गया, (अंज न्यूज़ मीडिया) Gaya DM डॉ त्यागराजन एसएम ने लिया मोराटाल पइन का जायजा। मानपुर- बोधगया के दर्जनों गांव के सिंचाई का है साधन।

जिलाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने पइन का किया गहन निरीक्षण:
इस दौरान जिलाधिकारी किसानों से रूबरु होकर उनकी समस्याओं की जानकारी भी हासिल की। साथ ही उन्होंने किसानों के साथ बैठक भी किया। इस दौरान उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए कहा कि समस्याओं से संबंधित विभाग को अवगत कराया गया है। जल्द ही पइन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा। इस दौरान किसानों ने जिलाधिकारी को मोराटाल पइन पर हुए अवैध अतिक्रमण सहित अन्य समस्याओं की विस्तृत जानकारी दी।
मौके पर मौजूद पूर्व मंत्री ने कहा कि वर्ष 1980 से 2020 तक बोधगया प्रखंड के मोराटाल, छाछ, लाडपुर, मनकोशी, परेवा सहित मानपुर प्रखंड के दर्जनों गांव में इस पइन के पानी से पटवन किया जाता रहा है। फिलवक्त, वह अतिक्रमण का शिकार हो गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि मोराटाल से निकले हुए पइन कुछ स्थान पर मृत हो गया है। उसे पुनर्जीवित कराने का कार्य कराया जाएगा। पइन के रास्ते में जो भी अतिक्रमण है, उसे अविलंब हटवाया जाएगा।
डीएम ने आगे कहा कि वह पइन कुछ जगह पर संकीर्ण हो गया है। उसे दुरुस्त कराने का आदेश संबंधित विभाग को दिया गया है। उन्होंने तिलैया ढाढर के अभियंता को निर्देश दिया कि गहन तरीके से पइन का फुल सर्वे कराएं। उन्होंने बताया कि बीच- बीच में पुल-पुलिया के बने स्ट्रक्चर, जो जर्जर या टूट चुके हैं या टूटने की अवस्था में है, उसे दुरुस्त कराने हेतु विभाग से समन्वय स्थापित कर तेजी से बनवाने का निर्देश दिया।
स्मारिका प्रकाशन:
जाहिर हो आगामी Pitru Paksha 2023 पितृपक्ष मेला के अवसर पर जिला प्रशासन, गया द्वारा मेला को सफल एवं यादगार बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष तर्पण नामक स्मारिका का प्रकाशन कराया जाता है। जिसमें देश विदेश के बुद्धिजीवी/साहित्यकार द्वारा पितृपक्ष पर आधारित अपना आलेख उपलब्ध कराया जाता रहा है।
इस वर्ष भी जिला पदाधिकारी द्वारा स्मारिका तर्पण के सफल प्रकाशन हेतु संपादक मंडल का गठन किया गया है, जिसमे संरक्षक के रूप में जिला पदाधिकारी, संयोजक जिला जन संपर्क पदाधिकारी शामिल हैं।
इसी परिप्रेक्ष्य में आज जिला जन संपर्क पदाधिकारी सह संयोजक, स्मारिका प्रकाशन समिति, पितृपक्ष मेला 2023 की अध्यक्षता में जिला जन संपर्क पदाधिकारी के प्रकोष्ठ में संपादक मंडल के सदस्यों के साथ बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे स्मारिका का सफल एवं ससमय प्रकाशन हेतु विचार विमर्श किया गया। साथ ही बैठक में निर्णय लिया गया की 31 अगस्त 2023 तक ही आलेख प्राप्त किया जाएगा तथा प्राप्त आलेखों को ध्यानपूर्वक पढ़ने के बाद ही स्मारिका में शामिल किया जाएगा।