर्मचारियों के साथ भूमि संबंधी समीक्षा बैठक की गई। 

         बैठक में बताया गया कि आमस अंचल अंतर्गत कुल चार राजस्व कर्मचारी पदस्थापित हैं तथा यहां कुल 9 हलके हैं।

     जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि भारतमाला प्रोजेक्ट में पूरी ईमानदारी से कार्य करें। भूमि अधिग्रहण के लिए प्राप्त आवेदनों के विरुद्ध तेजी से एलपीसी निर्गत करावे। भारतमाला के तहत आमस अंचल में कुल 3 मौजा में लगभग 40 रयत हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी शिकायतें मिल रही है कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत अनेकों व्यक्तियों के भूमि को अधिग्रहण किया गया है, परंतु अंचल कार्यालय द्वारा उन्हें समुचित सहयोग नहीं किया जा रहा है। एलपीसी निर्गत करने हेतु ग्रामीणों को सहयोग करने का सख्त निर्देश दिए ताकि उन्हें आसानी से मुआवजा की राशि प्राप्त हो सके। 

     Nh2 सड़क के समीक्षा के दौरान बताया गया कि यहां कुल 26 मौजा हैं। जिला पदाधिकारी ने बताया कि कारमाइन क्षेत्र में एलपीसी काफी ज्यादा लंबित है, उन्होंने राजस्व कर्मचारी को चेतावनी के साथ निर्देश दिया कि अपने-अपने हल्का वार जो भी आवेदन लंबित है, उसे पूरी इमानदारी से समय अवधि में जांच करते हुए कार्य करें।

     इसके उपरांत म्यूटेशन की पेंडेंसी हल्का बार समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि महुआवा मौजा ने काफी अधिक संख्या में म्यूटेशन कार्य लंबित हैं। जिला पदाधिकारी ने डीसीएलआर शेरघाटी को निर्देश दिया कि आमस अंचल के सभी हल्कावार लंबित आवेदनों को जांच करें कि किस कारण से किन के स्तर पर लंबित रखा गया है। साथ ही निर्देश दिया की सुरेंद्र पासवान राजस्व कर्मचारी को अविलंब पूर्व में दिए गए सभी हल्का को बदलते हुए दूसरा हल्का आवंटित करें। साथ ही सुरेंद्र पासवान कर्मचारी जिनके पास कलवन, आकौना एवं महुआवा हल्का आवंटित है, जिसमे सबसे अधिक इसी राजस्व कर्मचारी के पास 1 हजार से ऊपर म्यूटेशन से संबंधित आवेदन लंबित है। जिला पदाधिकारी ने डीसीएलआर शेरघाटी को निर्देश दिया कि संबंधित कर्मचारी के विरुद्ध कार्य में लापरवाही तथा शिथिलता के विरुद्ध 1 सप्ताह के अंदर जांच करते हुए करवाई हेतु प्रतिवेदित करें।

     जिला पदाधिकारी ने सभी राजस्व कर्मचारी तथा अंचलाधिकारी को निर्देश दिया कि हर पंचायत में सप्ताह में 1 दिन कर्मचारियों को रोटेशन पर हर हाल में भेजें। जिला पदाधिकारी ने कहा कि आमस अंचल अंतर्गत कोई भी राजस्व कर्मचारी महीने भर किसी भी गांव या पंचायत में लोगों की समस्या सुनने या आवेदन प्राप्त करने नहीं जाते हैं, सभी राजस्व कर्मचारी अंचल कार्यालय में ही बैठे रहते हैं, जो सरकार के नियम के विपरीत है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सप्ताह में 1 दिन हर हाल में पंचायत में अनिवार्य रूप से जाएं।

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