गया, 20 अगस्त 2023 (अंज न्यूज़ मीडिया) Gaya DM Thiyagarajan ने किया गया जिले भर में हुई के धान रोपनी की गहन समीक्षा। उन्होंने मक्का बीज को वीरान पड़े खेतों में लगवाने का दिया निर्देश।
गया जिले में 145880 हे० में (लगभग 75 प्रतिशत) हुई है धान की रोपनी : Gaya DM
जिला पदाधिकारी, गया की अध्यक्षता में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुई। गया जिला में खरीफ 2023 मौसम में माह जून, जुलाई एवं अगस्त (19.08.2023) तक सामान्य वर्षापात 582.03 मि०मी० है। जिसके विरुद्ध अभी तक 350.83 मि०मी० वर्षा हुई।
मक्का बीज को वीरान पड़े खेतों में लगवाने का दिया निर्देश : Gaya DM
जो सामान्य से 39.70% कम है। माह अगस्त अभी तक वर्षा सामान्य रही है। माह अगस्त में दिनांक 19.08.2023 तक कुल वर्षापात 152.43 मि०मी० के विरुद्ध 163.83 मि०मी० वर्षा हुई है। गया जिले में धान आच्छादन के लक्ष्य 190186 हे० के विरुद्ध 145880 हे० रोपनी हो चुकी है।
Gaya DM ने मक्का फसल आच्छादन के पर्यवेक्षण हेतु प्रखंड स्तर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को जिम्मेवारी सौंपी
धाान फसल का आच्छादन सबसे कम डुमरिया प्रखंड (42.23%) एवं सबसे अधिक खिजरसराय प्रखंड में (92.26%) है। फतेहपुर प्रखंड के नगवाँ पंचायत में धान का सबसे कम आच्छादन (23.42%) है। सबसे अधिक धान फसल आच्छादन कोंच प्रखंड के मंझियावाँ पंचायत में (111.27%) है।
लो वोल्टेज की समस्या को अविलम्ब सुधार कराएं अधीक्षण अभियंता, बिजली विभाग : Gaya DM
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों के पास अभी भी धान का बिचड़ा सुरक्षित है। जिससे अगस्त माह के अन्तिम सप्ताह तक रोपनी होने की संभावना है। जिलाधिकारी त्यागराजन कहा सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सभी कृषि समन्वयक, बी०टी०एम०, ए०टी०एम० एवं किसान सलाहकार अपने पंचायत में भ्रमण करेंगे। उन्होंने इसी कड़ी में आगे निर्देश दिया कि धान एवं अन्य खरीफ फसल आच्छादन का वास्तविक रकवा Bihan App पर अपलोड करें।
इसी क्रम में गया डीएम त्यागराजन ने कड़े शब्दों में कहा फसल आच्छादन के आँकड़ों में गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कार्य में लापरवाही बरतने पर एवं कार्य क्षेत्र से अनुपस्थित रहने पर संबंधित कर्मी के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अपने क्षेत्र में वैकल्पिक फसल के रुप में वितरित किये जा रहे मक्का बीज के आच्छादन पर पूरी निगरानी रखें।
इस संबंध में कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मोराटाल बतरसपुर में अंतिम छोर तक पानी जा रहा है। तिलैया ढ़ाढ़र नहर प्रमंडल अन्तर्गत फतेहपुर में पिछले 48 घंटे से 45 आर०डी० तक पानी उपलब्ध है।
DM की पहल से जिले के किसानों के उदास चेहरे पर लौटी मुस्कान
लीलाजन सिंचाई योजना के तहत सिर्फ मुख्य नहर में पानी है। पूर्वी सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल, टेकारी एवं कुर्था प्रमंडल के नहर में पानी नहीं है। औरंगाबाद में कुर्था नहर प्रणाली द्वारा शनिवार शुक्रवार और रविवार को पानी उपलब्ध कराया जाता है।
बैठक में उपस्थित प्रखंड कृषि पदाधिकारियों ने बताया कि बांके बाजार के बैताल पंचायत, नीमचक बथानी के नैली पंचायत, परैया के मंझियावा गांव एवं कपसिया पंचायत, गुरारू के देवकली पंचायात के एग्रीकल्चर फिडर में लो वोल्टेज की समस्या है। जिला पदाधिकारी द्वारा अधीक्षण अभियंता को लो वोल्टेज की समस्या को तत्काल सुधार कराने का निर्देश दिया।
जाहिर हो गया जिला सुखाड़ कि चपेट में है परन्तु जिला प्रशासन ने इस समस्या से निपटने का हर संभव प्रयास कर रहा है। जो गया डीएम त्यागराजन की बेहतरीन पहल है। उनकी पहल जिले के किसानों के उदास चेहरे पर मुस्कान लौटा दी है।